जलवायु परिवर्तन खिलाफ 16 साल की लड़की ने छेड़ी मुहिम, ओबामा भी हुए फैन

punjabkesari.in Monday, Sep 23, 2019 - 12:25 PM (IST)

जलवायु में हो रहे परिवर्तन के कारण लोगों को काफी तरह की दिक्कतों का सामना करना पड़ता हैं लेकिन फिर भी दुनियाभर में रह रहे लोगों का ध्यान इस तरफ नही जाता हैं। जलवायु में हो रहे परिवर्तन को रोकने व लोगों को इस बारे में जागरुक करने के लिए दुनिया भर में लोग सड़कों पर आ गए हैं। लोगों द्वारा आंदोलन किया जा रहा है। खास बात यह है कि इस आंदोलन का नेतृत्व कोई राजनेता या शख्स नही बल्कि 16 साल की लड़की ग्रेटा थनबर्ग कर रही हैं।

इस टीनएज एक्टिविस्ट के फैन न केवल देश भर के लोग है बल्कि अब खुद अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति बेराक ओबामा बन चुके हैं। उन्होंने न केवल इस लड़की से मुलाकात की बल्कि अपने ट्वीटर अकाउंट पर उसकी फोटो भी शेयर की। 

 


स्वीडिश एनवायरमेंट एक्टिविस्ट है ग्रेटा 

ग्रेटा थनबर्ग का जन्म 3 जनवरी 2003 को स्वीडन में हुआ था। स्वीडिश पर्यावरण एक्टिविस्ट होने के कारण यह दुनिया भर के लोगों में जलवायु परिवर्तन की जागरुकता बढ़ा रही हैं। इतना ही नही इसने राजनेताओं को इस पर करवाई न करने का भी जिम्मेदार ठहराया हैं। 15 साल की उम्र में उसने स्कूल से छुट्टी लेकर स्वीडिश संसद के बाहर प्रदर्शन किया था। उसने हाथ में एक बोर्ड लिया हुआ था जिस पर लिखा हुआ था 'stronger climate action'। जैसे जैसे बच्चों को इस बारे में पता लगा वह भी इस आंदोलन में उसके साथ जुड़ गए।

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शुरु किया ' Fridays for Future' आंदोलन 

ग्रेटा थनबर्ग ने ' Fridays for Future' के नाम से स्कूल जलवायु हड़ताल आंदोलन शुरु किया हैं। इतना ही नही 2018 में ' यूनाइटिड नेशन क्लाइमेट कांफ्रेंस' को भी संबोधित करते हुए कहा था कि दुनियाभर में स्टूडेंट्स आंदोलन कर रहे हैं। 2019 में हुए प्रदर्शन में 1 मिलियन से अधिक विद्यार्थियों ने भाग लिया था। सार्वजनिक भाषण देने की शुरुआत 2018 में स्कूल से की थी।

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घर से करनी होगी शुरुआत 

ग्रेटा ने अपने सीधे बोलने वाले व्यवहार के कारण काफी पसंद की जाती हैं। ग्रेटा अच्छे से जानती है कि अगर जलवायु संकट से खुद को बचाना है तो हमें घर से शुरुआत करनी होगी। इसलिए उन्होंने अपने व अपने माता पिता की जीवनशैली में कुछ चीजों पर रोक लगा दी जो कि पर्यावरण के लिए अच्छी नही थी। इतना ही नही उन्होंने हवाई यात्रा व मांस भी बंद कर दिया हैं। वह अपने जीवन में वीमान का भी कम इस्तेमाल करती हैं। इतना ही नही इसके बाद 2019 में दावोस सम्मेलन में उन्होंने कहा का था कि कुछ ऐसी कंपनियां है जो कि अपने फायदे के लिए प्राकृतिक की बहुमूल्यों वस्तुओं को नुकसान पहुंचा रहे हैं।

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Content Writer

khushboo aggarwal

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