सगाई तोड़ना अपराध नहीं, फिर क्यों ताने मार-मार कर लड़की को तोड़ देते हैं लोग ?
punjabkesari.in Monday, Aug 07, 2023 - 05:31 PM (IST)
कहते हैं जोड़ियां ऊपर से बनकर आती हैं। जो इंसान हमारी किस्मत में लिखा होता है वही हमें मिलता है। कई बार जाने-अनजाने में हम ऐसे रिश्ते में जुड़ जाते हैं जो एक बोझ से बढ़कर कुछ नहीं होते हैं। ऐसे में सारी उम्र बोझ उठाने से बढ़िया है कि वक्त रहते ही हमें कदम पीछे उठा लेने चाहिए। शायद यही कारण है कि आजकल लड़कियां शादी से पहले अपने होने वाले पति को परखती हैं सब कुछ सही होने पर ही आगे बढ़ने का फैसला लेती है। हालांकि कई बार हालात ऐसे पैदा हो जाते हैं कि उन्हें सगाई तक तोड़नी पड़ती है।
हर लड़की को है फैसला लेने का हक
वैसे हर लड़की को अपनी पसंद और ना पसंद चुनने क हक होता है, लेकिन इस समाज का क्या करें जो आज भी पुरानी सोच नहीं छोड़ रहा है। हमने कई ऐसे मामले सुने हैं जहां लड़का ठीक ना होने पर लड़कियां सगाई तोड़ देती हैं, कई बार तो मंडप पर ही लड़की शादी ना करने का फैसला ले लेती है। हम यह नहीं कहते कि लड़कियां हमेशा सही और लड़के हमेशा गलत। पर अगर कोई लड़की इतना बड़ा फैसला लेती है तो उसके पीछे कोई ना कोई वजह तो जरूर होगी।
सगाई टूटने पर लोग देते हैं ताने
पर कुछ लोग बिना सोचे समझे दूसरों की आलोचना करना है। हमने आस-पास कभी ना कभी ये जरूर देखा होगा कि जब किसी लड़की की सगाई टूट जाती है तो उसे लेकर तरह- तरह की बातें बननी शुरू हो जाती है। कुछ तो यह भविष्यवाणी भी कर देते हैं कि सगाई टूटने के बाद लड़की का फिर से रिश्ता होना मुश्किल है। पर क्या इस तरह की बातें करना सही है?
बीना सच जाने किसी की बातें बनाना सही नहीं
जो लड़की पहले ही एक रिश्ते को लेकर टूट चुकी है उसे इस तरह की बातों से तोड़ना कहां तक सही है। अगर वह लड़की सगाई ना तोड़कर शादी कर भी लेती और आगे जाकर उसके साथ कुछ गलत हो जाता तो जो लोग बातें करते हैं क्या वह इस सब की जिम्मेदारी लेते? ऐसे में अगर हम किसी का सहारा नहीं बन सकते तो कम से कम उनके रास्ते और कठिन तो ना करें।
कई बार मजबूरी में लेना पड़ता है फैसला
कोई लड़की नहीं चाहती कि वह लोगों के ताने सुने या उस पर कोई दाग लगे, कई बार हालात ऐसे पैदा हो जाते हैं कि उन्हें इस तरह का फैसला लेना पड़ता है। क्या पता कोई अपने मां बाप का सोचकर तो कोई अपने भविषय का सोचकर शादी से पहले रिश्ता तोड़ने को मजबूर हो जाती है। देखा जाए तो यह सही भी है सारी उम्र रोने से बढ़िया एक बार रोना ही बेहतर है। बाकी जिसके नसीब में जो लिखा होगा वह उसे मिलकर ही रहेगा। इसलिए हमें किसी के बारे में कुछ भी धारणा बनाने से पहले एक बार जरूर सोचना चाहिए।