''राम मंदिर का उद्धाटन एक विज्ञापन''...प्राण- प्रतिष्ठा पर भड़के Anurag Kashyap, कह डाली बड़ी बात

punjabkesari.in Friday, Mar 08, 2024 - 06:16 PM (IST)

फिल्ममेकर अनुराग कश्यप अपने बेबाक अंदाज के लिए जाने जाते हैं। वो अपनी बातों को खुलकर रखते हैं चाहे इस पर कितना बड़ा विवाद ही क्यों न हो। एक बार उन्होंने ऐसा ही किया है। एक इवेंट में पहुंचे फिल्ममेकर ने राम मंदिर की प्राण- प्रतिष्ठा पर अपने विचार रखे। उन्होंने कहा कि 22 जनवरी को अयोध्या में जो कुछ भी हुआ वो उन्हें विज्ञापन सा लगा। वो कहते हैं कि जब इंसान के पास कुछ नहीं बचता है तो वो धर्म पर आ जाता है। उन्होंने आगे ये भी कहा कि अयोध्या में राम मंदिर नहीं राम लला का मंदिर है, लोगों को इस बात में फर्क नहीं पता है।

PunjabKesari

अनुराग ने कहा धर्म को धंधा

 कलकत्ता में हुए एक इवेंट में पहुंचे अनुराग ने मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि राम मंदिर की प्राण- प्रतिष्ठा उन्हें विज्ञापन जैसी लगी। वैसा ही विज्ञापन जैसे खबरों के बीच में चलते हैं। वो कहते हैं, 'ये 24 घंटों का विज्ञापन था। मेरे नास्तिक होने का बड़ा कारण ये है कि मैं वाराणसी में पैदा हुआ। मैंने धर्म के धंधे को बहुत ही नजदीक से देखा है।'

ये कभी राम मंदिर नहीं था- अनुराग

अनुराग आगे कहते हैं, 'आप जिसे राम मंदिर कह रहे हैं वो कभी राम मंदिर था ही नहीं। ये राम लला का मंदिर था और पूर देश इसमें अंतर नहीं बता पा रहा। किसी ने कहा है दुष्टों का धर्म ही आखिरी सहारा होता है। जब आपके पास कुछ नहीं बचता है तो आप धर्म पर आ जाते हो। मैंने खुद को हमेशा नास्तिक कहा है क्योंकि मैंने बड़े होते वक्त देखा है, कैसे निराश लोग रक्षा के लिए मंदिर में जाते हैं, जैसे वहां पर कोई बटन है, जिसे दबाकर सब सही हो जाएगा।' 

PunjabKesari

सूचनाओं को किया जा रहा है कंट्रोल- अनुराग

अनुराग ने कहा कि सूचनाओं के एल्गोरिदम बदली जा रही है। लोगों को फोन में वही मिलता है जो वो सुनना चाहते हैं और सब कुछ कंट्रोल किया जा रहा है। वो हमेशा 4 कदम आगे हैं। आखिर में उन्होंने कहा कि 'हमारी सारी एनर्जी इन बिना मतलब की लड़ाइयों में जा रही है और वे हमें ऐसे ही फंसाए रखते हैं। हमें लग रहा है कि हम लड़ रहे हैं, लेकिन हम कुछ नहीं कर रहे।'


सबसे ज्यादा पढ़े गए

Content Editor

Charanjeet Kaur

Related News

static