विश्व अर्थराइटिस दिवस: सिर्फ बुजुर्ग ही नहीं, बच्चे भी हो रहे हैं इस बीमारी के शिकार

punjabkesari.in Saturday, Oct 12, 2019 - 02:38 PM (IST)

अब तक गठिया को बुढ़ापे का रोग कहा जाता था लेकिन अब इसकी पकड़ में बच्चे और किशोर भी आने लगे हैं। भले ही इसके लिए बदलती हुई जीवनशैली को जिम्मेदार माना जाए मगर कहीं न कहीं इसके लिए जिम्मेदार मां-बाप भी हैं। जिनकी लापरवाही की वजह से आज बच्चे इस रोग का तेजी से शिकार बनते जा रहे हैं।

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चिकित्सकों के अनुसार 10-12 वर्ष के बच्चे भी इस बीमारी के शिकार हो रहे हैं। कारण बच्चों द्वारा खेल-कूद में कम रुची लेने की बजाए घंटो तक मोबाइल फोन का इस्तेमाल करना। चिकित्सकों के अनुसार आजकल कम उम्र से ही बच्चे मोबाइल के उपयोग के आदि हो जाते हैं। जरुरत से ज्यादा उपयोग से गर्दन और अंगुलियों में दर्द होता है। धीरे-धीरे यह दर्द इतना बढ़ता जाता है कि अंत में आर्थराइटिस  का रुप ले लेता है।

गठिए के लक्षण

-जोड़ों में दर्द और सूजन
-आंखों में लालिमा और सूजन
-जोड़ों में अकडन
-चिड़चिड़ा स्वभाव
-होमीग्लोबिन की कमी
-पसीना आने पर खटास सी गंध

इस प्रॉब्लम से बच्चों को बचाने के लिए अपनाएं ये तरीके...

विटामिन्स, प्रोटीन्स और मिनरल्स युक्त आहार 

पीले फल, दूध, दही, पनीर, सोया मिल्क, हरी सब्जियां- साग,पालक और मेथी जैसी चीजें बच्चों को देने से उनके शरीर को ताकत मिलती है और वह आर्थराइटिस जैसी बीमारियों से बचे रहते हैं।

आउटडोर गेम्स और योग

बच्चों को रोजाना 1 घंटे के लिए बाहर खेलने जरुर भेजें। ऐसा करने से बच्चा मानसिक और शारीरिक स्तर पर मजबूत बनता है।

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स्ट्रांग इम्यून सिस्टम

घर का बना खाना, देसी घी और मक्खन बच्चों को जरुर खिलाएं। ओमेगा-3 युक्त आहार जैसे कि फिश, अंडा और सोया मिल्क जैसी चीजें बच्चों की डाइट में शामिल करें। ताकि उनका इम्यून सिस्टम स्ट्रांग बनें और रोगों से लड़ने के लिए उनके पास प्रॉपर शक्ति मौजूद रहे।

पीड़ित बच्चों के लिए खास टिप्स...

आर्थराइटिस के मरीजों को जो दवाईयां दी जाती हैं, उनसे कुछ समय के लिए तो सूजन और दर्द में आराम मिलता है मगर आगे चलकर इसके कई साइड इफेक्ट्स देखने को मिलते हैं। ऐसे में जरुरी है बच्चों के लिए घरेलू नुस्खे भी अपनाए जाएं ताकि उन्हें ज्यादा दवाईयों का सेवन न करना पड़े।

आर्थराइटिस में सबसे ज्यादा परेशानी जोड़ों में दर्द की वजह से होती है। उसके लिए बार-बार पेन-किलर खाने की बजाए कुछ घरेलू नुस्खों का इस्तेमाल किया जाए तो ज्यादा बेहतर होगा। 

एलोवेरा

एलोवेरा के इस्तेमाल से भी गठिया का दर्द दूर किया जा सकता है। इसके लिए एलोविरा के पत्‍तों को काट लें और उसका जेल दर्द वाली जगह पर लगाने से दर्द  में आराम मिलता है।

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आलू

खाना खाने से पहले आलू के रस का सेवन करने से गठिया के दर्द में आराम मिलता है। रोजाना 100 मि.ली. आलू के रस का सेवन करने से बहुत जल्द दर्द से राहत मिलती है।

बथुआ

बथुआ एक तरह का साग होता है जिसकी सब्जी बनाकर खाई जाती है। इसके लिए रोजाना बथुआ के 15 ग्राम पत्‍तों के रस का सेवन करना मरीज के लिए लाभदायक सिद्ध होता है। खाली पेट इस रस को पीने से गठिया के दर्द से हमेशा के लिए राहत पाई जा सकती है।

तो इस तरह आर्थराइटिस जैसे रोग का सही वक्त रहते पता लगाने और इसका ईलाज शुरु करने से आप भविष्य में होने वाली अनेक समस्याओं से बच सकते हैं।


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Content Writer

Harpreet

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