अब हमेशा के लिए डेंगू-मलेरिया की होगी छुट्टी! भारत में बन रहा है इसका टीका

punjabkesari.in Saturday, Sep 13, 2025 - 11:09 AM (IST)

नारी डेस्क:  मलेरिया के खिलाफ लड़ाई में भारत मजबूत होता जा रहा है। भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (ICMR) ने AdFalciVax नामक मल्टी-स्टेज मलेरिया वैक्सीन तकनीक को  विकसित किया है, और हाल ही में इसे कई कंपनियों को लाइसेंस देकर व्यवसायिक उत्पादन की प्रक्रिया की शुरुआत की गई है। लेकिन यह कहना कि “पहली बार भारत में स्वदेशी मलेरिया वैक्सीन को पूरा अप्रूवल मिल गया है” या “उपलब्ध हो गई है” थोड़ा जल्दी होगा, क्योंकि अभी यह पूरी तरह से क्लिनिकल ट्रायल्स और सरकारी अप्रूवल की राह पर है। आइए समझते हैं इसके बारे में विस्तार से 


AdFalciVax क्या है?

यह भारत की पहली स्वदेशी मल्टी-स्टेज मलेरिया रेकॉम्बिनेंट वैक्सीन तकनीक है, जिसका विकास ICMR-Regional Medical Research Centre (RMRC), भुवनेश्वर ने किया है।  यह प्लास्मोडियम फॉल्सीपेरम (Plasmodium falciparum) पर लक्षित है, जो सबसे खतरनाक मलेरिया पैराजाइट है। 


इन कंपनियों से चल रही है बात

जुलाई 2025 में ICMR ने “Expression of Interest” (EoI) जारी की थी, जिसमें तकनीक ट्रांसफर के लिए भारतीय कम्पनियों को आमंत्रित किया गया था। सितंबर 2025 में, पांच कंपनियों को गैर-विशिष्ट (non-exclusive) लाइसेंस दिए गए हैं ताकि वे इस वैक्सीन को उत्पादन-वाणिज्यिक दायरे में लाएं। ये कंपनियां हैं: Indian Immunologicals Ltd, Techinvention Lifecare Pvt Ltd, Panacea Biotec Ltd, Biological E Ltd, और Zydus Lifesciences। 


क्या यह अभी आम लोगों के लिए उपलब्ध है?

बता दें कि  वैक्सीन आम लोगों के लिए नहीं उपलब्ध है। अभी यह उत्पादन, समीक्षा और आगे के परीक्षणों की प्रक्रिया में है। लाइसेंस का मतलब है कि उत्पादन की तैयारी शुरू होगी और आने वाले समय में इसे सार्वजनिक स्वास्थ्य कार्यक्रमों में शामिल किया जा सकता है। 


 इसके क्या लाभ होंगे?

मलेरिया नियंत्रण में भारत को एक महत्वपूर्ण हथियार मिलेगा। संक्रमण और प्रसारण (transmission) दोनों को रोकने में मदद मिलेगी। ये टीका प्लास्मोडियम फाल्सीपेरम नाम के खतरनाक पैरासाइट को रोककर मलेरिया के फैलने से बचाएगा और लोगों को सुरक्षित रखने में मदद करेगा।  विशेषकर उन क्षेत्रों में जहां मलेरिया अधिक फैलता है (पिछड़े, आदिवासी और सीमावर्ती क्षेत्र)। ओडिशा, छत्तीसगढ़, झारखंड और पूर्वोत्तर के कुछ हिस्सों में मलेरिया के मामले बेहद ज्यादे हैं।   सितंबर के महीने में सिर्फ दिल्ली में ही मलेरिया के 264 केस दर्ज किए गए हैं, जो पिछले चार सालों में सबसे ज्यादा हैं।


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Content Writer

vasudha

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