World Music Day: प्रेग्‍नेंसी में संगीत सुनने से तेज होता है शिशु का दिमाग, जानिए और भी फायदे

punjabkesari.in Monday, Jun 21, 2021 - 01:41 PM (IST)

गाने सुनना हर किसी पसंद होता है। इससे तनाव कम होने व मूड ठीक करने में मदद मिलती है। वहीं इसमें हीलिंग पॉवर होने से थकान दूर होकर बॉडी रिलैक्स होती है। प्राचीन समय से ही मानसिक विकारों का इलाज करने के लिए म्‍यूजिक थेरेपी इस्तेमाल हो रहा है। दूसरी ओर माना गया है कि प्रेग्नेंसी के दौरान गाने सुनने से गर्भ में पल रहे बच्चे के लिए भी फायदेमंद माना गया है। चलिए आज 'विश्व संगीत दिवस' के अवसर पर हम आपको प्रेग्नेंसी में संगीत सुनने के बारे में विस्तार से बताते हैं...

प्रेग्‍नेंसी में संगीत सुनने के फायदे 

माना जाता है कि प्रेग्नेंसी के दौरान गाने सुनने से पेट में पल रहे शिशु का मानसिक, शारीरिक, व्यवहारिक, भावनात्मक व बौद्धिक विकास बेहतर तरीके से होने में मदद मिलती है। ।

प्रेग्नेंसी के इस दौरान शिशु सुनता है आवाज व संगीत 

एक्सपर्ट्स के अनुसार, प्रेग्नेंसी के दूसरी तिमाही यानी 4 महीने से गर्भ में पल रहा बच्चा संगीत सुनने लगता है। मगर वह शोर व आवाज सुनकर प्रेग्नेंसी के तीसरी तिमाही यानी सातवें महीने में प्रतिक्रिया देने लगता है। वहीं गर्भावस्था के नौंवे हफ्ते यानी तीसरे महीने शिशु के कान विकसित होने लगते हैं। इसके बाद 18 वें हफ्ते से व सुनने लगता है। ऐसे में वेह बाहर की आवाजों को पहनने व इस पर प्रतिक्रिया देने लगता है। 

प्रेग्‍नेंसी दौरान संगीत सुनने की समय सीमा 

प्रेग्नेंसी में महिलाएं 1 घंटे के लिए संगीत सुन सकती है। मगर वे पेट पर हेडफोन रख कर बच्चे को संगीत सुनना चाहती है तो इसके लिए 5-10 मिनट काफी है। इसके अलावा खुद होडफोन की जगह पर स्पीकर से गाना सुन रही है तो इसे कम या नॉर्मल आवाज में सुनें। साथ ही बार-बार संगीत या जोर से आवाज करने से बचें। असल में, गर्भ में पल रहा शिशु अधिक समय तक सोता है। ऐसे में शोर या संगीत की लगातार आवाज आने से उसकी नींद व स्‍लीप पैटर्न खराब हो सकती है। 

बेबी की मूवमेंट में सुधार

गर्भ में पल रहा शिशु बाहर की आवाजों को सुनने में सक्षम होता है। वहीं बच्चा संगीत व वाइब्रेशन सुनने से धुन के साथ मूव करने का प्रयास करता है। माना जाता है कि इससे शिशु के रिफ्लेक्‍सेस और रिएक्‍शन में सुधार होने में मदद मिलती है। जब बच्चा गाना सुनता है तो कॉग्‍नीटिव स्किल्‍स और ऑडिटरी सेंसिस उत्तेजित होने लगती है। इसके साथ ही बच्चे के दिमाग का बेहतर तरीके से विकास होने में मदद मिलती है।  

तनाव कम करने में मददगार 

कई महिलाओं को इस दौरान तनाव व एंग्‍जायटी की समस्या होती है। ऐसे में संगीत सुनने से दिमाग को शांति मिलती है। स्ट्रेस कम होकर बॉडी रिलैक्स करती है। इसके साथ ही गर्भ में पल रहे शिशु को भी आराम व सुकून मिलता है। 

बच्‍चे की पर्सनैलिटी निखारे 

एक्सपर्ट्स के अनुसार, प्रेग्नेंसी में महिलाएं जिस माहौल पर रहती है उसका असर बच्चे पर भी पड़ता है। ठीक उसी गर्भवती मां जैसा गाना सुनेगी उसका प्रभाव बच्चे की पर्सनैलिटी पर पड़ता है। उदाहरण के तौर पर अगर आप शांत व हल्का संगीत सुनगी तो शिशु शांत व धैर्यवान हो सकता है। इसके विपरीत तेज, शोरगुल वाला संगीत सुनने से बच्चा जिद्दी व गुस्सैल हो सकता है। मगर अभी तक इस पर पूरी तरह से कोई रिसर्च नहीं हुई है। 


 

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neetu