पैरों में जलन नहीं आने देती चैन की नींद, इस विटामिन की कमी से तलवों में निकलता सेंक, इलाज पढ़िए

punjabkesari.in Friday, Jun 27, 2025 - 08:57 PM (IST)

नारी डेस्कः आपने बहुत लोगों को ये कहते सुना होगा कि उनके पैरों के तलवों में बहुत जलन होती हैं। ऐसी जलन की कई बार इसे सहन करना मुश्किल हो जाता है और चैन की नींद नहीं आती हालांकि लोग इसे आम समस्या समझते हैं लेकन बढ़ती उम्र में यह समस्या गंभीर हो सकती है क्योंकि ये डायबिटीज, विटामिन्स की कमी, न्योरपैथी और किसी इंफेक्शन के चलते भी हो सकती है। कुछ घरेलू उपायों को अपना कर आप इस जलन से राहत पा सकते हैं चलिए आपको इस बारे में ही बताते हैं। 

पैरों में जलन होने के बड़े कारण

पैरों में जलन (Burning Feet) एक आम समस्या है, जो कई कारणों से हो सकती है। यह जलन हल्की से तेज़ हो सकती है और कभी-कभी रात के समय ज्यादा महसूस होती है। नीचे इसके प्रमुख कारण बताए गए हैं:
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1. डायबिटिक न्यूरोपैथी (Diabetic Neuropathy)

लंबे समय से डायबिटीज़ होने पर नसें क्षतिग्रस्त हो जाती हैं। इससे पैरों में जलन, झनझनाहट या सुन्नपन होता है।

2. विटामिन की कमी

खासकर विटामिन B12, B6 और फोलिक एसिड की कमी से नसों की कार्यक्षमता प्रभावित होती है। इससे पैरों में जलन, कमजोरी और थकान हो सकती है।

3. थायरॉइड की समस्या (Hypothyroidism)

थायरॉइड हार्मोन की कमी से नसों में सूजन आ सकती है, जिससे जलन महसूस होती है।

4. नर्व डैमेज (Neuropathy)

नसों को क्षति पहुँचने पर जलन, झनझनाहट और चुभन जैसा दर्द होता है। यह शराब पीने, दवाओं के साइड इफेक्ट या इंफेक्शन से भी हो सकता है।

5. फंगल इंफेक्शन या एथलीट फुट

पैरों में फंगल इन्फेक्शन जलन, खुजली और लालिमा पैदा करता है।

6. खून की खराब सर्कुलेशन (Poor Blood Circulation)

जब पैरों तक पर्याप्त ब्लड सप्लाई नहीं पहुंचती तो जलन, सुन्नपन और ठंडक का एहसास हो सकता है।

7. किडनी या लिवर की बीमारी

विषैले तत्व शरीर से नहीं निकलते जिससे नसों में सूजन और जलन हो सकती है।

8. ज्यादा देर खड़े रहना या टाइट जूते पहनना

इससे नसों पर दबाव पड़ता है और पैरों में गर्माहट या जलन महसूस होती है।

9. गर्भावस्था या हार्मोनल बदलाव

खासकर तीसरी तिमाही में महिलाओं को पैरों में जलन की समस्या हो सकती है।

10. मानसिक तनाव या एंग्जायटी

मानसिक तनाव में ब्लड सर्कुलेशन गड़बड़ा जाता है जिससे पैरों में गर्मी या जलन महसूस हो सकती है।

कब डॉक्टर से संपर्क करें?

यदि जलन लगातार बनी रहती है
साथ में सुन्नपन, दर्द या कमजोरी भी हो
डायबिटीज़ या किसी अन्य क्रॉनिक बीमारी का इतिहास हो

क्या पैरों में सूजन के कारण भी जलन होती है?

पैरों में सूजन के चलते भी जलन हो सकती हैं। इसे कम करने के लिए पैरों की मालिश कर सकते हैं। पैरों में सूजन वाले हिस्से में ब्लड का सर्कुलेशन अच्छा करता है जिससे पैरों की अन्य समस्याएं भी कम होती है।
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विटामिन B12 की कमी से पैरों में जलन: एक गहराई से जानकारी

विटामिन B12 क्या करता है?

विटामिन B12 शरीर में तंत्रिका तंत्र (नर्व सिस्टम) और रक्त निर्माण के लिए बहुत जरूरी होता है। यह मस्तिष्क और नसों की कार्यक्षमता बनाए रखता है। इसकी कमी से नसें प्रभावित होती हैं, जिससे जलन, झनझनाहट और सुन्नपन हो सकता है।

लक्षण (Symptoms)

विटामिन B12 की कमी से जुड़े पैरों में जलन के अलावा ये लक्षण हो सकते हैं:
पैरों में झनझनाहट या सुई-सी चुभने का अहसास
सुन्नपन (Numbness), खासकर पंजों या उंगलियों में
संतुलन बनाने में कठिनाई
थकावट और कमजोरी
चिड़चिड़ापन या मूड स्विंग
जीभ का लाल होना या सूजन
सांस लेने में कठिनाई (एनीमिया के कारण)

बी-12 की कमी के कारण

शाकाहारी या वेगन डाइट: विटामिन B12 केवल एनिमल-सोर्स फूड्स में पाया जाता है, इसलिए शाकाहारियों में इसकी कमी आम है।
पाचन तंत्र की समस्याएं: जैसे पेट की सूजन, सीलिएक रोग, या आंतों में अवशोषण की समस्या।
बढ़ती उम्र: उम्र के साथ शरीर B12 को ठीक से अवशोषित नहीं कर पाता।
कुछ दवाएं: मेटफॉर्मिन (डायबिटीज़ की दवा), एंटासिड्स आदि भी बी-12 के अवशोषण को प्रभावित करती हैं।

विटामिन B12 के स्रोत (Dietary Sources)

आप अपनी डाइट में निम्नलिखित चीजें शामिल कर सकते हैं: दूध और डेयरी उत्पाद (दही, पनीर, छाछ)चीज़, अंडे (खासकर अंडे की जर्दी), मछली और चिकन (यदि आप मांसाहारी हैं),फोर्टिफाइड फूड्स – जैसे फोर्टिफाइड सोया मिल्क, फोर्टिफाइड ब्रेड आदि सप्लीमेंट्स – डॉक्टर की सलाह से विटामिन B12 टैबलेट या इंजेक्शन लिया जा सकता है।

पैरों में जलन कम करने के घरेलू उपाय

एप्पल साइडर विनेगर फ़ुट सोक: एक टब में गुनगुना पानी लें, उसमें 1–2 चम्मच एप्पल साइडर विनेगर मिलाएं। पैरों को 15-20 मिनट भिगोकर रखें। इससे नसों की सूजन और जलन में राहत मिल सकती है

हल्दी और नारियल तेल:हल्दी एंटी-इंफ्लेमेटरी है। इसे नारियल तेल में मिलाकर पैरों की मालिश करें।

ठंडे पानी की सिंकाई: ठंडे पानी में तौलिया भिगोकर पैरों पर रखने से जलन में आराम मिलता है।

मुल्तानी मिट्टी का लेप: मुल्तानी मिट्टी में गुलाब जल मिलाकर लेप बनाएं और पैरों पर लगाएं। सूखने के बाद धो लें।

क्या डायबिटीज में पैरों को गर्म पानी में भिगोना फायदेमंद है?

डायबिटीज के मरीजों को पैरों में जलन होना एक आम समस्या है लेकिन उनके लिए बर्फ से सिंकाई करना फायदेमंद नहीं है। शुगर के मरीजों को ठंडे पानी की जगह गर्म पानी से अपने पैरों की सिंकाई करनी चाहिए। गर्म पानी की सिंकाई से पैरों की मांसपेशियों का दर्द और सूजन आदि में भी आराम मिलता है। रात को सोने से पहले आप 10-15 मिनट तक पैरों को गुनगुने पानी में भिगोकर रख सकते हैं जिससे पैरों में ब्लड सर्कुलेशन बेहतर होता है और पैरों की जलन कम होती है।

पैरों में लगातार खुजली होना अच्छा नहीं!

बहुत से लोगों को पैरों में खुजली की समस्या भी रहती है। जो लोग लगातार मौजे व बंद जूते पहनते हैं उन्हें यह समस्या अधिक रहती हैं या फिर फंगल इंफेक्शन के चलते भी खुजली की समस्या रहती हैं। इसे कम करने के लिए आप गुनगुने पानी में सेंधा नमक डालकर थोड़ी देर के लिए डुबोकर रख सकते हैं। यह उपाय आपकी खुजली को कम करने के साथ पैरों को आराम भी देते हैं जिससे पैरों की जलन कम होती है। सेंधा नमक में मैगनीशियम और सल्फर से भरपूर होता है, जो पैरों की जलन को कम करने में काफी मददगार होता है।


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Content Writer

Vandana

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