3 साल के बच्चे को रहता है इस बीमारी का खतरा, यूं रखे बचाव

punjabkesari.in Saturday, Sep 08, 2018 - 04:24 PM (IST)

जब औरत प्रेग्नेंट होती है, तो पहले तीन महीने से ही मां का टीकाकरण शुुरु हो जाता है। छोटी-छोटी बीमारियां जैसे-उल्टी, दस्त, पेटदर्द, गैस आदि होना आम बात है लेकिन जब बच्चे का जन्म होता है, तो जन्म से 3 दिन के अन्दर ही B.C.G., हेपेटाइटिस बी का टीका लगा दिया जाता है। उसके बाद बच्चे की उम्र बढ़ने के साथ -,कॉलरा, एम, एम, आर (मम्प्स, खसरा, रूबेला) वेरिसेला, D.P.T. बूस्टर डोज़ टाइफाइड, मेनिंगोकोकल आदि का टीका आदि  टीकाकरण होता है। हालांकि इसके बावजूद वजन और लंबाई के असुंतलन होने से 3 साल से 10 साल तक बच्चे को शरीर में ये प्रॉब्लमस हो सकती हैं। जन्म के पहले तीन सालों में बच्चों का साधारण से ज्यादा वजन बढ़ने से लंग फंक्शन और अस्थमा का खतरा बढ़ जाता है। 

 

ज्यादा वजन बढने के कारण
जंक फूड ,मसालेदार और तली हुई चीजों से बच्चों का वजन तेजी से बढने लगता है।

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वजन बढनेे से होने वाली बीमारियां
1. नीदरलैंड के एरास्मस यूनिवर्सिटी में हुए नई अध्यन में यह सामने आया है कि जिन शिशुओं का वजन अधिक रफ्तार से बढ़ा है, ऐसे बच्चों में 10 वर्ष की आयु में लोवर लंग फंक्शन की समस्या हो सकती है।


2. लेखक मेरिबेल कासस का कहना है कि बच्चे का बॉडी मास इंडेक्स जितनी देर में अपने शिखर पर पहुंचेगा, उसके फेफड़ें उतना ही अच्छा काम करेंगे और उनमें दमा की समस्या भी कम होगी। बच्चों के विकास में फेफड़ें ही महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। 

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उपाय
बच्चे की डाइट में जूस, फल और हरी सब्जियां शामिल करें। बाजार के जंक फूड और तली चीजें न खाने दें। अगर आपको बच्चे के वजन और लंबाई में कोई बदलाव नजर आता है तो तुरंत अच्छे डॉक्टर की सलाह लें।
 

 

 

 

 

 


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Content Writer

Priya verma

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