स्वास्थ्य शरीर ही नहीं बाहरी सुंदरता भी देता है योग: शहनाज हुसैन
punjabkesari.in Wednesday, Jun 19, 2024 - 11:29 AM (IST)
यदि आप अपने शरीर को डिटॉक्सीफाई करना चाहते हैं, अपनी मांसपेशियों को मजबूत बनाना चाहते हैं तथा तनाव से मुक्ति चाहते हैं तो आप योग करें। योग से चेहरे पर निखार आता है। रोज सुबह प्राणायाम, अलोम विलोम, शीर्षासन, मत्स्य आसान करने से शरीर से विषैले पदार्थ बाहर निकल जाते हैं, जिससे शरीर की पाचन प्रणाली सामान्य हो जाती है और रक्त का संचार सही हो जाता है। जिससे त्वचा पर कसाव आता है और झुर्रियों से राहत मिलती है।
यदि आप अपने शरीर को डिटॉक्सीफाई करना चाहते हैं, अपनी मांसपेशियों को मजबूत बनाना चाहते हैं तथा तनाव से मुक्ति चाहते हैं तो आप योग करें। योग से चेहरे पर निखार आता है। रोज सुबह प्राणायाम, अलोम विलोम, शीर्षासन, मत्स्य आसान करने से शरीर से विषैले पदार्थ बाहर निकल जाते हैं जिससे शरीर की पाचन प्रणाली सामान्य हो जाती है और रक्त का संचार सही हो जाता है। जिससे त्वचा पर कसाव आता है और झुर्रियों से राहत मिलती है।
त्वचा की सुंदरता के लिए करें प्राणायाम
बालों तथा त्वचा के सुंदरता को बनाए रखने में प्राणायाम महत्वपूर्ण भूमिका अदा करता है। प्राणायाम से जहां तनाव कम होता है वहीं दूसरी ओर शरीर में प्राण वायू का प्रभावी संचार होता है तथा रक्त का प्रभाव बढ़ता है। प्राणायाम सही तरीके से सांस लेने की बेहतरीन अदा है। प्रतिदिन 10 मिनट तक प्राणायाम से मानव शरीर की प्राकृतिक क्लीजिंग हो जाती है। प्राणायाम से दिमाग में व्यापक आक्सीजन तथा रक्त संचार होता है। जिससे बालों की प्राकृतिक रूप से वृद्वि होती है तथा बालों का सफ़ेद होना तथा झड़ने जैसी समस्या को रोकने में भी मदद मिलती है। योगा का मानसिक शारीरिक, भावनात्मक तथा मनोभाव पर सकारात्मक प्रभाव पड़ता है जिससे आत्मविश्वास बढ़ता है। योगा से आप आत्मिक तौर पर शांत महसूस करते हैं। जिससे आपके बाहरी त्वचा में निखार आता है।
कील, मुंहासों के लिए उत्थान आसन
आमतौर पर अनिद्रा, तनाव आदि में पैदा होने वाली कील, मुहांसे, काले धब्बों आदि की समस्याओं के स्थाई उपचार में योग महत्वपूर्ण भूमिका अदा करता है। उत्थान आसन के लगातार उपयोग से आप कील, मुंहासे, काले धब्बों आदि की समस्याओं का स्थाई उपचार कर सकते हैं। कपालभाती शासीर में कार्बन डाईक्साईड को हटाकर खून को साफ करने में मदद मिलती है। उससे शरीर में हल्कापन महसूस होता है।
शरीर से विषैले पदार्थो को बाहर निकालता है धनुर आसन
धनुर आसन से शरीर में रक्त का प्रभाव बढ़ता है तथा शरीर से विषैले पदार्थो को बाहर निकालने में मदद मिलती है इससे त्वचा में प्राकृतिक चमक आती है तथा त्वचा की रंगत में निखार भी आता है।
योगासन से रीढ़ की हड्डी तथा जोड़ों को लचकदार बनाया रखा जा सकता है। जिससे शरीर लम्बे समय तक लचीला तथा आकर्षक बनता है। योग से वजन कम करने में भी मदद मिलती है तथा इससे मांसपेशियां नरम तथा मुलायम हो जाती है। सूर्यानमस्कार से बढ़ती आयु के प्रभाव को रोका जा सकता है। यह चेहरे तथा शरीर पर बुढ़ापे की भाव मुद्राओं के प्रभाव को रोकने में मददगार साबित होता है। चेहरे की झुर्रियों से मुक्ति पाने के लिए सूर्यानमस्कार तथा प्राणायाम दोनों प्रभावी आसन है।वास्तव में योग से बाहरी शारीरिक सौंदर्य को निखारने तथा संवारने में काफी मदद मिलती है।
लंबे समय तक रहेंगे स्वस्थ
जहां तक बाहरी सौंदर्य का सम्बन्ध है वहां छरहरे बदन से व्यक्ति काफी युवा दिखाई देते हैं जो कि लम्बे समय तक यौवन बनाए रखने में सहायक होता है। योग से शरीर के हर टिशू को आक्सीजन प्राप्त होती है जिसे शरीर में सौंदर्य तथा स्वास्थ्य प्राप्त होता है। यदि आप ऐसी जीवनशैली गुजार रहे हैं जिसमें शारीरिक गतिविधी नगण्य है तो आप वास्तव में बुढ़ापे को नियन्त्रण दे रहे है योग तथा शारीरिक श्रम से आदमी को यौवन की स्थिति को लम्बें समय तक बनाए रखने में मदद मिलती है क्योंकि इससे शरीर सुदृढ़ होता है तथा शरीर सुव्यवस्थित तथा तन्दुरूस्त रखने में भी मदद मिलती है योग आसनों से रीढ़ की हड्डी तथा हड्डियों के जोड़ों को लचकदार एवं कोमल बनाने में मदद मिलती है। इससे शरीर सुदृढ़ तथा फुर्तीला बनता है। मांसपेशियों में रंगत आती है रक्त संचार में सुधार होता है। प्राण शक्ति का प्रवाह होता है तथा सौंदर्य एवं अच्छे स्वास्थ्य को बढ़ावा मिलता है। अनेक सौंदर्य समस्याएं मानसिक तनाव की वजह से उत्पन्न होती है।
योग से तनाव को कम करने तथा स्वछन्द मानसिक उन्मुक्त वातावरण तैयार करने में मदद मिलती है तथा इससे तनाव से जुड़ी सौंदर्य समस्याओं को निजात प्रदान करने में मदद मिलती है। योग के लगातार अभ्यास से कील मुंहासों बालों के झड़ने की समस्याओं सिर की रूसी आदि समस्याओं का स्थाई उपचार मिलता है योग तथा शारीरिक क्रियाएं करने वाले युवाओं पर किए गए अध्ययन में यह पाया गया हैं उनके व्यक्तित्व में भावनात्मक स्थिरताए आत्म विश्वास उचित मनोभाव जैसे सकारात्मक बदलाव महसूस किये जाते है। जिसका दिमाग भावनाओं तथा मिजाज पर सीधा प्रभाव दिखाई देता है। वास्तव में योग नियमित रूप से तनाव से मुक्ति प्रदान करता है। जिससे त्वचा पर रंगत वापिस आ जाती है।
योग करने से आप तत्काल पुनः यौवन प्राप्त करके चित प्रसन्न महसूस कर सकते है।वास्तव में योग से बाहरी शारीरिक सौंदर्य को निखारने तथा संवारने में काफी मदद मिलती है।आज का समय लगातार बढ़ती जटिलताओं और गति का समय है। जीवन यापन के लिए हर कोई लगातार गतिमान है। भाग-दौड़ की इन स्थितियों में एक सुसंगत,संयमित और स्वस्थ्य जीवन दृष्टि की खोज हर व्यक्ति को है। हर कोई अपने शरीर को स्वस्थ्य रखना चाहता है। भारतीय परंपरा हमेशा से ही जीवन को समग्र और संतुलित रूप से जीने की दृष्टि देती रही है। भारतीय चिंतन और परंपरा का आधार रहा है योग-शास्त्र। योग केवल शारीरिक व्यायाम नहीं है, यह जीवन को संतुलित रूप से जीने का शास्त्र है। यह निरंतर बढ़ती हुई भाग-दौड़ में व्यक्तित्व को एक ठहराव,एक गहराई देने की विद्या है। ऐसे में आज न केवल भारत बल्कि विश्व के दूसरे देश भी योग को जीवन शैली में सुधार लाने का एक प्रमुख उपाय मान रहे हैं।
योग से तन ही नहीं मन भी होता है शुद्ध
जीवन की भाग-दौड़ वाली जिंदगी से परेशान होकर हर कोई जिंदगी को आसान बनाना चाहता है। ऐसी स्थिति में क्या हम अपने जीवन को सुखी बनाने के लिए थोड़ा समय योग को नहीं दे सकते? योग एक ऐसी विधा है जिससे हम अपने मन को स्थिर कर सकते हैं। जब तक मन शुद्ध या स्थिर नहीं होता, हमारा तन भी अशुद्ध रहता है। योगाभ्यास द्वारा ही तन व मन की शुद्धि होती है और हमारा तन-मन निरोगी हो जाता है। योगाभ्यास से मन को स्वस्थ्य और शांत बनाया जा सकता है। शरीर को स्वस्थ्य बनाने में तन और मन का बेहतर योगदान होता है। आमतौर पर देखा गया है कि हमारी शारीरिक बीमारियों के मानसिक आधार होते हैं। क्रोध हमारे मन को विकृत करता है जिससे हम विभिन्न प्रकार की बीमारियों से घिर जाते हैं फिर भी क्रोध से बिल्कुल अनभिज्ञ रहते हैं। योगाभ्यास क्रोध पर नियंत्रण रखने में अहं भूमिका निभाता है।
शरीर को अंदर से भी निखारता है योग
योग जब हम सौंदर्य की बात करते है तो हम केवल बाहरी चेहरे की सौंदर्य की ही बात नहीं करते बल्कि इसमें आकृति सूरत भी शामिल होती है जिसमें लचकपन हावभाव तथा शारीरिक आर्कषण होना नितान्त आवश्यक होता है। जहां तक बाहरी सौंदर्य का सम्बन्ध है वहां छरहरे बदन से व्यक्ति काफी युवा दिखाई देते हैं जो कि लम्बे समय तक यौवन बनाए रखने में सहायक होता है। योग से शरीर के हर टिशू को आक्सीजन प्राप्त होती है जिसे शरीर में सौंदर्य तथा स्वास्थ्य प्राप्त होता है। यदि आप से ऐसी जीवनशैली गुजर रहे हैं जिसमें शारीरिक गतिविधी नगण्य है तो आप वास्तव में बुढ़ापे को नियन्त्रण दे रहे है योग तथा शारीरिक श्रम से आदमी को यौवन की स्थिति को लम्बें समय तक बनाए रखने में मदद मिलती है क्योंकि इससे शरीर सुदृढ़ होता है तथा शरीर सुव्यवस्थित तथा तन्दुरूस्त रखने में भी मदद मिलती है योग आसनों से रीढ़ की हड्डी तथा हड्यिं के जोड़ों को लचकदार एवं कोमल बनाने में मदद मिलती है। इससे शरीर सुदृढ़ तथा फुर्तीला बनता है। मांसपेशियों में रंगत आती हैए रक्त संचार में सुधार होता हैए प्राण शक्ति का प्रवाह होता है तथा सौंदर्य एवं अच्छे स्वास्थ्य को बढ़ावा मिलता है। अनेक सौंदर्य समस्याएं मानसिक तनाव की वजह से उत्पन्न होती है। योग से तनाव को कम करने तथा स्वछन्द मानसिक उन्मुक्त वातावरण तैयार करने में मदद मिलती है तथा इससे तनाव से जुड़ी सौंदर्य समस्याओं को निजात प्रदान करने में मदद मिलती है। योग के लगातार अभ्यास से कील मुंहासों बालों के झड़ने की समस्याओं सिर की रूसी आदि समस्याओं का स्थाई उपचार मिलता है योग तथा शारीरिक क्रियाएं करने वाले युवाओं पर किए गए अध्ययन में यह पाया गया हैं उनके व्यक्तित्व में भावनात्मक स्थिरता आत्म विश्वास उचित मनोभाव जैसे सकारात्मक बदलाव महसूस किये जाते है। जिसका दिमाग एवं भावनाओं तथा मिजाज पर सीधा प्रभाव दिखाई देता है। वास्तव में योग नियमित रूप से तनाव से मुक्ति प्रदान करता है। जिससे त्वचा पर रंगत वापिस आ जाती है।
लेखिका अन्तर्राष्ट्रीय ख्याति प्राप्त सौंदर्य विशेषज्ञ है और हर्बल क़्वीन के रूप में लोकप्रिय है