उम्र से पहले बूढ़ा हो रहा दिमाग , 5 साल बाद भी जान नहीं छोड़ रहा ये वायरस!
punjabkesari.in Friday, Aug 22, 2025 - 05:26 PM (IST)

नारी डेस्क : कोरोना वायरस ने पूरी दुनिया को हिला कर रख दिया था। इस महामारी ने न केवल हमारे शारीरिक स्वास्थ्य को चुनौती दी, बल्कि मानसिक और न्यूरोलॉजिकल स्वास्थ्य पर भी गहरा प्रभाव डाला। अब एक नई रिसर्च में यह सामने आया है कि कोविड-19 महामारी ने इंसानों के दिमाग की उम्र को तेजी से बढ़ा दिया है, और यह असर केवल संक्रमित व्यक्तियों तक सीमित नहीं, बल्कि उन लोगों में भी देखा गया है जो वायरस से संक्रमित नहीं हुए।
दिमाग की उम्र कैसे बढ़ी?
शोधकर्ताओं (Researchers) ने लगभग 996 लोगों के MRI स्कैन की जानकारी एकत्र की। हर प्रतिभागी के दो MRI स्कैन लिए गए। पहला महामारी से पहले और दूसरा महामारी के दौरान। पहले स्कैन में सभी का दिमाग लगभग एक ही उम्र का था, यानी कोई खास अंतर नहीं था। लेकिन जब दूसरी बार स्कैन किया गया, तो महामारी के दौरान दिमाग की उम्र में तेजी से वृद्धि देखी गई। यह बताता है कि महामारी के प्रभाव ने हमारे दिमाग की उम्र बढ़ाने में बड़ी भूमिका निभाई है।
सिर्फ कोविड संक्रमण ही नहीं, बल्कि तनाव भी जिम्मेदार
यह शोध (Research) एक अहम बात बताती है कि दिमाग की उम्र बढ़ना केवल कोविड-19 संक्रमित लोगों तक सीमित नहीं है। बल्कि, उन लोगों में भी दिमाग की उम्र तेजी से बढ़ी जो वायरस से संक्रमित नहीं हुए। इसका मतलब है कि महामारी का तनाव, जीवनशैली में बदलाव, सामाजिक और आर्थिक दबाव भी हमारे मानसिक स्वास्थ्य पर गहरा असर डाल रहे हैं। यानी, यह समस्या सिर्फ बीमारी की वजह से नहीं, बल्कि पूरे महामारी के माहौल की वजह से भी पैदा हो रही है।
उम्र और लिंग के आधार पर फर्क
शोध (Research) में यह भी सामने आया कि सामान्य हालात में हमारे दिमाग की उम्र प्रति साल लगभग 3 दिन की दर से बढ़ती है। लेकिन महामारी के दौरान यह दर दोगुनी से भी ज्यादा बढ़कर 7 से 8 दिन प्रति साल हो गई। कोविड से संक्रमित लोगों में यह और भी अधिक, यानी 9 से 10 दिन प्रति साल, पाई गई। इसके अलावा, शोध ने यह भी बताया कि पुरुषों में दिमाग के ग्रे मैटर की उम्र तेजी से बढ़ रही है, जो न्यूरोलॉजिकल स्वास्थ्य के लिए एक चिंता का विषय हो सकता है।
इससे हमें क्या सीखना चाहिए?
इस रिसर्च से यह साफ हो गया है कि महामारी ने सिर्फ शारीरिक स्वास्थ्य को ही प्रभावित नहीं किया, बल्कि मानसिक और न्यूरोलॉजिकल स्वास्थ्य पर भी इसका गहरा असर पड़ा है। दिमाग की तेजी से बढ़ती उम्र भविष्य में याददाश्त कमजोर होना, डिप्रेशन और अन्य न्यूरोलॉजिकल बीमारियों के खतरे को बढ़ा सकती है। इसलिए केवल स्वास्थ्य सेवाओं पर निर्भर रहना ही पर्याप्त नहीं है, हमें अपने तनाव को कम करना, स्वस्थ जीवनशैली अपनानी होगी और सामाजिक असमानताओं को कम करने पर भी ध्यान देना होगा।
कोविड-19 का प्रभाव केवल संक्रमण तक सीमित नहीं रहा, बल्कि इसका दिमाग की उम्र बढ़ने पर दीर्घकालीन असर भी सामने आया है। यह रिसर्च हमें मानसिक स्वास्थ्य, तनाव प्रबंधन और सामाजिक सुधारों को प्राथमिकता देने की जरूरत का संदेश देती है। तभी हम अपने दिमाग को जल्दी बूढ़ा होने से बचा सकेंगे और बेहतर मानसिक स्वास्थ्य के साथ जीवन जी सकेंगे।