क्या धूप से नवजात शिशु का पीलिया ठीक हो सकता है?

punjabkesari.in Tuesday, Mar 04, 2025 - 06:22 PM (IST)

नारी डेस्क: नवजात शिशुओं में पीलिया एक समस्या है, जो अक्सर जन्म के कुछ दिनों बाद देखी जाती है। इसमें शिशु की त्वचा और आंखों का रंग पीला पड़ जाता है, क्योंकि उनके शरीर में बिलीरुबिन नामक पदार्थ का लेवल बढ़ जाता है। बहुत से माता-पिता ये सवाल करते हैं कि क्या सूरज की रोशनी से पीलिया ठीक किया जा सकता है? अगर आप भी इस बारे में जानना चाहते हैं, तो इस आर्टिकल में हम आपको बताएंगे कि पीलिया का इलाज कैसे किया जाता है और क्या हल्की धूप से इससे राहत मिल सकती है।

पीलिया क्या है और इसके कारण

नवजात शिशुओं में पीलिया तब होता है, जब उनके शरीर में बिलीरुबिन नामक पदार्थ का लेवल बढ़ जाता है। बिलीरुबिन एक प्रकार का पीला पदार्थ होता है, जो ब्लड के लाल कणों के टूटने से उत्पन्न होता है। नवजात शिशु का लिवर इस बिलीरुबिन को पूरी तरह से प्रोसेस करने में सक्षम नहीं होता, जिससे यह शरीर में जमा हो जाता है और त्वचा और आंखों में पीलापन आ जाता है। यह आमतौर पर जन्म के कुछ दिनों के भीतर होता है और 2 हफ्तों के भीतर ठीक हो जाता है।

PunjabKesari

पीलिया होने के लक्षण

नवजात शिशु में पीलिया का मुख्य लक्षण शरीर और आंखों का पीला पड़ना है। यह स्थिति पहले कुछ दिनों में विकसित होती है। हल्का पीलिया आमतौर पर बिना किसी विशेष उपचार के ठीक हो जाता है, लेकिन कुछ मामलों में यह गंभीर हो सकता है और चिकित्सा अध्ययन की आवश्यकता हो सकती है।

फोटोथेरेपी – पीलिया का सबसे प्रभावी इलाज

कई शोधो के अनुसार, फोटोथेरेपी पीलिया का सबसे प्रभावी इलाज है। फोटोथेरेपी में शिशु को नीली-हरी रोशनी के नीचे रखा जाता है, जो बिलीरुबिन को तोड़ने और शरीर से बाहर निकालने में मदद करती है। यह एक मान्यता प्राप्त और वैज्ञानिक तरीके से इलाज का सबसे प्रभावी तरीका है।

ये भी पढ़े: नवजात शिशुओं में गैस से राहत पाने के लिए अपनाएं ये 5 आसान घरेलू उपाय

PunjabKesari

क्या सूरज की रोशनी से पीलिया ठीक हो सकता है?

कई माता-पिता यह सवाल पूछते हैं कि क्या सूरज में रखने से नवजात शिशु का पीलिया ठीक हो सकता है? शोधो का कहना है कि सूरज की रोशनी में बैठाना फोटोथेरेपी का ऑप्शन नहीं हो सकता, खासकर उन शिशुओं के लिए जिनका बिलीरुबिन लेवल अधिक है। हालांकि, यदि बच्चे का पीलिया सीमा के करीब (बॉर्डर लाइन) है या फोटोथेरेपी के बाद घर भेजा गया है, तो हल्की सुबह की धूप में रखना सहायक हो सकता है। ध्यान रखें, सूरज की रोशनी केवल एक सहायक उपाय (adjunctive therapy) हो सकती है, यह मुख्य इलाज नहीं है।

PunjabKesari

सूरज की रोशनी के फायदे

हल्की सुबह की धूप शिशु के लिए फायदेमंद हो सकती है। सुबह की धूप से शरीर को विटामिन D मिलता है, जो हड्डियों के विकास में मदद करता है। इसके अलावा, सूरज की हल्की रोशनी से शिशु के शरीर में बिलीरुबिन की थोड़ी मात्रा को तोड़ा जा सकता है।

सूरज की रोशनी में रखने की सावधानियां

चेहरे और आंखों को बचाकर रखें: शिशु के चेहरे और आंखों को सूरज की सीधी रोशनी से बचाएं, क्योंकि यह उनकी त्वचा और आंखों के लिए हानिकारक हो सकता है।

कपड़े पहनाएं: शिशु को बिना कपड़े के न रखें। ज्यादा सूरज की रोशनी से शिशु की त्वचा जल सकती है।

समय सीमा का ध्यान रखें: बच्चे को सिर्फ 10-15 मिनट के लिए हल्की धूप में रखें। यह समय उसके शरीर के लिए पर्याप्त होगा।

गंभीर पीलिया के मामलों में डॉक्टर से परामर्श लें: यदि पीलिया की स्थिति गंभीर हो, तो बिना देरी के डॉक्टर से संपर्क करें।

हालांकि सूरज की हल्की रोशनी नवजात शिशुओं के हल्के पीलिया में कुछ हद तक मदद कर सकती है, यह एक पूर्ण इलाज नहीं है।

डिस्कलेमर:  इस आर्टिकल में दी गई जानकारी सामान्य जानकारी के लिए है। किसी भी स्वास्थ्य समस्या के लिए कृपया डॉक्टर से सलाह लें।


सबसे ज्यादा पढ़े गए

Content Editor

PRARTHNA SHARMA

Related News

static