किसी को आ जाएं भीड़ में पैनिक अटैक तो ऐसे पहचाने और सही तरीके से जाने कैसे करें मदद
punjabkesari.in Friday, Sep 26, 2025 - 05:40 PM (IST)

नारी डेस्क : आज की तेज-तर्रार और व्यस्त जिंदगी में पैनिक अटैक (Panic Attack) का सामना करना आम हो गया है। यह वह स्थिति है जब किसी व्यक्ति को अचानक अत्यधिक डर या घबराहट महसूस होती है, जबकि कोई वास्तविक खतरा मौजूद नहीं होता। पैनिक अटैक के दौरान शरीर और दिमाग में ऐसा लगता है कि कुछ बहुत बुरा होने वाला है। ऐसे समय में सही तरीके से पहचान और मदद करना बहुत जरूरी है, खासकर भीड़ में।
पैनिक अटैक क्या है?
पैनिक अटैक अचानक तेज़ डर, घबराहट या चिंता का दौरा होता है। इसमें दिल की धड़कन तेज हो जाती है, सांस फूलने लगती है, चक्कर या कमजोरी महसूस होती है और व्यक्ति को लगता है कि वह बेहोश हो जाएगा या उसकी मौत होने वाली है। अक्सर लोग इसे हार्ट प्रॉब्लम समझ लेते हैं क्योंकि व्यक्ति सीने को पकड़ सकता है या तेज धड़कन की शिकायत करता है।
पैनिक अटैक के लक्षण
शारीरिक लक्षण: पैनिक अटैक के दौरान व्यक्ति को अचानक घबराहट और डर का अनुभव होता है। इस समय उसे बेचैनी और असहजता महसूस होती है, साथ ही शरीर पसीने से तर हो जाता है। कई बार चक्कर या कमजोरी महसूस होती है, और हाथ कांपने या सीने में दबाव का अनुभव भी आम है। ये सभी लक्षण अस्थायी होते हैं, लेकिन व्यक्ति को काफी डरावने लग सकते हैं।
व्यवहारिक लक्षण: पैनिक अटैक के दौरान व्यक्ति अचानक बातचीत बंद कर सकता है और अपने आस-पास के लोगों से खुद को अलग महसूस कर सकता है। कई बार वह अपने शरीर से अलगाव या अजनबीपन का अनुभव भी करता है, जिससे यह स्थिति और अधिक मानसिक रूप से चुनौतीपूर्ण हो जाती है।
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भीड़ में पैनिक अटैक आने पर क्या करें
शांत रहें और मदद करें: भीड़ न बढ़ाएं और व्यक्ति को सुरक्षित महसूस कराएं।
सांस लेने में मदद करें: धीरे-धीरे गहरी सांस लेने के लिए कहें।
साथ रहें: सिर्फ पास रहकर सहारा दें।
ग्राउंडिंग तकनीक अपनाएं: अपने पैरों के नीचे जमीन को महसूस करना या पांच चीजें गिनना जैसे अभ्यास मदद कर सकते हैं।
जागरूकता और संवेदनशीलता: सही समय पर लक्षण पहचानकर व्यक्ति को अकेला महसूस होने से बचाया जा सकता है।
पैनिक अटैक डरावने और शारीरिक रूप से असर डाल सकते हैं, लेकिन जानलेवा नहीं होते। समय पर पहचान और सही तरीके से मदद करना व्यक्ति के मानसिक स्वास्थ्य के लिए बेहद जरूरी है।