अत्यधिक देर तक बैठने से इन अंगों को पहुंचता है नुक्सान

punjabkesari.in Thursday, Jun 11, 2015 - 09:59 AM (IST)

जो लोग कार्यस्थल पर लगातार बैठ कर काम करते हैं उन्हें कार्य घंटों के दौरान रोजाना कम से कम दो घंटे अपने पैरों पर खड़े होना चाहिए और धीरे-धीरे यह अवधि चार घंटे तक बढ़ानी चाहिए । यह दिशा-निर्देश कार्यस्थल पर अधिक देर तक बैठ कर काम करने वाली एक ब्रिटिश गाइडैंस में सामने आए हैं ।

ये दिशा -निर्देश एडजस्ट किए जा सकने वाले सिट-स्टैंड डैस्क्स के इस्तेमाल की अधिक देर तक खड़ा रहने से बचने की तथा मुद्रा बदलने की सलाह देते हैं ताकि मांसपेशियों तथा हड्डियों में दर्द या थकान पैदा न हो । आइए जानते हैं  देर तक बैठने का विभिन्न अंगों को क्या नुक्सान पहुंचता है । 

सिर : लम्बी अवधि के लिए बैठे रहने से खून के थक्के बन सकते हैं जो दिमाग तक पहुंच कर स्ट्रोक का कारण बन सकते हैं ।

फेफड़े : यदि आप दिन का अधिक समय बैठ कर बिताते हैं तो आप में पल्मोनरी एम्बोलिज्म (फेफड़े की मुख्य धमनी में ब्लाकेज) तथा खून के थक्के पैदा होने का खतरा दोगुना होता है । 

बांहें : शारीरिक गतिविधि की कमी से उच्च रक्तचाप या हाइपरटैंशन हो सकती है ।

पेट : अत्यधिक देर तक बैठने से मोटापा तथा कोलोन (मलाशय) कैंसर पैदा होता है । मांसपेशियों की रक्तवाहिनियों में मौजूद एन्जाइम्स चर्बी के कम होने को बंद करने के लिए जिम्मेदार हैं जिससे शरीर के चयापचय संबंधी ईंधन (ऊर्जा) के ढंग में बाधा पैदा होती है ।

पैर : पैरों के सुन्न होने का कारण घटिया रक्त प्रवाह हो सकता है । इसके  कारण नाड़ियों को नुक्सान पहुंचता है या लम्बे समय तक बैठे रहने से नाड़ियों पर दबाव पड़ता है ।

गर्दन : दिन भर के दौरान टांगों में इकट्ठा हुआ तरल गर्दन तक चला जाता है जिसके चलते स्लीप एप्निया (नींद में सांस का रुकना) जैसी समस्या पैदा होती है । गर्दन की मांसपेशियों में खिंचाव के चलते दर्द होता है ।

हृदय : जो लोग अस्त-व्यस्त जीवन शैली का अनुसरण करते हैं उनमें डायबिटीज तथा हृदय रोग पैदा होने का खतरा अधिक रहता है, उन लोगों के मुकाबले जो लगातार चलते-फिरते रहते हैं । 

पीठ : लम्बे समय तक बैठे रहने से रीढ़ की हड्डी पर अत्यधिक दबाव पड़ता है । आगे चल कर रीढ़ के मनकों में संकुचन पैदा होता है क्योंकि दबाव के चलते मांसपेशियां कठोर हो जाती हैं और ऐसे में एकदम उठना चोट का कारण बन सकता है ।


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