दुनिया का यंगेस्ट योगा टीचर तबे, मां का कैंसर दूर होता देख शुरु किया था योगा

punjabkesari.in Friday, Jan 10, 2020 - 05:24 PM (IST)

दुनिया में मां और बच्चे का रिश्ता बहुत ही खास होता है। बच्चे अपनी मां को देखकर एक नहीं कई बातें सीखते है लेकिन कुछ बातों का असर ऐसा होता है कि वह सारी उम्र उस बात को पूरा करते है। ऐसा ही 14 साल का एक बच्चा है तबे एटकिन्स। तबे के जीवन पर योगा पर ऐसा असर पड़ा कि उसने 7 साल की उम्र में ही लोगों को योगा सीखाना शुरु किया और दुनिया का सबसे यंगेस्ट योगा टीचर होने की उपाधि हासिल की। 

 

मां का कैंसर दूर होने से मिली प्ररेणा 

दरअसल तबे की मां साहेल अनवारिनजाद 2012 में कैंसर की बीमारी के समय काफी मायूस महसूस कर रही थी। तब साहेल के बार झड़ने लगे मां की इस पीड़ा को देखते हुए तबे ने भी अपना सिर मुंडा लिया। इसके कुछ समय बाद तबे ने पाया की योग की मदद से उसकी मां की मायूसी कम हो रही थी। मां को जीने की एक नई दिशा मिलने लगी। योगा की मदद से धीरे-धीरे अपने दम पर चलने फिरने लगी और कैंसर पूरी तरह से मात देकर ठीक हो गई। 

 


सीखाता है पूरे कोर्स 

तबे ने जब योगा की मदद से अपनी मां को ठीक होते देखा तो उसने इस बारे में लोगों को जागरुक करने के बारे में सोचा। तब तबे ने योगा सीख कर योगा की क्लास लगानी शुरु की और लोगों को इस बारे में जानकारी दी। अब तबे हफ्ते में 3 दिन क्लासें लेता है और वह 7 अलग- अलग तरह के कोर्स सर्टीफिकेट की ट्रेनिंग भी देता है। तबे का कहना है कि वह चाहता है कि कैंसर हो या कोई और बीमारी कभी-भी किसी की मां उससे अलग नहीं होनी चाहिए।

 

2012 में पता लगा था कैंसर के बारे में 

साहेल एक सिंग्ल मां है इसलिए वह जल्द से जल्द ठीक होना चाहती थी। अप्रैल 2012 में साहेल को स्टेज 3 कैंसर के बारे में पता चला था। उस समय वह सांस भी नहीं ले पा रही था बचने की तो उम्मीद भी नहीं थी। कैंसर को ठीक होने के बाद शरीर को मजबूत और हेल्दी रखना सबसे बड़ी मुश्किल थी। ऐसे में योगा ज्वाइंन किया और उसका काफी अच्छा परिणाम देखने को मिला है। साहेल को ठीक होता देख तबे भी योगा करने लगा और अब वह खुद एक टीचर बन चुका है।

 

Content Writer

khushboo aggarwal