आपकी एक लापरवाही से खराब हो सकती है बच्चे की आंखे, बरतें सावधानी!

punjabkesari.in Saturday, Sep 07, 2019 - 04:33 PM (IST)

आंखे शरीर के लिए एक खिड़की का काम करती हैं। यह शरीर का सबसे अधिक डेवलप्ड सेंसर ऑर्गन है जो बहुत जल्द दिमाग तक अपनी जानकारी पहुंचाता है। इतने जरुरी अंग की देखभाल खास ढंग से करना भी बहुत जरुरी है और जब बात बच्चों की आए तो यह जानकारी और भी जरुरी हो जाती है। स्वस्थ आंखें और अच्छी दृष्टि बच्चों के विकास का एक अनिवार्य हिस्सा है। जिसे इगनोर करना हानिकारक सिद्ध हो सकता है। आज हम यहां बात करेंगे बच्चों की आंखों में से जुड़ी कुछ समस्याओं के बारे में, जिनपर गौर करना हर मां-बाप के लिए बेहद जरुरी है।

कंजक्टिवाइटिस

खेलते वक्त ज्यादा समय तक धूप में रहने से बच्चों की आंखे लाल हो जाती हैं। जिसे कंजक्टिवाइटिस के नाम से जाना जाता है। आंखो को समय-समय पर साफ न करने की वजह से बच्चों में यह प्रॉबल्म हो जाती है। कंजक्टिवाइटिस की समस्या वायरल भी हो सकती है और बैक्टीरियल भी। 

मोतियाबिंद

यह समस्या ज्यादातर बढ़ी उम्र वाले लोगों में पाई जाती हैं। मगर कई बार ध्यान न देने पर छोटे बच्चे भी इस समस्या का शिकार हो जाते हैं। इस प्रॉब्लम के दौरान बच्चे की आंखों में एक झिल्ली सी बन जाती है। जिस कारण उसे देखने में प्रॉब्लम होती है। कई बार तो आंखों का ऑप्रेशन करवाने की नौबत आन पड़ती है।

स्टाई

कई बार आंखो में रुसी होने की वजह से बच्चे आंखे रगड़ते रहते हैं। आंखों में पैदा होने वाली रुसी को स्टई कहते हैं। कमजोर और मीठा ज्यादा खाने वाले बच्चों में भी स्टाई ज्यादा निकलती हैं। स्टाई होने पर आंख में दर्द, आंख से पानी जाना, पलकों पर सूजन और रोशनी में चौंध लगना जैसे लक्षण हो सकते हैं।

ग्लूकोमा

ग्लूकोमा एक ऐसी स्थिति है जब आंखों के अंदर दबाव बहुत अधिक होता है। यदि इस पर ध्यान न दिया जाए तो ये समस्या अंधेपन का कारण भी बन जाती है।

बच्चों की आंखे हेल्दी बनी रहें इसके लिए उनकी डाइट और केयर में कुछ चीजें ऐड करें। जैसे कि...

-बच्चों की आंखें कमजोर होने का मुख्य कारण पौष्टिक फूड में कमी भी है। ऐसे में बच्चों के खान-पान का विशेष ध्यान दें। साथ ही बच्चों की आंखें समय-समय पर साफ करते रहें।

-कम रोशनी में पढ़ने से हो सकती हैं बच्चों की आंखे खराब। बच्चों के पढ़ने वाले कमरे में ब्राइट लाइट्स लगाएं। जिससे पढ़ते वक्त बच्चे की आंखों पर जोर न डले।

-टीवी और मोबाइल जैसे गैजेट्स की वजह से बच्चों की आंखों पर बुरा असर पड़ता है। गैजेट्स पर गेम्स खेलने की बजाए बच्चों को आउटडोर गेम्स खेलने के लिए उत्साहित करें।

-आंखों को हेल्दी रखने के लिए विटामिन ए, बी, सी और डी की जरूरत होती है। ये सब विटामिन्स आपको फल और हरी सब्जियों में भरपूर मात्रा में मिल जाएंगे।

-आंवला का मुरब्बा होता है बच्चों की आंखों के लिए काफी फायदेमंद। खट्टा होने की वजह से बच्चे डायरेक्ट आंवला नहीं खा सकते। ऐसे में मीठा मुरब्बा उनके लिए बेस्ट रहेगा। 

Content Writer

Harpreet