World Earth Day: लॉकडाउन से "धरती" को मिलें ये खूबसूरत तोहफे

punjabkesari.in Wednesday, Apr 22, 2020 - 11:26 AM (IST)

लॉकडाउन की वजह से भले ही आपको घर में बंद रहना पड़ रहा हो लेकिन आपका यह सहयोग कोरोना की जंग में बड़ा हथियार साबित हो सकता है। यही नहीं, लॉकडाउन का असर पर्यावरण पर भी साफ दिखाई दे रहा है। लॉकडाउन की वजह से आसमान नीला, पानी साफ और हवा शुद्ध हो गई है। एक लंबे वक्त बाद धरती इस कदर सांस ले पा रही है।

आज 'विश्व पृथ्वी दिवस' है, सही मायने में अब इंसानों की तरफ से लॉकडाउन धरती के लिए एक तोहफा साबित हो रहा है।

कार्बन उत्सर्जन हुआ कम

कोरोना के चलते भागती दुनिया के पैर थम गए हैं, पूरी दुनिया में लॉकडाउन के नियमों का पालन किया जा रहा है। सार्वजनिक और निजी यातायात लगभग बंद होने से वाहनों से निकलने वाली कार्बन डाइ ऑक्साइड जैसी गैसें निकलना भी बहुत ही कम हो गई हैं। साथ ही इसकी वजह से ग्लोबल वार्मिंग भी काफी कम हुई है। उद्योगों के बंद होने से वायुमंडल को नुक़सान पहुंचाने वाली गैसों का उत्सर्जन बंद हो गया हैं। इसका फायदा हमारे जीवन पर सीधा देखने को मिलेगा।

PunjabKesari

प्रदूषण में आई कमी

लॉकडाउन के कारण वायु व जल प्रदूषण में भी काफी कमी आई है। गंगा समेत कई नदियों का पानी नहाने योग्य जितना साफ हो गया है। यही नहीं, लोगों की गाड़ियों के पहिए थमने से ध्वनि प्रदूषण भी काफी कम हो गया है।

ओजोन परत हुआ साफ

प्रदूषण कम होने से ओजोन लेयर जो लगातार बुरी तरह प्रभावित हो रही थी उसमें भी सुधार आ रहा है।  शोध के अनुसार, केमिकल ओजोन परत के नुकसान के लिए जिम्मेदार हैं, उनके उत्सर्जन में कमी होने के कारण यह सुधार हो रहा है। इसी के चलते दुनिया भर में सकारात्मक वायु संचार बना है,जिसका असर एंटार्टिका के ऊपर वाले वायुमंडल के हिस्से में भी हुआ है जहां ओजोन परत को सबसे ज्यादा नुकसान हो रहा था।

वन्यजीवों को मिला सुकून

फिलहाल इंसान जहां अपने घरों में रहने को मजबूर है वहीं इसकी वजह से वन्यजीवों को काफी सुकून मिला है। देश के कई हिस्सों में ऐसे नजारे देखने को मिल रहे है जहां वन्य जीव सड़कों पर निकल आए।

कुदरत के अनोखे रूप, बंदरों ने की स्विमिंग तो सनबॉथ लेने निकले मगरमच्छ

कूड़ा-कर्कट हुआ कम

अभी तक के कामों से पृथ्वी को कितनी बर्बादी झेलनी पड़ी है जोकि फिलहाल काफी कम हो गई है। 2016 की एक रिपोर्ट के अनुसार 6 अरब कि.लो. औद्योगिक कूड़ा रोज समंदर में डाला जाता रहा है जो कि अब न के बराबर है।

प्रदूषण कम हुआ तो बीमारियों के आंकड़े भी हुए कम

प्रदूषण की वजह से हर साल फेफड़ों, गुर्दे और दिल की बीमारियों के कई मामले देखने को मिलते थे लेकिन 2 महीने से ऐसे मामले सामने नहीं आ रहे हैं। अगर भविष्य में भी इसी तरह कार्बन उत्सर्जन को नियंत्रित किया जाएं तो धरती का संकट काफी कम हो सकता है।

हवा हुई एकदम साफ

लॉकडाउन के चलते देश भर के कारखानों को बंद करना पड़ा, नतीजन देश भर में वायु प्रदूषण में अचानक गिरावट देखी गई। देश के तमाम हिस्सों में आज हवा एकदम स्वच्छ हो गई गई, जो शायद पहले कभी संभव ही नहीं था। यही नहीं, आज साफ हवा के चलते जालंधर से हिमालय पर्वत की धौलाधार रेंज साफ देखने को मिली।

COVID-19 India Lockdown: Pollution To Continue To Decrease Due To ...

हालांकि यह सब टेम्परेरी है क्योंकि लोग मजबूरी में घरों में बंद है। अगर हमें वाकई परिवर्तन लाना है तो लॉन्ग टर्म में कार्बन उत्सर्जन कम हो इसकी कोश‍िश करनी होगी।

. अधिक से अधिक पेड़-पौधे लगाएं
. इंडस्ट्री में सख्ती से पाबंदी लगानी चाहिए ताकि वो प्रदूषण न करें।
. रोड पर गाड़‍ियों को इलेक्ट्र‍िक मोड पर ले जाना चाहिए।
. सौर ऊर्जा और वायु ऊर्जा का ज्यादा इस्तेमाल होना चाहिए इससे कार्बन उत्सर्जन में कमी आएगी।
. लोगों को ज्यादा से ज्यादा पेड़-पौधें लगाने होगी।
. पानी को व्यर्थ ना करें, सिर्फ जरूरत के हिसाब से ही पानी का इस्तेमाल करें।
. वाहनों का कम प्रयोग करे
. कीटनाशकों के प्रयोग से बचे
. वृक्षों की कटाई ना करे
. स्टायरोफोम के बर्तनों की जगह मिट्टी के कुल्हड़ों, पत्तलों, धातु या कांच के बर्तनों का यूज करें।
. पारंपरिक रुई के गद्दों एवं तकियों का यूज करें, ताकि ओजोन परत सुरक्षित रहे।

Is Planting Trees the Answer? – Replant Amazon

अगर इन सभी नियमों का पालन भविष्य में किया गया तभी हम आने वाले वक्त में आगे भी इसी तरह से पृथ्वी दिवस पर पृथ्वी को खूबसूरत तोहफा दे पाएंगे, ताकि वो भी हमें अच्छा रिटर्न दे सके।


सबसे ज्यादा पढ़े गए

Content Writer

Anjali Rajput

Recommended News

Related News

static