लाइलाज बीमारी से जूझ रही Yami Gautam, मुर्गे जैसी नजर आए Skin तो हो जाए सतर्क

punjabkesari.in Saturday, Oct 09, 2021 - 10:13 AM (IST)

बॉलीवुड एक्ट्रेस यामी गौतम किशोरावस्था से ही केराटोसिस पिलारिस (Keratosis Pilaris) नाम के एक स्किन बीमारी से जूझ रही हैं। यह एक ऐसी लाइलाज बीमारी है, जिसके कारण त्वचा ऐसी दिखती है जैसे मुर्गे के पंख छीलने ने के बाद उसकी स्किन नजर आती है इसलिए इसे 'चिकन स्किन' भी कहा जाता है। हालांकि यह समस्या हानिकारक या संक्रामक नहीं है लेकिन कई मामलों में यह तकलीफदेह हो सकती है। चलिए आपको बताते हैं कि क्या है यह बीमारी और इससे राहत पाने के लिए क्या करें?

क्या है Chicken Skin?

यह एक ऐसी सामान्य कंडीशन है, जिसमें त्वचा पर छोटे छोटे बम्प्स या पिंपल्स दिखने लगते है, जो डेड स्किन सेल्स होते है। लाल या ब्राउन रंग के इन मुंहासों से हेयर फॉलिकल भी साफ नजर आते हैं, जो आमतौर पर हाथ के ऊपरी हिस्से, जांघ, गाल या नितंब पर दिखते हैं लेकिन ये हथेली या पैरों के तलवों पर नहीं होते।

केराटोसिस पिलारिस के लक्षण

. स्किन पर गूजबम्प जैसा दिखना
. त्वचा मुर्गी की तरह छिली नजर आना
. पिंपल्स में से हेयर फॉलिकल दिखना
दानों के आसपास हल्की लालिमा
ड्राई स्किन
दानों का खुरदुरा महसूस होना
खुजली
अलग-अलग रंग के छोटे-छोटे दाने होना, आदि

केराटोसिस पिलारिस के कारण

. यह बीमारी रोमछिद्रों में केराटीन नामक प्रोटीन के फंसने से होती है। इसके कारण पोर्स बंद हो जाते हैं और बाहरी सिरे पर दाने निकलने लगते हैं।

. इसके अलावा आहार में फैट ना लेना भी इस बीमारी का कारण बन सकता है। इसके कारण शरीर को ओमेगा-3 और ओमेगा-6 नहीं मिल पाता, जिसका कारण यह स्किन प्रॉब्लम हो सकती है।

क्या करें?

चूंकि यह बीमारी लाइलाज है इसलिए इसे डाइट से ही कंट्रोल करना पड़ता है। डॉक्टर ऐसे मरीजों को फैटी एसिड, ओमेगा-3  व 6 से भरपूर चीजें जैसे मछली और अंडे खाने की सलाह देते हैं।

इन बाोतों का भी रखें ध्यान

यह बीमारी ज्यादातर किशोरावस्था के आसपास से शुरू होती है और 30 साल की उम्र तक खुद-ब-खुद ठीक होने लगती है। इसका कोई इलाज तो नहीं लेकिन आप कुछ उपाय फॉलो करके इसे कंट्रोल कर सकती हैं...

. चिकन स्किन से परेशान है तो हार्ड स्क्रब की बजाए सॉफ्ट लूफा का यूज करें। इससे खुजली और जलन नहीं होगी।
. ज्यादा देर गर्म पानी में रहने से बचें। इससे स्किन ड्राई और चिड़चिड़ी हो जाएगी।
. दूध या क्रीम जैसे डेयरी उत्पादों का कम से कम सेवन करें।
. खराब फिटिंग और टाइट कपड़े पहनने से बचें क्योंकि इससे आपकी समस्या बढ़ सकती है। इसकी बजाए ऑर्गेनिक कॉटन वाले कपड़े पहनें।
. बॉडी को हाइड्रेट रखने के लिए लैक्टिक एसिड और स्किन मॉइश्चराइज का यूज करें।
. केमिकल युक्त प्रोडक्ट से त्वचा को रेगुलर एक्सफोलिएट करें और डेड स्किन सेल्स निकाल दें।
. डॉक्टर की सलाह से ऐसी क्रीम लगाएं, जिसमें लैक्टिक एसिड, एल्फा हाइड्रॉक्सी एसिड, सेलिसिलिक एसिड हो।

Content Writer

Anjali Rajput