क्या पढ़ाई से भागता है आपका बच्चा, अपनाएं ये पेरैंटिंग टिप्स

punjabkesari.in Saturday, Jul 10, 2021 - 03:09 PM (IST)

अक्सर पेरैंट्स के सामने यह समस्या आती है कि उनका बच्चा पढ़ाई में मन नहीं लगाता। बच्चों की पढ़ाई को लेकर परेशान होने की जरूरत नहीं। हम आपको बता रहे हैं कि कैसे आप अपने बच्चों का मन खेलकूद के साथ पढ़ाई में भी लगा सकते हैं।

क्या करें पेरैंट्स

खुद पढ़ाएं

जब बच्चा लाख समझाने के बाद भी पढ़ाई से जी चुराता है तो पेरैंट्स तंग आकर उसे ट्यूशन पर भेज देते हैं या फिर घर पर ही टीचर रख लेते हैं। ऐसा करने की जगह शुरूआत में बच्चे को खुद पढ़ाएं। चूंकि मां-बाप ही हैं जो बच्चे को प्यार से समझा पाएंगे।

पढ़ाई के लिए शैड्यूल बनाएं

सोचिए आपको बार-बार उसी काम को करने के लिए बोला जाए जिसे करना आपको बिल्कुल पसंद नहीं तो आपको कैसा लगेगा। ऐसा ही बच्चों के साथ है। उन्हें हर समय पढ़ने के लिए न बोलें। बच्चे की पढ़ाई के लिए एक समय निर्धारित करें। रोजाना इस समय पर पढ़ाई कराएं और उसके बाद खेलने दें। ऐसा करने से बच्चा पढ़ाई के समय पढ़ाई करेगा और खेलने के समय खेलेगा।

 

सही जगह का चुनाव

बच्चों की पढ़ाई के लिए शांत और साफ-सुथरी एक जगह होनी चाहिए। बच्चों के कमरे को उनका स्टडी रूम बना सकते हैं। अगर अलग से कमरा नहीं है तो घर के एक कोने में कुर्सी-टेबल और किताबों को रखने की व्यवस्था करें और रोजाना बच्चे को उसी जगह पर पढ़ाएं। ऐसा करने से उसका मन पढ़ने में ज्यादा लगेगा। रिसर्चगेट में प्रकाशित एक शोध की मानें तो बच्चों का पढ़ाई में मन लगे, इसके लिए उनके कमरे में सही वैंटीलेशन होना जरूरी है।

खेल-खेल में पढ़ाएं

अगर आपका बच्चा छोटा है तो उसे खेल-खेल में पढ़ाएं। ऐसा करने से उनकी पढ़ाई के प्रति रुची जगेगी। उसे पढ़ना-लिखना बोझ नहीं लगेगा।

बच्चे की रुची समझें

पढ़ाते समय मां-बाप यह ध्यान जरूर दें कि बच्चे का किस चीज में इंट्रेस्ट है। यानी उसे कौन-सा विषय पढ़ना ज्यादा अच्छा लगता है। उसकी रुची के मुताबिक ही पसंदीदा सबजैक्ट के लिए मोटिवेट करें।    

क्या न करें

•हर समय पढ़ने के लिए न कहें
•पढ़ाई न करने पर बच्चे का डांटें नहीं
•दूसरों के सामने बच्चे की बुराई न करें
•दूसरे बच्चों से तुलना न करें
•कम नंबर आने पर गुस्सा न करें
•बच्चे को पढ़ाते समय दूसरे कामों को तवज्जो न दें।

News Editor

Shiwani Singh