गणेश जी की मूर्ति के साथ ये शुभ चीजें भी ले आएं, घर में बरसेगा धन ही धन
punjabkesari.in Monday, Aug 25, 2025 - 05:06 PM (IST)

नारी डेस्क: गणेश चतुर्थी का पर्व विघ्नहर्ता गणपति को प्रसन्न करने और घर-परिवार पर सुख-समृद्धि पाने का सुनहरा अवसर होता है। शास्त्रों के अनुसार, इस दिन कुछ खास वस्तुएं घर में लाना बहुत शुभ माना जाता है। इनसे न सिर्फ बप्पा की कृपा मिलती है बल्कि घर में सुख-शांति और धन-समृद्धि का वास होता है। वहीं भगवान गणेश की स्थापना करते समय बहुत सी छोटी-छोटी बातें ध्यान रखनी जरूरी हैं।

गणेश चतुर्थी पर घर ले आएं ये शुभ चीजें
गणेश जी की मूर्ति: घर में पीतल, चांदी या मिट्टी की गणेश जी की मूर्ति लाना शुभ माना जाता है। विशेषकर, दाहिने सूंड वाले गणपति (सिद्धिविनायक) की स्थापना से घर में समृद्धि आती है।
श्रीफल (नारियल): नारियल को गणपति स्थापना के समय चढ़ाना बेहद शुभ माना जाता है। गणेश चतुर्थी पर यदि घर में एकाक्षी नारियल रखा जाए तो कभी भी धन की कमी नहीं होती।
दुर्वा घास और शमी पत्र: गणेश जी को दुर्वा और शमी पत्र अर्पित करने से बप्पा तुरंत प्रसन्न होते हैं। ये चीजें घर में सकारात्मक ऊर्जा बनाए रखती हैं।
कुबेर की मूर्ति : उत्तर दिशा के स्वामी धन के देवता कुबेर को माना जाता है। घर की उत्तर दिशा में कुबेर की मूर्ति रखनी शुभ मानी जाती है।
गणेश यंत्र: गणेश यंत्र घर लाकर पूजाघर में रखने से रुकावटें दूर होती हैं और घर-परिवार में सुख-समृद्धि आती है।

घर पर कैसी मूर्ति रखनी चाहिए?
गणेश जी की सूंड: दाईं ओर मुड़ी सूंड वाली मूर्ति (दक्षिणमुखी) पूजा में कठिन और नियमों वाली मानी जाती है।घर के लिए हमेशा बाईं ओर मुड़ी सूंड (वाममुखी) वाली मूर्ति शुभ और आसान मानी जाती है।
आकार और स्वरूप: बहुत बड़ी मूर्ति घर में स्थापित नहीं करनी चाहिए। छोटी और सुंदर मूर्ति गृहस्थ जीवन के लिए श्रेष्ठ मानी जाती है। मूर्ति ऐसी होनी चाहिए जिसमें गणेश जी आरामदायक मुद्रा (बैठे हुए) या सुखासन में हों। यह स्थिरता और शांति का प्रतीक है।
गणेश जी का वाहन और मोदक: मूर्ति में गणेश जी के साथ चूहा और मोदक अवश्य होने चाहिए। यह समृद्धि और पूर्णता का प्रतीक है।
मूर्ति की स्थापना किस दिशा में करें?
गणेश जी की मूर्ति हमेशा उत्तर-पूर्व (ईशान कोण)दिशा में रखनी चाहिए।मूर्ति इस तरह स्थापित हो कि उनका मुख घर के भीतर की ओर रहे, बाहर की ओर नहीं। पूजा स्थान के पास सफाई और शुद्धता का विशेष ध्यान रखें। मूर्ति के सामने दीपक और धूप जलाना चाहिए। मूर्ति हमेशा लकड़ी, पीतल, तांबे या मिट्टी की हो तो शुभ फल देती है। स्थापना के समय गणपति मंत्रों का जाप करना चाहिए।