ब्लैक फंगस कर रहा है आंख-नाक-जबड़े पर अटैक, स्वास्थ्य मंत्री बताया इस बीमारी से कैसे बचें ?

punjabkesari.in Saturday, May 15, 2021 - 01:12 PM (IST)

एक तरफ जहां कोरोना वायरस की दूसरी लहर के प्रकोप से लोग अपनी जान गंवा रहे हैं वहीं दूसरी तरफ लोगों पर एक और जानलेवा बीमारी कहर बनकर टूट पड़ी है। इस नई जानलेवा बीमारी का नाम है म्यूकरमाइकोसिस यानी ब्लैक फंगस। 
 

एक रिपोर्ट के अनुसार, कोरोना से ठीक हो चुके लोगों में अब ब्लैक फंगस की बीमारी देखी जा रही हैं। देश में इस बीमारी के बढ़ते मरीज़ों की संख्या को देखते हुए केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने लोगों को ब्लैक फंगस के शुरुआती लक्षणों की पहचान कर इससे बचने की सलाह दी है, जो कि मुख्यतौर पर महाराष्ट्र में कई मरीजों में देखे गए हैं।
 

स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन ने अपने ट्विटर हैंडल पर एक पोस्ट में बताया कि जागरूकता और शुरुआती लक्षणों की पहचान कर इसके खतरे से बचा जा सकता है। आईए जानते हैं इस बीमारी के बारे में विस्तार से-
 

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जानिए क्या है म्यूकरमाइकोसिस- 

म्यूकरमाइकोसिस एक फंगल इंफेक्शन है जो कोरोना वायरस से प्रभावित हो रहा है। इसे ब्लैक फंगस भी कहा जाता है।  कोविड-19 टास्क फोर्स के एक्सपर्ट्सके अनुसार, ये बीमारी ज्यादातर उन लोगों में आसानी से फैल रही है जो पहले से किसी ना किसी बीमारी से जूझ रहे हैं और जिनका इम्यून सिस्टम कमजोर होता है। इन लोगों में इंफेक्शन से लड़ने की क्षमता कम होती हैं।
 

ब्लैक फंगस से इन्हें है ज्याद खतरा-

इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च के मुताबिक, अनियंत्रित डायबिटीज, स्टेरॉयड की वजह से कमजोर इम्यूनिटी, लंबे समय तक आईसीयू या अस्पताल में दाखिल रहना, व्यक्ति में पहले से किसी अन्य बीमारी का होना, पोस्ट ऑर्गेन ट्रांसप्लांट, कैंसर या वोरिकोनाजोल थैरेपी के मामले में ब्लैक फंगस का खतरा ज्यादा है।
 

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ब्लैक फंगस  के लक्षण- 

ब्लैक फंगस के मुख्य लक्षण है- आंखों में लालपन या दर्द, बुखार, सिरदर्द, खांसी, सांस में तकलीफ, उल्टी में खून या मानसिक स्थिति में बदलाव। इसके अलावा,  ये मरीज की आंख, नाक की हड्डी और जबड़े को भी बहुत नुकसान पहुंचा सकता है।
 

ऐसे घेरती है यह बीमारी- 
एक्सपर्ट्स के मुताबिक, हवा में फैले रोगाणुओं के संपर्क में आने से व्यक्ति इस फंगल इंफेक्शन का शिकार हो सकता है। वहीं इसके अलावा ब्लैक फंगस मरीज की स्किन के जरिए भी प्रवेश कर सकता है जैसे कि, स्किन पर चोट, रगड़ या जले हुए हिस्सों से ये शरीर में दाखिल हो सकता है।
 

ब्लैक फंगस से बचने के लिए क्या करें- 
म्यूकरमाइकोसिस यानि कि ब्लैक फंगस से बचने के लिए हमेशा मास्क पहनें खास कर धूल वाली जगहों पर जरूर मास्क पहनें। मिट्टी, काई या खाद जैसी चीजों के नजदीक जाते वक्त जूते,ग्लव्स, फु स्लीव्स शर्ट और ट्राउजर पहनें। घर में और आस-पास साफ-सफाई का खास तौर पर ध्यान रखें।  इसके अलाव, डायबिटीज पर कंट्रोल, इम्यूनोमॉड्यूलेटिंग ड्रग या स्टेरॉयड का कम से कम इस्तेमाल कर इससे बचा जा सकता है। 


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क्या करें - 

-ब्लड शुगर को कंट्रोल में रखें।

-कोविड-19 से रिकवरी के बाद भी ब्लड ग्लूकोज का लेवल मॉनिटर करते रहें। 

-स्टेरॉयड का इस्तेमाल सिर्फ डॉक्टर्स की सलाह पर ही करें। 

-ऑक्सीजन थैरेपी के दौरान ह्यूमिडिटीफायर (ब्लड शूगर)  के लिए साफ पानी का ही इस्तेमाल करें।

-एंटीबायोटिक्स या एंटीफंगल दवाओं का इस्तेमाल जरूरत पड़ने पर ही करें।
 

क्या न करें -

-ब्लैक फंगस के लक्षणों को बिल्कुल भी नजरअंदाज न करें।  

-बंद नाक वाले सभी मामलों को बैक्टीरियल साइनसाइटिस समझने की भूल न करें। 

- कोविड-19 और इम्यूनोसप्रेशन के मामले में ऐसी गलती न करें। 

-फंगल एटियोलॉजी का पता लगाने के लिए KOH टेस्ट और माइक्रोस्कोपी की मदद लेने से न घबराएं।  

-रिकवरी के बाद भी बताए गए लक्षणों को अनदेखा न करें।

जानकारी के लिए आपकों बतां दें कि कई मामलों में फंगल इंफेक्शन रिकवरी के एक सप्ताह या महीनेभर बाद भी उभरते देखा गया है ऐसे में इसकी ज़रा सी लापारवाही भारी पड़ सकती हैं। बता दें कि म्यूकरमाइकोसिस के मामले अब तक महाराष्ट्र के अलावा गुजरात, मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश, हरियाणा, इस वक्त गुजरात, मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश, हरियाणा, छत्तीसगढ़, झारखंड और राजस्थान में देखे जा रहे हैं। 
 


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Content Writer

Anu Malhotra

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