चंद्रग्रहण के अगले दिन ये 5 काम जरूर करें, घर से नकारात्मक ऊर्जा होगी दूर!

punjabkesari.in Sunday, Sep 07, 2025 - 02:03 PM (IST)

नारी डेस्क : चंद्रग्रहण एक ऐसा खगोलीय घटना है जब पृथ्वी और सूर्य के बीच चंद्रमा आ जाता है और चंद्रमा सूर्य की किरणों से आंशिक या पूर्ण रूप से छुप जाता है। हिंदू धर्म और शास्त्रों में इसे महत्वपूर्ण माना जाता है। ग्रहण का समय आध्यात्मिक दृष्टि से संवेदनशील माना जाता है, और इसे केवल देखने या इसके प्रभाव से बचने की ही नहीं, बल्कि ग्रहण के बाद सही उपाय करने की भी सिफारिश की जाती है।

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ग्रहण के दिन के प्रभाव

चंद्रग्रहण के दौरान व्यक्ति की मानसिक और शारीरिक स्थिति पर असर पड़ता है। इस समय वातावरण में सकारात्मक और नकारात्मक ऊर्जा दोनों मौजूद रहती हैं। इसलिए इस दौरान जड़ी-बूटियों का सेवन, खाने-पीने की आदतें और पूजा-पाठ करते समय विशेष सतर्कता बरतनी चाहिए। यह समय आध्यात्मिक दृष्टि से संवेदनशील माना जाता है, इसलिए शांति और संयम बनाए रखना आवश्यक है। जानिएं ग्रहण के अगले दिन क्या करना चाहिए।

शुद्धिकरण और स्नान

ग्रहण के अगले दिन स्नान और शुद्धिकरण करना बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है। सुबह जल्दी उठकर हल्के साबुन या नमक से स्नान करें और शुद्ध कपड़े पहनें। इससे घर और शरीर में मौजूद नकारात्मक ऊर्जा दूर होती है और मन को शांति और ताजगी मिलती है। यह उपाय मानसिक और आध्यात्मिक स्वास्थ्य दोनों के लिए लाभकारी होता है।

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घर में गंगा जल और गौमूत्र छिड़कना

ग्रहण के अगले दिन घर में गंगा जल और गौमूत्र का छिड़काव करना बहुत शुभ माना जाता है। गंगा जल को घर के पूजा स्थल, कमरे और मुख्य द्वार पर छिड़कने से नकारात्मक प्रभाव कम होते हैं और घर में शांति का वातावरण बनता है। वहीं, गौमूत्र का हल्का छिड़काव फर्श, पूजा स्थल या आंगन में करने से घर की शुद्धि बढ़ती है और सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह होता है। यह उपाय घर को नकारात्मक ऊर्जा से सुरक्षित रखने और वातावरण को शांत बनाने में मदद करता है।

पूजा और मंत्र जाप

ग्रहण के बाद सूर्य और चंद्रमा की पूजा करना अत्यंत शुभ माना जाता है। घर के पूजा स्थल में दीपक जलाएं और गायत्री मंत्र, सूर्य मंत्र या चंद्र मंत्र का जाप करें। इससे न केवल मन में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है, बल्कि ग्रहण के दौरान उत्पन्न होने वाली नकारात्मक प्रभावों को भी कम किया जा सकता है। यह साधना मानसिक शांति और आध्यात्मिक संतुलन बनाए रखने में मदद करती है।

दान और सेवा

ग्रहण के अगले दिन दान और सेवा करना बहुत ही शुभ माना जाता है। इस दिन गरीबों, जरूरतमंदों और गाय-भैंस को अनाज, फल या वस्त्र का दान करने से न केवल मानसिक शांति मिलती है, बल्कि पुण्य की भी प्राप्ति होती है। यह उपाय घर और परिवार में सकारात्मक ऊर्जा बढ़ाने और नकारात्मक प्रभाव कम करने में मदद करता है।

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भोजन और व्रत

ग्रहण के दिन और उसके अगले दिन हल्का और सात्विक भोजन करना सबसे उचित माना जाता है। इस समय मांसाहार, शराब और अत्यधिक मसालेदार भोजन से बचना चाहिए। यदि संभव हो तो इस दिन फलाहार या उपवास करना भी शुभ होता है। ऐसा करने से शरीर हल्का रहता है, मन शांत रहता है और ग्रहण के नकारात्मक प्रभावों से सुरक्षा मिलती है।

मानसिक और आध्यात्मिक ध्यान

ग्रहण के अगले दिन ध्यान, प्राणायाम और योग करना अत्यंत फायदेमंद माना जाता है। यह न केवल नकारात्मक ऊर्जा को दूर करने में मदद करता है, बल्कि मानसिक शांति और संतुलन भी बनाए रखता है। ऐसे अभ्यास से शरीर और मन दोनों को शक्ति मिलती है और घर में सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह बढ़ता है।

ग्रहण के अगले दिन की सावधानियां

चंद्रग्रहण केवल खगोलीय घटना नहीं है, बल्कि यह हमारे मानसिक और आध्यात्मिक जीवन पर भी असर डालती है। ग्रहण के दौरान और उसके अगले दिन झगड़े, नकारात्मक विचार और गंदगी से पूरी तरह दूर रहना चाहिए। घर में सकारात्मक और शांत वातावरण बनाए रखना बहुत जरूरी है। साथ ही, भोजन, पूजा और दैनिक कार्यों में संयम और शुद्धता बनाए रखें, ताकि ग्रहण का नकारात्मक प्रभाव कम हो और घर में सुख-समृद्धि बनी रहे।
 


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Content Editor

Monika

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