प्रेगनेंसी में महिलाएं क्या करें और क्या नहीं? जानिए कुछ जरूरी बातें

punjabkesari.in Thursday, Apr 23, 2020 - 03:11 PM (IST)

गर्भवती होने से जहां औरत का जीवन नई उम्मीदों से भर जाता है वहीं उसे आने वाले दिनों की चिंता भी सताने लगती है। जब महिलाएं कंसीव करती हैं तो उनके मन में प्रेगनेंसी को लेकर कई सारे सवाल आते हैं। हेल्दी बेबी के लिए महिलाएं डॉक्टर के अलावा बड़े-बुजुर्ग, पड़ोसी और गूगल को भी अपना डॉक्टर बना लेती हैं। इस बात से कोई इंकार नहीं किया जा सकता कि प्रेगनेंसी के दौरान महिलाओं को एक्स्ट्रा केयर की जरूरत होती है लेकिन इसके लिए आपको सही जानकारी होना भी जरूरी है।

ऐसे में आज हम आपको Dr.Latika Sahni Uppal के दिए कुछ टिप्स बताएंगे, जिससे आपको पता चल जाएगा कि प्रेगनेंसी के दौरान महिलाओं को किन-किन बातों का ध्यान रखना चाहिए।

हैल्दी डाइट लें

महिलाओं को कंसीव के बाद अपनी डाइट का खास ख्याल रखना चाहिए। अपनी डाइट में हैल्दी चीजें शामिल करें क्योंकि इस समय आप सिर्फ अपने लिए ही नहीं बल्कि बच्चे के लिए भी खाती हैं। ऐसे में बेहतर होगा कि आप इस दौरान बैलेंस डाइट लें।

फोलिक एसिड है सबसे जरूरी

डाइट में फोलिक एसिड, आयरन, प्रोटीन, कैल्शियम और मैग्नीशियम से भरपूर चीजें जरूर लें क्योंकि इसकी कमी से ब्रेन और स्पाइनल कोड की प्रॉब्लम आ सकती है। इसके अलावा डाइट में डीएचएन (DHNA) से भरपूर चीजें जरूर शामिल करें। डाइट में नॉन-वेजिटेरियन, अंडे, ब्रोकली, पालक जरूर लें क्योंकि इससे आपको सभी जरूरी तत्व मिल जाते हैं।

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8-9 महीने में घर का काम करना है फायदेमंद

आंठवे व नौंवे महीने में सास अपनी बहू को घर के छोटे-मोटे काम जैसे पोछा-झाड़ू लगाना आदि करने की सलाह देते हैं। बता दें कि एक्सपर्ट के मुताबिक भी ऐसा अच्छा होता है। इससे नॉर्मल डिलीवरी में मदद मिलती है। हालांकि इस बारे में आपको अपने डॉक्टर से भी सलाह लेनी चाहिए क्योंकि अगर प्रेगनेंसी में कोई कॉम्पलिकेशन है तो डॉक्टर ऐसा ना करने की सलाह भी देते हैं।

क्या जन्म के बाद बच्चे को शहद चटाना है सही?

जन्म के बाद अक्सर बड़े-बुजुर्ग नवजात शिशु को गुड़की (शहद चटाना) देते हैं लेकिन एक्सपर्ट के मुताबिक ऐसा नहीं करना चाहिए। इससे कॉम्पलिकेशन हो सकती है। यही नहीं, इससे बच्चे की आंतड़ियां भी फट सकती हैं। इसकी बजाए आप मां का पहला गाढ़ा दूध बच्चे को चटा सकती हैं।

कितनी देर करवाएं ब्रेस्टफीड?

डिलीवरी के बाद आप नवजात को 2-3 घंटे बाद स्तनपान करवाएं। इसके बाद जैसे-जैसे बच्चा बड़ा होने लगता है आप उसे जरूरत के अनुसार फीड दे सकती हैं।

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अगर नहीं आ रहा दूध तो क्या करें?

अगर पर्याप्त फीड नहीं आ रही तो मूंग की दाल, अदरक और 7-8 गिलास पानी पीएं। इसके अलावा सौंफ, अजवाइन और जीरा पानी में उबालकर दिन में 3-4 बार पीएं। इसके बावजूद भी पीड नहीं आ रही तो अपने डॉक्टर से सलाह लें।

बात करते हैं बच्चे की वैक्सीनेशन की...

बहुत से लोग यह सोचकर बच्चे को इंजेक्शन नहीं लगवाते कि उसे बुखार हो रहा है जबकि ऐसा करना गलत है। वैक्सीनेशन बच्चे को कई जानलेवा बीमारियों से बचाती है, जोकि हर हॉस्पिटल में फ्री दी जाती है। ऐसे मे बेहतर होगा कि आप बच्चे को समय-समय वैक्सीनेशन जरूर लगवाएं।

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ध्यान में रखें ये बातें...

-कई बार प्रेगनेंसी के दौरान ऐसी कॉम्पलिकेशन आ जाती है, जिसमें आपको बिना देरी किए डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए।

-प्रेगनेंसी के दौरान अगर वॉटर लीक होना, स्पॉटिंग या ब्लीडिंग हो तो बिना देर किए अपने डॉक्टर से सलाह लें।

-डिलीवरी का समय आने से पहले दर्द होना और उसका बढ़ता ही जाने जैसे लक्षण दिखाई दें तो बेहतर होगा कि आप डॉक्टर से चेकअप करवाएं।

-सिरदर्द, प्रैशर पड़ना, पैरों में अनियमित रूप से सूजन आ जाए तो इसे भी हल्के में ना लें।

-अक्सर तीसरे या चौथे महीने तक बच्चे की मूंवमेंट शुरू हो जाती है। अगर ऐसा ना हो तो डॉक्टर से चेकअप करवाएं।

-कुछ लोगों को लगता है कि आंठवें महीने में जन्में बच्चे को बचाना मुश्किल होता है लेकिन बता दें कि ऐसा कुछ नहीं है। एक्सपर्ट के मुताबिक, प्रीमैच्चोर डिलीवरी (समय से पहले प्रसव होना) में बच्चों को बचाना आसान है।


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Content Writer

Anjali Rajput

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