योगासन रोजाना करने से रहेंगी हर बीमारी दूर

punjabkesari.in Thursday, Jun 18, 2020 - 09:14 AM (IST)

योग के लाभ : मानसिक और शारीरिक सुखों की प्राप्ति के लिए योग (Yoga) एकमात्र साधन है। योगासन न केवल शारीरिक बल्कि मानसिक रोगों से भी छुटकारा दिलाने में मदद करता है। जीवन में तरक्की वही इंसान पा सकता है जो इन दोनों स्तरों पर मजबूत माना जाता है। तो चलिए जानते हैं कुछ योगासन के बारे में जो शरीर को एक नहीं बल्कि अनेक बीमारियों से निजात दिलाने में मदद करता है। 

योग के प्रकार (Types Of Yoga)

पश्चिमोत्तानासन (Paschimottanasana)

डायबिटिक पेशेंट के लिए पश्चिमोत्तानासन आसन वरदान है। रोजाना सुबह सूर्य उदय से पहले इस आसन को करने से डायबिटीज के साथ-साथ शरीर का बल्ड प्रेशर भी नार्मल रहता है। यह आसन वेट लॉस, पेट की चर्बी घटाने, डिप्रेशन कम करने और रीढ़ की हड्डी को बेहतर करने का काम भी करता है।

धनुरासन (Dhanurasana)

इस आसन का नाम उसे अपनी धनुषी आकार की वजह से मिला है, धनुरासन = धनुष + (आसन) । शुगर और हाई बी पी को कंट्रोल रखने के साथ यह आसन पेट संबंधी परेशानियों से छुटकारा दिलाता है। धनुरासन से रीढ़ की हड्डी लचीली बनती है। साथ ही कूल्हों और कंधों के लिए भी यह आसन काफी फायदेमंद है। 

अर्ध मत्स्येन्द्रासन (Ardha Matsyendrasana) 

अर्ध मत्स्येन्द्रासन आसन को करने से गुर्दे, अग्न्याशय, छोटी आंत और लीवर से जुड़ी परेशानियां दूर होती है। मासपेशियों में दर्द, कमर दर्द, गर्दन दर्द से लेकर हर छोटी-बड़ी बिमारी में अर्ध मत्स्येन्द्रासन आसन लाभदायक है। 

Ardha Matsyendrasana Images

ताड़ासन (Tadasana Yoga) 

इस आसन को करने के लिए अपने पूरे शरीर को स्ट्रेच करना जरुरी है। बच्चों के लिए ताड़ासन योग आसन बहुत फायदेमंद है, बढ़ते बच्चों को रोजाना सुबह उठकर इस आसन का प्रयास करना चाहिए। इससे उनकी हाइड जल्द और अच्छे तरीके से बढ़ेगी। ऑफिस में लगातार बैठे-बैठे काम करने से हमारी मांसपेशियों में अकड़न पैदा है जाती है, आप चाहें तो कुछ समय निकाल कर अपने ऑफिस में भी इसे कर सकते हैं। इसे करने से शरीर एक्टिव फील करेगा। 

त्रिकोणासन (Trikonasana)

त्रिकोणासन खड़े होकर करने वाला एक महत्वपूर्ण आसन है। ‘त्रिकोण’ का अर्थ  होता है  त्रिभुज और आसन का अर्थ योग है।  इसका मतलब यह हुआ कि इस आसन में शरीर त्रिकोण की आकृति का हो जाता है, इसीलिए इसका नाम त्रिकोणासन रखा गया है। त्रिकोणासन योग कमर दर्द को कम करने के लिए एक अति-उत्तम योगाभ्यास है। यह मोटापा घटाने के साथ-साथ मधुमेह को काबू करने में बड़ी भूमिका निभाता है।

सूर्य नमस्कार (Surya Namaskar)

सूर्य नमस्कार के द्वारा कब्ज,आलस्य, अतिनिद्रा आदि विकार दूर हो जाते हैं। पाचन तंत्र की क्रियाशीलता में वृद्धि होती है। इस अभ्यास के द्वारा हमारे शरीर की छोटी-बड़ी सभी नस-नाडि़यां क्रियाशील हो जाती हैं। इसमें कुल 12 योगआसन शामिल हैं। सूर्य नमस्कार की तीसरी व पांचवीं स्थितियां सर्वाइकल एवं स्लिप डिस्क वाले रोगियों के लिए वर्जित हैं। इसे रोजाना करने से आपकी त्वचा में एक अलग सा निखार आएगा। जाहिर है जब पेट की सफाई अच्छे से होगी तो उसका असर आपके चेहरे पर सबसे अधिक दिखेगा। 

हलासन (Halasana)

इस आसन में शरीर का आकार खेत में चलाए जाने वाले हल के समान हो जाता है। इसीलिए इस आसन को हलासन कहा जाता हैं। पाचन प्रणाली को बेहतर बनाने के लिए यह आसन काफी फायदेमंद होता है। हलासन पेट पर जमी अतिरिक्त चर्बी को कम करता हैं। मधुमेह के मरीजों के लिए भी यह आसन काफी लाभदायक है। साथ ही इसे करने से गर्दन, कंधे, पेट, पीठ और कमर के स्नायु मजबूत बनते हैं।

 

भुजंगासन (Bhujangasana)

भुजंगासन करने वाले व्यक्तियों की रीढ़ की हड्डी एकदम मजबूत होती है। इस आसन को करने से पाचन बिल्कुल ठीक रहता है और कब्ज एवं एसिडिटी की दिक्कत भी नहीं होती है। 

शवासन (Shavasana)

शवासन को सबसे आखिर में किया जाता है। क्योंकि शारीरिक कसरत करने के बाद थकावट होना स्वभाविक है। रोजाना 15 मिनट इस आसन को अवश्य करें। आप चाहें तो ऑफिस से घर आने के बाद इसे कर सकते हैं। इससे शरीर की सारी थकावट मिनटों में ही दुर हो जाएगी। 

Content Writer

Anjali Rajput