भूषण कुमार की कजिन तिशा की कैंसर से मौत की बात निकली झूठी, अब मां ने बताया किसने ली बेटी की जान

punjabkesari.in Friday, Nov 29, 2024 - 11:09 AM (IST)

नारी डेस्क: तिशा कुमार तो आपको याद होगी ही जिन्होंने  इस साल जुलाई में बहुत छोटी उम्र् मं दुनिया को अलविदा कह दिया था। भूषण कुमार की चचेरी बहन और कृष्ण कुमार और तान्या सिंह की बेटी को लेकर अब ऐसी बात सामने आई है जिसे सुन सभी हैरान रह गए। महीनों बाद, उनकी मां ने एक स्पष्ट किया गया कि उनकी बेटी कैंसर से नहीं जूझ रही थी, यह सब झूठी बातें थी।

 

 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 

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तान्या सिंह ने हाल ही में अपने इंस्टाग्राम हैंडल पर एक वीडियो पोस्ट किया जिसमें उनकी बेटी तिशा कुमार के साथ खुशी के पल कैद किए गए हैं। इस छोटी सी क्लिप में तिशा को दिखाया गया है, जो एक खुशमिजाज और जीवन से भरपूर लड़की है, जो पालतू जानवरों से प्यार करती थी और अपने प्रियजनों के साथ समय बिताना पसंद करती थी। अब तक तो हम यही समझ रहे थे कि तिशा कुमार का निधन "लंबी बीमारी" से जूझने के बाद हुआ।

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अब महीनों बाद तान्या सिंह ने एक लंबे नोट में अपनी बेटी के निधन का वास्तविक कारण बताया है। उन्होंने कैप्शन में लिखा, ""कैसे, क्या, क्यों" बहुत से लोग लिख रहे हैं और मुझसे पूछ रहे हैं कि क्या हुआ। सत्य व्यक्तिपरक और सापेक्ष है कि कोई इसे कैसे समझता है। उन्होंने आगे लिखा-   "कोई भी व्यक्ति अपने कर्मों के प्रकोप, ईश्वरीय न्याय से बच नहीं सकता है, कभी-कभी किसी व्यक्ति के अपने नहीं बल्कि किसी और के बुरे कर्मों के कारण पूरा अस्तित्व खत्म हो जाता है "।

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कृष्ण कुमार की पत्नी ने आगे लिखा- मेरी बेटी तिशा, चाहे जो भी हुआ हो, उसने कभी भी डर को स्वीकार नहीं किया। वो सबसे बहादुर 20 साल की लड़की थी, जिसने सबसे डर से फ्री और शांत रूप से जिंदगी जी और यही तिशा चाहती थी कि उसकी उम्र के और उससे छोटे-बड़े लोग यह सिखें कि मेडिकल निदान या किसी भी समस्या से डरना नहीं चाहिए, क्योंकि उसे पता था कि शरीर एक जैविक अस्तित्व है, जिसमें इम्युनिटी सबसे अहम है। वो अपने एक्सपीरियंस से ये मैसेज देना चाहती थी कि कैसे गलत निदान से निकलकर और कीमोथेरेपी के साइड इफेक्ट्स से जूझते हुए वो बायोमेडिसिन के जरिए अपने जीवन को सुधार सकते हैं।

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तिशा की मां ने आगे लिखा-  ‘सच’ ये है कि मेरी बेटी को शुरू में ‘कैंसर’ नहीं था। उसे 15 साल की उम्र में एक वैक्सीनेशन मिली थी, जो एक ऑटोइम्यून स्थिति का कारण बनी, जिसका गलत तरीके से इलाज किया गया था माता-पिता, अगर आपके बच्चे में सिर्फ ‘लिंफ नोड्स की सूजन’ हो तो प्लीज पहले, दूसरे और तीसरी राय जरूर लें। इससे पहले कि आप ‘बोन-मैरो’ टेस्ट या बायोप्सी के लिए जाएं। लिंफ नोड्स शरीर के रक्षात्मक अंग होते हैं और ये भावनात्मक कारणों से भी सूज सकते हैं। हम पहले ही इस ‘मेडिकल जाल’ में फंस चुके थे, इससे पहले कि ये जानकारी हमारे पास आई। मैं हर दिन प्रार्थना करती हूं कि कोई भी बच्चा इस निर्दयी मेडिकल जाल का सामना न करे।


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Content Writer

vasudha

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