SC के फैसले का महिलाएं कर रही विरोध, ट्वीट पर छिड़ी बहस
punjabkesari.in Friday, Sep 28, 2018 - 06:56 PM (IST)
स्त्री-पुरुष के विवाहेतर संबंधों पर सुप्रीम कोर्ट ने अहम फैसला सुनाया है। सुप्रीम कोर्ट ने एडल्टरी को अपराध के दायरे से बाहर रखते हुए 158 साल पुरानी आईपीसी की धारा-497 को खत्म कर दिया। इस फैसले का विभिन्न वकीलों और कार्यकर्ताओं ने स्वागत किया है। लोगों का मानना है कि महिलाएं अपने पतियों की संपत्ति नहीं है। वहीं, पुरुषों के लिए राहत की बात यह है कि विवाहेतर संबंध को अपराध के दायरे से बाहर कर दिया गया है। इसी के साथ ही सजा का प्रावधान भी खत्म कर दिया गया है।
Decriminalising of #Adultery is welcome and long overdue. Adultery is now grounds for divorce not crime. The law criminalising men for relations with some other man's wife was patriarchal, assumes wife is husband's property and has no autonomy. Good riddance #AdulteryVerdict
— Kavita Krishnan (@kavita_krishnan) September 27, 2018
फैसला पर सोशल मीडिया पर छिड़ी बहस
सुप्रीम कोर्ट का फैसला आने के बाद सोशल मीडिया पर बहस छिड़ गई है। एक तरफ जहां कई महिलाओं ने इस फैसले का स्वागत किया वहीं कुछ महिलाओं का कहना है कि यह गलत है। उनका मानना है कि इस फैसले से संस्कृति और फैमिली सिस्टम पर बुरा असर पड़ेगा।
क्या था व्यभिचार कानून?
इस कानून के तहत अगर कोई शादीशुदा पुरुष किसी अन्य शादीशुदा महिला से आपसी रजामंदी से शारीरिक संबंध बनाता है तो उक्त महिला का पति व्यभिचार के नाम पर उस पुरुष के खिलाफ केस दर्ज करवा सकता है। इस कानून में पांच साल की सजा का भी प्रावधान था।