आवारा पशुओं  का दर्द समझते हैं कपिल देव, जानवरों के प्रति क्रूरता के खिलाफ पहुंचे Delhi High Court

punjabkesari.in Friday, Sep 29, 2023 - 04:04 PM (IST)

पूर्व क्रिकेट खिलाड़ी कपिल देव और उनकी पत्नी ने दिल्ली उच्च न्यायालय का रुख कर पशु क्रूरता निवारण (पीसीए) अधिनियम के उन प्रावधानों को चुनौती दी है, जो आवारा कुत्तों की ‘‘घातक कक्षों'' में जान लेने और किसी भी कानून के तहत पशु की हत्या की अनुमति देते हैं। कपिल देव का मानना है कि आवारा पशुओं पर कानून बनने के बावजूद भी उन पर अत्याचार कम होने का नाम नहीं ले रहे हैं। 

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याचिकाकर्ताओं कपिल देव, उनकी पत्नी रोमी देव और पशु अधिकार कार्यकर्ता अंजलि गोपालन ने कहा कि याचिका पशुओं के साथ बार-बार किये जाने वाले बर्बर व्यवहार को लेकर दायर की गई है। उन्होंने कहा कि इस तरह के कृत्य मानवता के सर्वाधिक बर्बर और निर्मम चेहरे को उजागर करते हैं। साथ ही, यह कानून और कानून प्रवर्तन एजेंसियों के शिथिल रवैये को भी प्रदर्शित करता है। मामले में अगली सुनवाई 13 अक्टूबर को होगी।

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याचिका में, पशु क्रूरता निवारण अधिनियम की धारा 11 को चुनौती देते हुए कहा गया  कि यह बगैर प्रतिरोध के और मनमाना है क्योंकि यह जीवन को महत्वहीन करता है और तुच्छ कृत्यों से पशुओं की हत्या कर उनके किसी भी सार्थक अस्तित्व से इनकार करता है। उनका कहना है कि जानवरों को भी इंसानों की तरह अत्याचार न करने और अनावश्यक दर्द या पीड़ा न देने का अधिकार है। उन अधिकारों के उल्लंघन के लिए दंड महत्वहीन है, क्योंकि ये कानून मनुष्यों द्वारा बनाए गए हैं।

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 याचिका में कहा गया-‘‘धारा 11, पीसीए अधिनियम के तहत, अपवाद के रूप में और भी अनुचित है, जो धारा 11 (3) (बी) (घातक कक्षों में आवारा कुत्तों का खात्मा), धारा 11 (3) में उल्लेखित उद्देश्यों के लिए पशुओं के प्रति क्रूरता की अनुमति देता है।'' इसमें कहा गया है कि इनके अलावा धारा 11 (3) (सी) अभी लागू किसी भी कानून के प्राधिकार के तहत पशु के खात्मे की अनुमति देता है। 


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vasudha

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