35 साल की महिला की हड्डियों और पीठ तक फैला कैंसर, Back Pain को मामूली समझकर कर रही थी इग्नोर
punjabkesari.in Wednesday, Nov 05, 2025 - 05:07 PM (IST)
नारी डेस्क: हमारी व्यस्त जिंदगी में, रोजमर्रा के दर्द और तकलीफों को नजरअंदाज करना आसान है, यह मानकर कि ये बस बढ़ती उम्र या बहुत ज़्यादा काम करने का नतीजा हैं। खासकर पीठ दर्द, एक ऐसी चीज है जिसका अनुभव ज़्यादातर लोग करते हैं और बिना सोचे-समझे उसे नजरअंदाज कर देते हैं। हाल ही में सोशल मीडिया पर एक एक 35 साल की महिला की कहानी वायरल हो रही है, जो पीठ में खिंचाव या मसल स्ट्रेन को मामूली समझने की भूल कर बैठी और आगे चलकर वह Breast Cancer का कारण बन गया।
महिला की पूरी कहानी
उस महिला को अचानक पीठ में दर्द हुआ , वह सोचने लगी कि शायद दिनभर का काम है, गलत पोजीशन में बैठना है, या मसल खिंच गया है। लेकिन दर्द कम नहीं हुआ बल्कि धीरे-धीरे बढ़ गया रात में जागना, चलने-फिरने में दिक्कत महसूस हुई। अंततः जांच करने पर पता चला कि उसका ब्रैस्ट कैंसर था, जो पहले सिर्फ मसल-पेन के रूप में छुपा हुआ था और फिर हड्डियों-पीठ तक फैल गया था। उन्होंने कहा- “मैंने सोचा मसल स्ट्रेन है, लेकिन असल में यह बीमारी का संकेत था।” शोध बताते हैं कि जब ब्रैस्ट कैंसर हड्डियों (विशेषकर रीढ़, पसलियों) में फैलता है, तो पीठ-दर्द एक लक्षण हो सकता है।
क्या पीठ दर्द है कैंसर का संकेत
हर पीठ-दर्द का मतलब कैंसर नहीं होता, लेकिन शोध के मुताबिक यदि ब्रैस्ट कैंसर हड्डियों तक पहुंच जाता है तो पीठ-दर्द, रीढ़-वर्टेब्रा फ्रैक्चर, रात में बढ़ने वाला दर्द आदि लक्षण हो सकते हैं। उदाहरण के लिए: एक अध्ययन में पाया गया कि दो-तीन महीनों से लगातार पीठ-दर्द रहने पर बाद में ब्रैस्ट कैंसर मेटास्टेसिस पाया गया था।
हमें क्या सीख मिलती है?
रोज़ का थोड़ा-बहुत दर्द कभी-कभी चेक-अप का संकेत भी हो सकता है खास कर यदि दर्द: काफी समय तक बना हुआ हो (2-3 हफ्ते या उससे ज्यादा) और रात में बदतर हो रहा हो। या फिर किसी हादसे-दूर्घटना के बिना अचानक शुरू हुआ हो, साथ में कोई अन्य लक्षण हो (जैसे थकान, वजन गिरना, लिम्फ-नोड सूजन)। ऐसे मामलों में डॉक्टर से सलाह लेना व उचित टेस्ट कराना महत्वपूर्ण है - ताकि समय रहते समस्या पकड़ी जा सके।
ध्यान में रखने वली बातें
यदि आपकोब्रैस्ट कैंसर का पारिवारिक इतिहास है, तो थोड़ी-बहुत ‘हर्ड फीलिंग’ को नजरअंदाज न करें। नियमित रूप से स्व-जांच (self-breast exam) करें और यदि कुछ असामान्य दिखे (गांठ, ठेस, निप्पल में बदलाव) तो तुरंत डॉक्टर से मिलें। पीठ-दर्द को सिर्फ स्लिप डिस्क समझकर टालना न करें - विशेष रूप से अगर दर्द लगातार हो रहा हो। जीवनशैली (व्यायाम, स्वस्थ आहार, पर्याप्त नींद) बनाए रखें - क्योंकि स्वस्थ शरीर बेहतर चेतना देता है।

