अपने धाम को चली बाबा केदार की पंचमुखी डोली,  कल भक्तों के लिए खुल जाएंगे केदारनाथ के कपाट

punjabkesari.in Thursday, May 09, 2024 - 03:14 PM (IST)

उत्तराखण्ड मे स्थित करोड़ों हिंदुओं की आस्था के धाम भगवान केदारनाथ के कपाट 10 मई को खुलेंगे। भगवान केदारनाथ की पंचमुखी विग्रह डोली आज सुबह 8.30 बजे तीसरे पड़ाव गौरामाई मंदिर गौरीकुंड से केदारनाथ धाम प्रस्थान हुई। 6 मई को देवडोली श्री ओंकारेश्वर मंदिर उखीमठ से विश्वनाथ मंदिर गुप्तकाशी से प्रवास हेतु पहुंची तथा मंगलबार 7 मई को दूसरे पड़ाव फाटा पहुंची थी, 8 मई देर शाम को पंचमुखी डोली गौरामाता मंदिर गौरीकुंड पहुंची थी।


केदारनाथ धाम के कपाट शुक्रवार 10 मई को खुल रहे है। भगवान केदारनाथ की चलविग्रह उत्सव पंचमुखी मूर्ति की देवडोली को कई दशकों से श्री बदरीनाथ केदारनाथ मंदिर समिति के स्वयं सेवक एवं हक- हकूकधारी नंगे पांवों में पैदल चलकर शीतकालीन गद्दीस्थल श्री ओंकारेश्वर मंदिर उखीमठ से श्री केदारनाथ धाम तक पहुंचाते है। 

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गुरुवार को पंचमुखी डोली के केदारनाथ प्रस्थान होते समय श्रद्दालुजनों तथा गौरीगांव के स्कूली बच्चों ने बाबा केदार का जय घोष कर पुष्प वर्षा की केदारनाथ पैदल मार्ग पर जिला प्रशासन, पुलिस, गढवाल मंडल विकास निगम तथा स्थानीय दुकानदारों ने देव डोली का स्वागत किया। बीकेटीसी मीडिया प्रभारी डा. हरीश गौड़ ने बताया कि सैकड़ों देश- विदेश के श्रद्धालुजन भी डोली यात्रा के साथ केदारनाथ जा रहे है। 


पंचमुखी डोली के गौरीकुंड से केदारनाथ प्रस्थान के समय केदारनाथ धाम के पुजारी  समेत बड़ी संख्या में श्रद्धालु मौजूद रहे। बाबा केदारनाथ के कपाट खुलने की प्रक्रिया 5 मई की शाम से ही शुरू हो गई थी। रविवार शाम को श्री पंच केदार शीतकालीन गद्दी स्थल श्री ओंकारेश्वर मंदिर ऊखीमठ में सबसे पहले केदारपुरी के रक्षक भैरव नाथ जी की पूजा की गई।

बता दें कि भगवान केदारनाथ की डोली पांच मुख वाली होती है। चांदी की इस डोली के भीतर बाबा केदार की चांदी की भोग मूर्ति विराजमान होती है. जिसकी पूजा छह माह तक केदारनाथ तो छह माह तक शीतकालीन गद्दीस्थल ओंकारेश्वर मंदिर में होती है। केदारनाथ में यह भोगमूर्ति पुजारी निवास में रहती है।  कपाट खोलने के समय बाबा केदार की भोगमूर्ति को इसी डोली में केदारनाथ ले जाया जाता है।


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vasudha

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