Inspiring Story: वो युवा महिला प्रधानमंत्री, जिसका बचपन अनाथालय में गुजरा

punjabkesari.in Wednesday, Nov 25, 2020 - 05:11 PM (IST)

ऐसी बहुत सी महिलाएं हैं जिन्होंने अपनी सशक्त शख्सियत से दुनियाभर में अपनी अलग पहचान बनाई इस लिस्ट में फिनलैंड की युवा प्रधानमंत्री सना मरीन भी शामिल हैं। फिनलैंड में सभी की नजरें इस युवा प्रधानमंत्री व महिलाओं का नेतृत्व करने वाले इस गठबंधन के पहले कार्यकाल पर टिकी है हालांकि कोरोना वायरस के दौरान हुए उनके निर्णायक नेतृत्व के लिए मरीन सरकार की तारीफें भी हुईं।

सबसे कम उम्र की प्रधानमंत्री

बता दें कि सना मरीन दुनिया की सबसे कम उम्र की प्रधानमंत्री है। जब दिसंबर 2019 में उनके कार्यकाल का पहला दिन था तो उनकी पहली तस्वीरें खूब वायरल हुई थी। उन्होंने कहा था कि वह युवा पीढ़ी का प्रतिनिधित्व करती हैं और ये दुनिया को दिखाने कै मौका है कि ''हम फिनलैंडवासी कौन हैं।''

अनाथालय में गुजरा सना का बचपन

एक साधारण से लड़की जिसका पालन-पोषण एक अनाथालय में हुआ, जिसके परिवार में भी कई दुखभरी कहानियां थी।  एक राजनेता बनने से पहले की उनकी जिंदगी काफी दुखभरी रही है। हालांकि उन्होंने कभी ये सोचा भी नहीं था कि वो फिनलैंड में प्रधानमंत्री आवास कैसेरांटा में अपने पति व दो साल की बेटी के साथ रहेंगी।

आम लड़की की तरह गुजारी जिंदगी

मरीन कहती हैं, राजनीति और राजनेता मुझे बहुत दूर दिखते थे, मैं जहां रहती थी इससे बहुत ही अलग दुनिया थी। 2016 में उन्होंने एक निजी ब्लॉग में लिखा था, ''फिनलैंड के दूसरे लोगों की तरह मेरे परिवार की भी कई दुखभरी कहानियां हैं।''

उनकी जिंदगी एक आम लड़की की तरह रही। वह फिनलैंड के दक्षिण-पश्चिम में स्थित एक छोटे से शहर पिरकाला में पली-बढ़ी हैं। उन्हें उनकी मां और मां के प्रेमी ने पाला। दरअसल सना के पिता शराबी थे इसलिए मां उनसे अलग हो गईं थी। वह अपनी परिवार को रेनबो फैमिली कहती हैं लेकिन उनके घर में आर्थिक स्थितियां अच्छी नहीं रहीं।

छोटी उम्र में ही करने लगी थी नौकरी

मां के बाद सना मरीन एक अनाथालय में पली बढ़ीं। छोटी सी उम्र में उन्होंने रिटेल से जुड़ी नौकरियां करनी शुरू कर दी थी ताकि परिवार की मदद कर सकें। ऐसा नहीं था कि सना मरीन में बचपन से ही नेतृत्व की क्षमताएं नजर आने लगी थीं। वह एक एवरेज स्टूडेंट थी जिन्हें 15 साल की उम्र में अपने ग्रेड्स सुधारने के लिए ज्यादा मेहनत करने के लिए कहा गया था। 20 साल की उम्र में सना की राजनीति रुचि पैदा हुई थी जब उन्होंने सोचा था कि सिर्फ अपनी नहीं बल्कि कई लोगों की जिंदगियों में सुधार लाना संभव है।

लोगों के लिए उठाए कई सहारनीय कदम

मरीन सरकार की समानता योजना के पीछे यही प्रेरणा और मकसद है, जिसमें माता-पिता को देखभाल की जिम्मेदारी, समान रूप से संभालने के लिए प्रोत्साहन, घरेलू हिंसा पर नकेल कसने, वेतन में लैंगिक असमानता खत्म करने और गरीब व प्रवासी परिवारों से आने वाले बच्चों की शिक्षा तक पहुंच के लिए सुधार संबंधी नीतियां शामिल हैं।

 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 

A post shared by Sanna Marin (@sannamarin)

तो यह थी फिनलैंड की 34 साल की युवा प्रधानमंत्री की सक्सेस स्टोरी जो काफी प्ररेणादायक थी।

Content Writer

Vandana