प्रेमानंद जी महाराज की सलाह बिना गहराई के रिश्ते हैं खोखले, पॉकेटिंग से रहें दूर
punjabkesari.in Friday, May 23, 2025 - 05:16 PM (IST)

नारी डेस्क: हर रिश्ता पारदर्शिता और आपसी सम्मान पर टिका होता है। लेकिन जब कोई व्यक्ति जानबूझकर अपने पार्टनर को अपने परिवार और दोस्तों से दूर रखता है तो इसे ‘पॉकेटिंग’ कहा जाता है। पॉकेटिंग का मतलब होता है, रिश्ते में एक पार्टनर दूसरे को छुपाता है या अलग-थलग करता है। यह चिंता का विषय है क्योंकि इससे पार्टनर को असुरक्षा महसूस होती है।
पॉकेटिंग का कारण क्या होता है?
आमतौर पर पॉकेटिंग तब होती है जब कोई व्यक्ति अपने रिश्ते को पब्लिक करने के लिए तैयार नहीं होता या रिश्ते को गंभीरता से नहीं लेता। कई बार लोग रिश्ते को छिपाकर रखते हैं क्योंकि वे रिश्ते को लेकर उलझन में होते हैं। सोशल मीडिया के बढ़ते प्रभाव के कारण भी कई लोग अपने रिश्ते को छुपाते हैं ताकि उनकी छवि पर असर न पड़े। कुछ लोग अपनी पर्सनल और प्रोफेशनल लाइफ को अलग रखना चाहते हैं, इसलिए भी पॉकेटिंग बढ़ रही है।
पॉकेटिंग के संकेत
अगर आपका पार्टनर आपको अपने परिवार या दोस्तों से नहीं मिलवाता तो यह पॉकेटिंग का बड़ा संकेत हो सकता है। एक रिश्ते में आम बात होती है कि दोनों पार्टनर एक-दूसरे के करीबी लोगों से मिलें। अगर यह बार-बार टाला जा रहा हो, तो यह समस्या की तरफ इशारा करता है। इसके अलावा, सोशल मीडिया पर भी अगर आपका पार्टनर आपके साथ रिश्ते को छुपाता है, तो यह पॉकेटिंग हो सकती है। जैसे वह आपके साथ पब्लिक प्लेसेस पर जाने से बचता है या अपने दोस्तों को आपके बारे में कुछ नहीं बताता।
पॉकेटिंग रिश्तों को कैसे प्रभावित करता है?
जब कोई पार्टनर दूसरे को छुपाता है, तो रिश्ते में अविश्वास और असुरक्षा बढ़ती है। जिससे पार्टनर खुद को अनदेखा और कम महत्वपूर्ण महसूस करता है। यह भावना धीरे-धीरे इमोशनल बर्नआउट या मानसिक तनाव पैदा करती है। ऐसे रिश्ते कमजोर हो जाते हैं और टूटने की संभावना बढ़ जाती है।
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पॉकेटिंग से बचने के उपाय
अगर आपको लगता है कि आपका पार्टनर आपको छुपा रहा है, तो सबसे पहले बात करें। खुलकर अपनी भावना और सवाल अपने पार्टनर से साझा करें। समझने की कोशिश करें कि वे ऐसा क्यों कर रहे हैं। कई बार इसके पीछे कुछ व्यक्तिगत कारण हो सकते हैं। अगर बार-बार बहाने बनाए जा रहे हों और आपको परिवार या दोस्तों से मिलाने में टाल-मटोल हो रही हो, तो यह रिश्ते के लिए अच्छा संकेत नहीं है। ऐसे रिश्तों में ज्यादा वक्त लगाने से बेहतर है अपने आप को प्राथमिकता देना।
प्रेमानंद महाराज का संदेश
आध्यात्मिक गुरु प्रेमानंद महाराज का कहना है कि रिश्ते में पारदर्शिता और गहराई बहुत जरूरी होती है। अगर कोई पार्टनर आपको अपनाने में हिचकिचा रहा है और आपको छुपा रहा है, तो वह रिश्ता सच्चा और गहरा नहीं हो सकता। सच्चा रिश्ता वह होता है जहां दोनों गर्व से एक-दूसरे को अपने परिवार और समाज के सामने पेश कर सकें। बिना पारदर्शिता के रिश्ता टिक नहीं सकता। इसलिए अगर आपका पार्टनर आपको अपने जीवन के महत्वपूर्ण हिस्सों से दूर रखता है, तो उस रिश्ते पर दोबारा सोचें।
प्यार और सम्मान किसी भी रिश्ते की नींव होते हैं। अगर कोई व्यक्ति आपको छुपाकर रखना चाहता है, तो वह रिश्ता आपके लिए सही नहीं है। ऐसे रिश्तों से दूर रहें जो आपको असुरक्षित और अनदेखा महसूस कराते हैं। अपने आत्मसम्मान को हमेशा प्राथमिकता दें और अपने लिए सही, सच्चे और सम्मानजनक रिश्ते चुनें।