बकरियां चराने वाली देसी महिला ने साथ जोड़ी 2 लाख औरतें, पद्मश्री फूलबासन यादव की इंस्पायरिंग स्टोरी

punjabkesari.in Saturday, Oct 24, 2020 - 07:23 PM (IST)

महिलाएं सिर्फ घर परिवार और चूल्हा-चौंका ही नहीं बल्कि हर क्षेत्र से जुड़ा काम करने की अव्वल क्षमता रखती हैं और इस बात को वह कई बार साबित भी कर चुकी हैं। इसी की बेस्ट उदाहरण है बकरियां चराने वाली यह गांव की महिला जो आज पद्मश्री से सम्मानित हैं। पद्मश्री सम्मानित फुलबासन बाई यादव जो रियलिटी शो कौन बनेगा करोड़पति के स्पेशल एपिसोड कर्मवीर में नजर आएंगी।

अमिताभ बच्चन ने भी की गांव की सीधी-सादी महिला की जमकर तारीफ

जी हां, वह स्पेशल एपिसोड कर्मवीर-12 में अमिताभ बच्चन के सामने हॉट सीट पर नजर आएंगी जिसका प्रसारण सोनी टीवी पर 23 अक्टूबर की रात 9 बजे होगा। महानायक अमिताभ बच्चन ने शूटिंग के दौरान फूलबासन बाई यादव के समर्पण और उनके कार्यों की सराहना की। इस कार्यक्रम में उनके साथ बॉलीवुड अभिनेत्री रेणुका शहाणे भी नजर आएंगी।

160 गांव की करीब 2 लाख महिलाओं को किया एकजुट

चलिए बताते हैं पद्मश्री फूलबासन यादव की लाइफस्टोरी। उन्होंने एक दो नहीं बल्कि 160 गांव की करीब 2 लाख महिलाओं को एकजुट किया और अपने समूह में जोड़ा, जिसके जरिए वह समाज की कुरीतियों के खिलाफ आवाज उठाती हैं और नारी सम्मान व सशक्तिकरण के लिए काम करती हैं।

बकरियां चराने वाली महिला बनी सबकी प्ररेणा

राजनांदगांव के सुकुलदैहान में रहने वाली फुलबासन बाई यादव आम ग्रामीण महिला की तरह बकरियां चराया करती थी। बस नारी शक्ति को सशक्त बनाने के लिए उन्होंने महिला समूह का गठन किया और गरीबी, कुपोषण, बाल- विवाह से लड़ने महिलाओं को सशक्त किया।

सिर्फ यहीं नहीं गांवों की साफ-सफाई, वृक्षारोपण, सिलाई-कढ़ाई सेन्टर का संचालन, बाल भोज, रक्तदान, सूदखोरों के खिलाफ जन-जागरूकता का अभियान, शराबखोरी एवं शराब के अवैध विक्रय का विरोध, बाल विवाह एवं दहेज प्रथा के खिलाफ वातावरण का निर्माण, गरीब एवं अनाथ बच्चों की शिक्षा-दीक्षा , जलसंरक्षण के लिए सोख्ता गढ्ढा का निर्माण व महिलाओं को आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बनाने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई हैं और आगे भी निभा रही भी हैं। आज लाखों महिलाओं का यह समूह राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय स्तर पर नए नए कीर्तिमान रच रही है।

पद्मश्री सहित कई पुरस्कारों से सम्मानित

फूलबासन देवी को पद्मश्री, राज्य अलंकरण, स्त्री शक्ति पुरस्कार, जमुलालाल बजाज पुरस्कार सहित कई पुरस्कारों से सम्मानित किया जा चुका है।पद्मश्री फूलबासन यादव उन महिलाओं के लिए प्ररेणा है जो सोचती हैं कि वह कमजोर हैं और कुछ कर नहीं सकती। वहीं इस सोच को भी गलत साबित करती हैं गांव की महिला विकास में किसी तरह पीछे हैं। ऐसी प्ररेणा हर महिला को लेनी जरूरी है ताकि आप आत्मनिर्भर बन सकें जो आज के समय में होना बहुत जरूरी है।

Content Writer

Vandana