बड़ा ही रहस्यमयी है भारत का यह मंदिर, जाने रहस्य!(Pics)

punjabkesari.in Monday, Jul 25, 2016 - 01:28 PM (IST)

भारत को मंदिरों का घर कहा जाता है। लोग मंदिर में स्थापित मूर्तियों में अपनी आस्था को मन में बसाएं रखते हैं। इन्ही मूर्तियों को देखकर लोग इस यकीन और श्रद्धा के साथ भगवान के दर्शन करके अपने आपको भाग्यवान समझने लगते हैं लेकिन हम आपको भारत के एक ऐसे मंदिर के बारे में बता रहे हैं,जिसके गर्भ ग्रह में स्थापित भगवान को आप साक्षात देख सकते हैं। इस प्राचीन मंदिर को यूनेस्को ने विश्व धरोहर के रूप में संजो कर रखा गया है।
 
 
- यह मंदिर उडीसा के पूर्वी जिले में चंद्रभागा नदी के किनारे कोणार्क में स्थित है। इसे कोणार्क का सूर्य मंदिर कहा जाता है।
 
- इसे विश्व धरोहर के रूप में जाना जाता है और यह दुनिया का सबसा अनूठा मंदिर है। 
 इसकी खूबसूरती और बाहरी नक्काशी को देखकर बड़े-बड़े कलाकार हैरान हो जाते हैं।
 
- यह भारत के सबसे प्रसिद्ध मंदिरों में से एक है। लाल बबुआ और काले ग्रेनाइट पत्थर से बने इस गंग वंश के राजा नृरसिंहदेव ने बनवाया था। जिसे 1984 में यूनेस्कों ने विश्व धरोहर के रूप मेें घोषित किया गया।
 
- इस मंदिर की कल्पना बेहद खूबसूरत तरीके से की गई है। सूर्य के विशाल रथ के रूप में की गई शिल्पकारी की कोई मिसाल नही। इसको सूर्य के रथ पर बारह जोेड़े विशाल पहिए लगे हुए है जिसे सात खूबसूरत घोड़े खींच रहें हैं।
 
- इस मंदिर की कहानी भगनाव कृष्ण से जुड़ी हुई है। दरअसल यह मंदिर सूर्य देव को समर्पित था और लोग इसे बिरंची-नारायण भी कहते थे।
 
- पौराणिक कथा के अनुसार,श्री कृष्ण के बेटे साम्ब को श्राप के अनुसार कोढ़ का रोग हो गया और इसी जगह पर उन्होने 12 साल सूर्य देवता की तपस्या की और उनको प्रसन्न किया। सभी रोगों का नाश करने वाले सूर्य देवता ने उनको रोग मुक्त किया। साम्ब ने सूर्य देनता के सम्मान में इस मंदिर को निर्माण किया।
 

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