जन्म के समय प्याज जितना था बच्चे का वजन, मां के दूध से बची जान

punjabkesari.in Saturday, Mar 02, 2019 - 11:48 AM (IST)

बच्चे के जन्म के समय उसके वजन से उसके हेल्दी रहने और बीमारियों से लड़ने की क्षमता का पता चलता है। अगर बच्चे का वजन कम होता है तो ऐसे बच्चे को बहुत केयर की जरूरत होती है। प्रेग्नेंसी के दौरान मां जितना हेल्दी फूड खाती है उतना ही बच्चे का वजन ठीक रहता है। आमतौर पर जन्म के समय बच्चों का वजन कुछ किलोग्राम तो जरूर होता है लेकिन आज हम आपको जापान के इस बच्चे के बारे में बता रहे हैं जिसका जन्म के समय वजन महज कुछ ग्राम ही था लेकिन 5 महीने बाद अब बच्चा स्वस्थ है और उसे अस्पताल से छुट्टी मिल चुकी है। आइए जानते हैं पूरी बात-

 

प्रेग्नेंसी के दौरान नहीं बढ़ रहा था वजन 

टोक्यो के हॉस्पिटल में अगस्त 2018 में एक बच्चे का जन्म हुआ था और बच्चे से जुड़ी सबसे हैरान करने वाली बात यह थी कि जन्म के वक्त बच्चे का वजन महज 268 ग्राम था जो एक बड़े प्याज जितना होता है। दरअसल, प्रेग्नेंसी के दौरान बच्चे का वजन बढ़ नहीं रहा था और डॉक्टरों को डर था कि बच्चे को बचाना मुमकिन नहीं होगा लिहाजा प्रेग्नेंसी के 24वें हफ्ते में सी-सेक्शन के जरिए बच्चे का जन्म हुआ।  

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जन्म के समय था सिर्फ 268 ग्राम वजन 

जन्म के वक्त बच्चा इतना छोटा और कम वजन का था कि वह किसी वयस्क व्यक्ति की हथेली में समा सकता था लेकिन जन्म के 5 महीने तक बच्चे का लगातार इलाज चला और अब उसका वजन 3 किलो 200 ग्राम है और बच्चा स्वस्थ है, सामान्य तरीके से फीडिंग कर रहा है और उसे अस्पताल से छुट्टी भी मिल गई है। बच्चे की मां ने कहा, 'मैं सिर्फ इतना ही कह सकती हूं कि मैं बेहद खुश हूं कि मेरा बेटा इतना बड़ा हो गया है क्योंकि सच बोलूं तो मुझे उम्मीद ही नहीं थी कि वह जीवित बचेगा।'

 

मां के दूध से बची जान

बच्चे का इलाज करने वाले डॉक्टर कहते हैं कि जन्म के समय नवजात का वजन कम होने के साथ सांस लेने में भी परेशानी हो रही थी। खास बात यह थी कि बच्चा मां का दूध पीने में सक्षम था इसलिए रिकवरी संभव हो सकी।

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5 महीने बाद 3 किलो हुआ वजन 

इस नवजात बच्चे का 5 महीने तक इलाज करने वाले डॉक्टर कहते हैं कि अगर बच्चे जन्म के वक्त बेहद छोटा या कम वजनी है तो इस बात से कोई फर्क नहीं पड़ता । उसे पूरी तरह से स्वस्थ बनाकर अस्पताल से भेजा जा सकता है।

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बनाया रिकार्ड

यह एक रिकॉर्ड बन गया है कि यह दुनिया का सबसे छोटा नवजात शिशु है जिसे फिट और हेल्दी बनाकर अस्पताल से डिस्चार्ज किया गया है। 

 

कमजाेर बच्चे की बचने की संभावना

आपको बता दें कि 22वें हफ्ते से पहले पैदा हुए बच्चे के बचने की संभावना न के बराबर होती है। इसके अलावा 22वें हफ्ते में पैदा होने पर जिंदा रहने की संभावना 10% तक रहती है वहीं 24वें हफ्ते में पैदा होने पर जिंदा रहने की संभावना 60% तक रहती है।
 


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Content Writer

Anjali Rajput

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