Health Update: लकवा ग्रस्त कर सकता है जीका वायरस, स्किन रैशेज है शुरुआती लक्षण - Nari

punjabkesari.in Monday, Sep 24, 2018 - 12:47 PM (IST)

जीका वायरस ने देश में एक बार फिर दस्तक दे दी है। जयपुर की एक बुजुर्ग महिला की इस वायरस से संक्रमित होने की पुष्टि हुई है। महिला के जोड़ो में दर्द, आंखें लाल होने, कमजोरी के कारण अस्पताल में भर्ती करवाया गया था। जांच के बाद महिला में जीका वायरस की बात सामने आई। वैज्ञानिक तौर पर इस वायरस को रोकने में सफलता हासिल नहीं की गई है लेकिन सावधानी से इसकी रोकथाम की जा सकती है। इससे पहले भारत में जीका वायरस का पहला मामला मई 2017 में गुजरात में सामने आया था।

 

क्या है जीका वायरस?
जीका वायरस एंडीज इजिप्टी नामक मच्छर से फैलता है। यैलो फीवर,डेंगू और चिकनगुनियां जैसी बीमारियां भी यही मच्छर फैलाता है। यह सबसे ज्यादा नवजात बच्चों, गर्भ में पल रहे शिशु, शारीरिक रूप से कमजोर लोगों को अपना शिकार बनाता है। इस खतरनार वायरस से शारीरिक तौर से विकलांग होने का डर रहता है। शुरू में इसके लक्षण सामान्य लगते हैं लेकिन देखभाल न करने से यह बीमारी गंभीर रूप भी धारण कर सकती है। 

 

हो सकता है लकवा और दिमागी बीमारी 
इस वायरस से माइक्रोसेफेली का खतरा हो सकता है। इससे प्रभावित बच्‍चे का जन्‍म अविकसित और छोटे दिमाग के साथ होता है। इसके अलावा इससे ग्‍यूलेन-बैरे का भी खतरा होता है। यह सिंड्रोम शरीर की तंत्रिका पर हमला कर रोगी को लकवे का शिकार भी बना सकती है। 

जीका वायरस के लक्षण
इस वायरस के शिकार व्यक्ति में लक्षण एकदम से नहीं बल्कि धीरे-धीरे महसूस होने शुरू होते हैं। 

1. स्किन रैशेज होना
2. स्किन बेजान होना
3. हाथ और पांवों में जलन 
4. बुखार और आंखों में जलन
5. जोड़ों और मांसपेशियों में दर्द
6. हाथ और पांव में सूजन
7. सिर दर्द 

जीका वायरस होने पर बुखार होता है जो 102 डिग्री फारेनहाइट कर पहुंच जाता है और 2 से 7 दिनों तक रह सकता है। बुखार के साथ रोगी में ऊपर बताए लक्षण भी दिखाई दें तो नजरअंदाज न करके तुरंत डॉक्टर से परामर्श लें और जीका वायरस का टेस्ट करवाएं।  

ऐसे करें बचाव 
1. घर के आस-पास मच्छर पनपने न दें। 
2. शरीर को कपड़ों से ढककर रखें। 
3. सुबह शाम बग-स्प्रे करें या मॉस्किटो लोशन का इस्तेमाल करें। 
4. पीड़ित व्यक्ति के साथ सेक्स संबंध बनाने से भी यह वाइरस फैलता है। 
5. जिन जगहों पर जीका वायरस फैला हो वहां ट्रैवल करने वाली महिलाएं वापिस लौटने के 8 सप्ताह तक गर्भधारण करने से बचें। 
6. खिड़की दरवाजें बंद रखें। 
7. उन देशों या राज्यों का सैर न करें यहां ये वायरस फैला हो। 
8. कोई यात्रा करने के दौरान 2 हफ्ते तक बुखार रहता है तो जांच करवाने में देरी न करें। 


 

Content Writer

Priya verma