नीरजा की मौत पर आखिर क्यों पाकिस्तान ने भी बहाए थे आंसू?

punjabkesari.in Wednesday, Sep 05, 2018 - 01:41 PM (IST)

नीरजा भनोट की पहचान के लिए उनका नाम ही काफी है। शायद ही इस दुनिया में कोई एेसा होगा जो भारत की बेटी नीरजा के बारे में ना जानता हो। 5 सितंबर 1986 को उन्होंने अपनी जान की परवाह किए बिना कई लोगों को बचाया था। 

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दरअसल, 32 साल पहले आज के ही दिन आतंकियों ने कराची के रास्ते मुंबई से अमेरिका जाने वाले विमान को हाईजैक कर लिया था। आतंकवादी सुरक्षाकर्मियों की वर्दी में विमान के अंदर घुस गए। विमान में जाते ही उन्होंने गोलियां चलानी शुरू कर दी। आपको बता दें, आतंकी इस विमान को इजरायल में ले जाकर क्रैश करना चाहते थे। 

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एक आतंकवादी ने प्लेन की एयर होस्टेस नीरजा से यात्रियों के पासपोर्ट लाने के लिए कहा। उस समय प्लेन में 379 लोग मौजूद थे। नीरजा आतंकवादियों से डरी नहीं और उन्होंने अपनी बहादुरी और सुझ-बूझ से लोगों को इमरजेंसी दरवाजे से बाहर निकालना शुरू कर दिया। यात्रियों को विमान से बाहर जाते देख आतंकवादियों ने गोलियां चलानी शुरू कर दी। इसमें नीरजा समेत 20 यात्रियों की मौत हो गई और 100 से ज्यादा लोग घायल हो गए थे। 

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मरणोपरांत नीरजा को भारत के सर्वोच्च नागरिक सम्मान अशोक चक्र दिया था।  इसके साथ ही उनके नाम पर डाक टिकट भी जारी किया गया। मोगा के गांव घलकलां के देशभगत पार्क में उसका एकमात्र स्टेच्यू स्थापित किया गया है। वहीं पर 16 फुट लंबा जहाज बनाया गया है। इसके अलावा पाक ने तमगा-ए-इन्सानियत दिया।

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अपनी जान की परवाह किए बिना लोगों को विमान से सुरक्षित बाहर निकालने वाली भारत की इस बेटी पर हमें ही नहीं बल्कि दुनिया को नाज है। 


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Content Writer

Nisha thakur

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