चुनाव हार चुकी स्मृति का ''अनुपमा'' के वनराज ने बढ़ाया हौंसला, कहा- आपने देश को प्राउड किया है
punjabkesari.in Friday, Jun 07, 2024 - 07:03 PM (IST)
चुनावों में तो हार- जीत लगी ही रहती है। राहुल गांधी को 2019 में उनके ही गढ़ अमेठी में पराजित कर राष्ट्रीय स्तर पर सुर्खियों में आयीं स्मृति ईरानी इस बार लोकसभा चुनाव में हार गयीं। छोटे पर्दे की हर दिल अजीज बहू ‘तुलसी' की हार से हर कोई हैरान रह गया था। जहां विपक्ष ने उन पर खूब कटाक्ष किया तो कुछ लोग उनके समर्थन में भी उतरे। इसी बीच अनुपमा फेम सुधांशु पांडे ने भी स्मृति ईरानी को स्पोर्ट किया।
टीवी के हिट शो 'अनुपमा' के एक्टर सुधांशु पांडे ने स्मृति ईरानी का हौंसला बढ़ाते हुए अपने उनके इंस्टाग्राम पोस्ट पर कमेंट करते हुए लिखा- आपने हमेशा देश को प्राउड किया है, और हमारे देश की महिलाओं के लिए प्रेरणा रही हैं, आप और भी बेहतर वापसी करेंगी. जय महाकाल...जय श्री राम... । दरअसल चुनाव हारने के बाद स्मृति ने एक नोट शेयर कर लिखा था, ऐसा ही जीवन है...मेरे जीवन का एक दशक एक गांव से दूसरे गांव में जाना, लोगों का जीवन बनाना, उम्मीदों और एस्पिरेशन को रेरिस करना, बुनियादी ढांचे पर काम करना - सड़क, नाली, खड़ंजा, बाईपास, मेडिकल कॉलेज और बहुत कुछ, हार और जीत में मेरे साथ खड़े रहने वालों का मैं हमेशा आभारी रहूंगी. आज जश्न मनाने वालों को बधाई, और जो पूछ रहे हैं, 'कैसा जोश है?' मैं कहती हूं- अभी भी जोश है, सर।
सुधांशु ने उनके इंस्टाग्राम पोस्ट पर कमेंट करते हुए उनके राजनीतिक करियर की सराहना की. उन्होंने लिखा, आपने हमेशा देश को प्राउड किया है, और हमारे देश की महिलाओं के लिए प्रेरणा रही हैं. आप और भी बेहतर वापसी करेंगी. जय महाकाल...जय श्री राम... चुनाव हारने के बाद स्मृति ने एक नोट शेयर किया था, जिसमें लिखा था, ऐसा ही जीवन है...मेरे जीवन का एक दशक एक गांव से दूसरे गांव में जाना, लोगों का जीवन बनाना, उम्मीदों और एस्पिरेशन को रेरिस करना, बुनियादी ढांचे पर काम करना - सड़क, नाली, खड़ंजा, बाईपास, मेडिकल कॉलेज और बहुत कुछ, हार और जीत में मेरे साथ खड़े रहने वालों का मैं हमेशा आभारी रहूंगी. आज जश्न मनाने वालों को बधाई, और जो पूछ रहे हैं, 'कैसा जोश है?' मैं कहती हूं- अभी भी जोश है, सर.
ईरानी ने इससे पहले, 2014 के चुनाव में राहुल गांधी के खिलाफ अमेठी में खम ठोंका था लेकिन वह एक लाख से अधिक मतों से हार गई थीं। चुनाव हारने के बावजूद उन्हें प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में बनी पहली सरकार में मानव संसाधन विकास मंत्री बनाया गया। बाद में वह सूचना प्रसारण और फिर कपड़ा मंत्री भी रहीं। ईरानी को उनकी शैक्षणिक योग्यता को लेकर या बतौर मंत्री कई विवादों का सामना करना पड़ा। अपने नामांकन पत्र में उन्होंने कहा था कि वह स्नातक नहीं हैं।
वहीं 2014 चुनाव में ईरानी ने कहा था कि वह 1994 में दिल्ली विश्वविद्यालय से स्नातक हैं जिससे उनके दावे की विश्वसनीयता को लेकर विवाद पैदा हो गया था। विपक्षी दलों ने आरोप लगाया था कि वह स्नातक नहीं हैं। सूचना प्रसारण मंत्री रहते भी वह कभी प्रसार भारती बोर्ड से मतभेद तो कभी ‘फेक न्यूज' को लेकर अधिसूचना जारी करने को लेकर विवादों के घेरे में रहीं जो बाद में पीएमओ के दखल के बाद वापस ली गई। अमेठी में चुनाव अभियान के दौरान अक्सर कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाद्रा से उनका वाकयुद्ध भी हुआ जिन्होंने उन्हें ‘बाहरी' करार दिया था। चुवर्ष 1976 में 23 मार्च को जन्मी स्मृति भारतीय जनता पार्टी की महिला मोर्चा की अध्यक्ष भी रह चुकी हैं।