चमत्कारी बाबा के आशीर्वाद से बना था Apple का लोगो,  मार्क जुकरबर्ग की भी इस धाम में आने से संवरी किस्मत

punjabkesari.in Wednesday, Mar 15, 2023 - 11:49 AM (IST)

लोग अपनी मनोकामना की पूर्ति के लिए कहां- कहां नहीं जाते। भारत में कई ऐसे अवास्तविक और रहस्यमय स्थान हैं जहां मात्र जाने से ही इंसान का जीवन सवर जाता है। अगर आप भी अपनी इच्छा पूर्ण करने के लिए दर- दर भटक रहे हैं ताे हम आपको ऐसे पावन तीर्थ के बारे में बताने जा रहे हैं, जहां पर श्रद्धा एवं भक्ति के साथ जाने मात्र से ही व्यक्ति की सभी मनोकामनाएं पूरी हो जाती हैं। 

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बेहद  प्रसिद्ध है "कैंची धाम"

देवभूमि उत्तराखंड की वादियों में  "कैंची धाम" के नाम से एक तीर्थ स्थान बड़ा प्रसिद्ध है। बाबा नीम करोली के धाम को लेकर यह मान्यता है कि जो भी यहां आता है वह कभी भी खाली हाथ नहीं जाता और उसकी सभी मनोकामानएं पूरी होती है। शायद यही कारण है पिछले दिनों क्रिकेटर विराट कोहली अपनी अनुष्का शर्मा और बेटी के साथ उनके आश्रम में दर्शन करने पहुंचे थे।

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 विदेशी भक्त आते हैं बाबा के दर्शन करने

 सिर्फ विराट अनुष्का ही नहीं फेसबुक के सीईओ मार्क जुकरबर्ग और एप्पल के सीईओ स्टीव जॉब्स भी नीम करोली बाबा के बड़े फैन हैं। श्री हनुमान जी के अवतार माने जाने वाले बाबा के इस पावन धाम पर पूरे साल श्रद्धालुओं का तांता लगा रहता है, लेकिन हर साल 15 जून को यहां पर एक विशाल मेले व भंडारे का आयोजन होता है, जहां  सबसे ज्यादा विदेशी भक्त बाबा के दर्शन के लिए कनाडा, यूएस, जर्मनी, फ्रांस समेत अनेक देशों से आते हैं। 
 

बाबा ने बनवाए कई हनुमान मंदिर

कहा जाता है कि नीम करोली बाबा के पास दैवीय शक्तियां थीं। इसलिए लोग उन्हें बजरंगबली का अवतार भी मानते थे।कहा जाता है कि बाबा नीम करोली को 17 वर्ष की आयु में ही ईश्वर के बारे में बहुत कुछ ज्ञान हो गया था। ये हनुमान जी को अपना गुरु और आराध्य मानते थे। बाबा ने अपने जीवन में कई हनुमान मंदिर बनवाए। माना जाता है कि उन्हें  चमत्कारिक सिद्धियां प्राप्त थीं।

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बाबा से ही प्रेरित है एप्पल का लोगाे

आम आदमी की तरह जीने वाले बाबा नीम करोली अपना पैर कर किसी को नहीं छूने देते थे। वो अपनी बजाय हनुमान जी के पैर छूने को कहते थे। बताया तो यह भी जाता है कि कि बाबा ने स्टीव जॉब्स को अपने मुंह से कटा हुआ सेब दिया था, जिसको प्रेरणा मानते हुए उन्होंने एप्पल के प्रोडक्ट का लोगो बनाया है। लोगों की मानें तो एप्पल कंपनी के संस्थापक स्टीव जॉब्स 1974 से 1976 के बीच भारत भ्रमण पर निकले थे।  वह अध्यात्मिक खोज में यहां आए थे उन्हें एक सच्चे गुरू की तलाश थी। बाबा से मिलकर उनकी तलाश पूरी हुई। 

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 मार्क जुकरबर्ग का भी सहारा बने थे बाबा


इतना ही नहीं जब फेसबुक शुरुआत में काफी संघर्ष कर रहा था तब स्टीव जॉब्स ने ही फेसबुक के सीईओ मार्क जुकरबर्ग से कहा था  कि वे कुछ समय भारत घूमने के लिए जाएं, और ऐसा उनके कहने पर मार्क ने किया भी। उन्होंने यह कहानी पहली बार 2015 में भारत के प्रधानमंत्री के साथ साझा की थी। उन्होंने बताया था कि वे फेसबुक को लेकर शुरुआती दिनों में काफी कठिनाइयों से गुजर रहे थे और वे इस कंपनी को बेचने पर भी विचार कर रहे थे। इस दौरान जुकरबर्ग कुछ सलाह लेने जॉब्स के पास गए, ऐसे में जॉब्स ने उन्हें भारत के एक मंदिर में जाकर दर्शन करने की सलाह दी।

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बाबा से प्रभावित हुई थी जूलिया रॉबर्ट्स 

जुकरबर्ग मानते हैं कि भारत में मिली अध्यात्मिक शांति के बाद उन्हें फेसबुक को नए मुकाम पर ले जाने की ऊर्जा मिली। हॉलिवुड की मशहूर अदाकारा जूलिया रॉबर्ट्स ने भी बाबा से प्रभावित होकर उन्होंने हिन्दू धर्म अपनाने का फैसला लिया था।  जूलिया रॉबर्ट्स ने खुद इस बात का खुलासा किया था, वह आज भी पति और तीनों बच्चों के साथ मंदिरों में प्रार्थना करने जाती है। 
 


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Content Writer

vasudha

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