भूलकर भी ना करें ये 8 गलतियां, वरना भैरव बाबा का कोप पड़ सकता है भारी!
punjabkesari.in Wednesday, Nov 12, 2025 - 04:20 PM (IST)
नारी डेस्क : काल भैरव जयंती भगवान शिव के सबसे उग्र और रक्षक रूप, भगवान काल भैरव को समर्पित दिन है। उन्हें “समय के स्वामी” कहा गया है, जो अधर्म का नाश कर धर्म की रक्षा करते हैं। ऐसा माना जाता है कि जो व्यक्ति सच्चे मन से भैरव बाबा की पूजा करता है, उसके जीवन से भय, शत्रु, बुरी शक्तियां और बाधाएं समाप्त हो जाती हैं। इस साल 2025 में काल भैरव जयंती पर अगर आप श्रद्धा और नियमपूर्वक पूजा करें और कुछ खास 8 उपाय अपनाएं, तो न केवल भय और नकारात्मकता से मुक्ति मिलेगी बल्कि जीवन में साहस, समृद्धि और ईश्वरीय सुरक्षा का अनुभव होगा। भैरव बाबा की कृपा पाने के 8 शक्तिशाली उपाय।
भैरव मंदिर में सरसों के तेल का दीपक जलाएं
सुबह स्नान कर साफ कपड़े पहनें और भैरव मंदिर जाएं। वहां सरसों के तेल का दीपक जलाएं और उसमें एक लौंग डालें। यह उपाय घर की नकारात्मक ऊर्जा, क्लेश और विवाद को दूर करता है। जिन घरों में बार-बार झगड़े या बेचैनी रहती है, उनके लिए यह उपाय बेहद प्रभावी है।
काले कुत्ते को रोटी खिलाएं
भैरव बाबा का वाहन काला कुत्ता है। इस दिन काले कुत्ते को तेल लगी रोटी खिलाना शुभ माना जाता है। यह उपाय नज़र दोष, शत्रु बाधा और दैहिक पीड़ा से रक्षा करता है। जीवन में लगातार रुकावटों से जूझ रहे लोग यह उपाय अवश्य करें।

करें भैरव चालीसा या काल भैरव अष्टक का पाठ
भैरव जयंती पर “काल भैरव अष्टक” या “भैरव चालीसा” का श्रद्धा से पाठ करें। इससे सभी संकट मिटते हैं, साहस और आत्मविश्वास बढ़ता है। रोज़ पाठ न कर पाएं तो केवल इस दिन करना भी अत्यंत फलदायी होता है।
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तांबे के पात्र से करें अभिषेक
भैरव बाबा को तांबे के पात्र में जल, दूध, शहद और इत्र मिलाकर स्नान कराएं। यह उपाय रुके हुए कार्यों को पूर्ण करने और आर्थिक स्थिति सुधारने में मदद करता है। यह खासकर उन लोगों के लिए उपयोगी है जिनके कार्य बार-बार अटक जाते हैं।

शराब की जगह चढ़ाएं इत्र या शीतल पेय
कई जगह भैरव पूजा में शराब चढ़ाने की परंपरा है, लेकिन शास्त्रों में इसे शुद्ध विकल्प से बदलना उचित माना गया है। इसलिए शराब की जगह इत्र या शीतल पेय अर्पित करें। इससे पूजा में पवित्रता बनी रहती है और भैरव बाबा की कृपा भी मिलती है।
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भैरव बाबा को सिंदूर और काले तिल अर्पित करें
भैरव बाबा को सिंदूर और काले तिल अत्यंत प्रिय हैं। इन्हें अर्पित करने से शनि, राहु और केतु के प्रभाव शांत होते हैं। जिनकी कुंडली में ग्रह दोष या भाग्य की रुकावटें हैं, उनके लिए यह उपाय बहुत लाभदायक है।
गरीबों और साधुओं को कराएं भोजन
भैरव जयंती पर गरीबों, साधुओं या भिखारियों को भोजन कराना सबसे पुण्यदायी कर्म माना गया है। यह उपाय पितृ दोष, धन की कमी और मानसिक बेचैनी को दूर करता है। इससे घर में सुकून और स्थिरता आती है।

रात में करें “ॐ कालभैरवाय नमः” मंत्र का जाप
अष्टमी की रात को शांत जगह पर बैठकर “ॐ कालभैरवाय नमः” मंत्र का 108 बार जाप करें। यह जाप अदृश्य सुरक्षा कवच बनाता है और आने वाले संकटों से रक्षा करता है। यदि रोज़ न कर पाएं, तो केवल इस दिन करना भी अत्यंत शुभ माना गया है।
काल भैरव जयंती का आध्यात्मिक संदेश
काल भैरव केवल उग्र रूप नहीं, बल्कि संरक्षक शक्ति हैं। उनकी पूजा भय को मिटाकर आत्मविश्वास, निर्णय क्षमता और स्थिरता देती है। जो व्यक्ति भय पर विजय पाना चाहता है, उसे भैरव की शरण में जाना चाहिए।
2025 की काल भैरव जयंती पर अगर आप इन 8 सरल उपायों को श्रद्धा और नियमपूर्वक करेंगे, तो आपके जीवन से डर, नकारात्मकता और शत्रुओं का प्रभाव समाप्त होगा, और भैरव बाबा की कृपा से साहस, सफलता और शांति प्राप्त होगी।

