कंडोम के साइड-इफैक्ट, औरत को सबसे बड़ा यह खतरा

punjabkesari.in Monday, Sep 20, 2021 - 02:10 PM (IST)

अनचाहे गर्भ, एसटीडी रोग, सुरक्षित शारीरिक संबंध और यौन जनित रोगों से बचाव के लिए आमतौर पर कंडोम का इस्तेमाल किया जाता है। वहीं, यह अलग-अलग फ्लेवर और प्रकार में भी आता है, जिससे कपल्स की रोमांटिक लाइफ भी बेहतर होती है। मगर, जहां इसके इतने सारे फायदे हैं वहीं कुछ नुकसान भी हैं। जी हां, एक्सपर्ट की मानें तो कंडोम के कई सारे साइड-इफेक्ट्स भी होते हैं, जो ना सिर्फ शादीशुदा लाइफ को प्रभावित करते हैं बल्कि यौन संबंधित बीमारियों का कारण भी बन सकते हैं।

क्या है कंडोम (कॉन्ट्रासेप्टिव)?

कंडोम एक पतली, फिटेड ट्यूब होती है, जिसे संबंध बनाते समय पुरुष लिंग पर पहनते हैं। इससे शुक्राणु महिला की योनि में प्रवेश नहीं कर पाते, जिससे प्रेगनेंसी संभावना कम होती है। वहीं, आजकल महिला कंडोम का भी चलन है, जिसे संबंध बनाने से पहले योनि में डाला जाता है, ताकि अनचाही प्रेगनेंसी से बचा जा सके। इसके अलावा इससे एसटीडी से भी बचाव रहता है।

चलिए अब आपको बताते हैं कि इससे क्या-क्या नुकसान हो सकते हैं....

अगर जरा-सी भी लापरवाही बरती जाए तो इसके कई नुकसान भी हो सकते हैं...

एलर्जी की संभावना

ज्यादातर ब्रांड इसे बनाने के लिए लेटेक्स का यूज करते हैं। यह रबड़ के पेड़ से निकलने वाले तरल पदार्थ होता है जो सेहत के लिए हानिकारक होता है। इसमें प्रोटीन अधिक होता है, जिससे कुछ लोगों को लेटेक्स एलर्जी हो सकती है। अगर एलर्जी के लक्षण दिखे तो आप सिंथेटिक कंडोम यूज करें।

ऐसे करें लेटेक्स एलर्जी के लक्षणों की पहचान

. संबंध बनाने के बाद लगातार छींक आना
. नाक बहना
. पित्ती और गुप्तांग में खुजली
. घरघराहट
. सूजन
. चक्कर आना
. कई मामलों में लेटेक्स एलर्जी से ऐनफलैक्सिस का खतरा भी रहता है।

अनचाही प्रेगनेंसी की संभावना

एक्सपर्ट इसे 99% सुरक्षित मानते हैं लेकिन इसके गलत इस्तेमाल से अनचाहे गर्भधारण का खतरा 2% रहता है। इसे यूज करने के बाद 100 में से 15 महिलाओं ने अनचाही प्रेगनेंसी की शिकायत की है इसलिए इसकी एक्सपायरी डेट अच्छी तरह चेक कर लें। साथ ही ध्यान रखें कि कटे-फटे कंडोम यूज ना करें।

ओवेरियन कैंसर का खतरा

रिसर्च के मुताबिक, इससे महिलाएं कैंसर जैसी घातक बीमारी की चपेट में भी आ सकती है, जिसका कारण इसपर लगा ड्राई ल्यूब्रिकेंट होता है। वहीं, कई मामलों में इसका पाउडर ओवेरियन कैंसर का कारण बन सकता है।

बांझपन का खतरा

इसके ऊपर फैलोपियन ट्यूब पर फाइब्रोसिस लगा होता है। शोध के मुताबिक, इससे महिलाएं बांझपन की शिकार हो सकती हैं।

वैजाइना में ड्राईनेस

एक्सपर्ट के मुताबिक, हफ्ते में 2 से अधिक बार इसका यूज करने पर योनि की आंतरिक परत व झिल्ली में सेंसटिविटी धीरे-धीरे खत्म होने लगती है। इसके कारण महिलाओं की योनि से ल्यूब्रिकेंट का स्खलन कम या पूरी तरह से बंद हो जाता है, जिससे वैजाइना में दर्द, खराश या सूखेपन की समस्या हो सकता है।

ध्यान देने योग्य बात

. एक ही समय में पुरुष और महिला दोनों इसका इस्तेमाल न करें। दरअसल, यह एक दूसरे से चिपक सकता है और उसे जगह से खींच या फाड़ सकता है।
. हमेशा अच्छे ब्रांड व बेहतरीन क्वालिटी वाली सेफ्टी यूज करें। साथ ही उसकी एक्सपायरी डेट चेक करना ना भूलें।
. पैकेट पर लिखें दिशा-निर्देशों को सावधानी से पढ़ें और फिर इसका इस्तेमाल करें, ताकि आप इसके नुकसान से बच सकें।
. पैकेट खोलते समय सिर्फ हाथों का ही इस्तेमाल करें। इसे दांत या मुंह से ना खोलें।
. अगर संबंध बनाते समय यह लीक या फट जाए तो तुरंत एक्सपर्ट से सलाह लें।

Content Writer

Anjali Rajput