Women Health: मेनोपॉज के बाद औरतों को डाइट में जरूर खानी चाहिए यह 1 चीज

punjabkesari.in Saturday, Jul 18, 2020 - 06:15 PM (IST)

महिलाओं के लिए कैल्शियम : उम्र के एक पड़ाव पर आकर पीरियड्स बंद होने लगते है, जिसे मेनोपॉज कहा जाता है। मेनोपॉज के बाद महिलाओं की हड्डियां कमजोर हो जाती है, जो आगे चलकर फ्रैक्चर या ऑस्टियोपोरोसिस का कारण भी बन सकता है। वहीं जो औरतें सही मात्रा में कैल्शियम भरपूर मात्रा में नहीं लेती उनमें मेनोपॉज का इसका खतरा 2 गुना ज्यादा बढ़ जाता है। चलिए जानते हैं शरीर के लिए कैल्शियम क्यों जरूरी है और कैसे इसकी कमी को पूरा किया जा सकता है।

महिलाओं में कैल्शियम की कमी

पुरूषों के मुकाबले महिलाओं में कैल्शियम की कमी ज्यादा देखने को मिलती है। ऐसे इसलिए होता है क्योंकि पीरियड्स, प्रेग्नेंसी व मेनोपॉज के समय उनके शरीर में कैल्शियम की खपत बढ़ जाती है। ऐसे में पुरुषों के मुकाबले महिलाओं को 30 की उम्र के बाद कैल्शियम की जरूरत भी ज्यादा होती है। भारत में लोग हर दिन 400 ग्राम से कम कैल्शियम खाते हैं, खासतौर पर औरतें जबकि शरीर को 1200-1500 मिलीग्राम कैल्शियम की जरूरत होती है।

बढ़ती उम्र में क्यों जरूरी है कैल्शियम?

30 साल की उम्र तक हड्डियां पूरी तरह विकसित हो जाती है लेकिन शरीर को कैल्शियम की जरूरत तब भी होती है। इस समय हर महिला को प्रतिदिन 1500 मि.ली कैल्शियम की जरूरत होती है। कैल्शियम नर्वस सिस्टम के माध्यम से मांसपेशियों को गतिशील बनाता है। अगर खून में निश्चित मात्रा में कैल्शियम घुला हुआ है तो शरीर की कोशिकाएं हर पल कार्य करने के लिए सक्रिय रहेंगी। इससे हड्डियां तो मजबूत होने के साथ हाई ब्लड प्रैशर, कैंसर और डायबिटीज से भी बचाव होता है।

दूध पिलाने वाली मांओं को अधिक जरूरत

प्रेग्नेंट और स्तनपान करवाने वाली औरतों को न्यूटिशियंस और कैल्शियम से भरपूर आहार खाने की बहुत जरूरत होती है क्योंकि गर्भवती और बच्चे को दूध पिलाने वाली मां के शरीर से ही बच्चा का पूर्ण पोषण होता है इसलिए इन महिलाओं को दूसरी औरतों के मुकाबले कैल्शियम की भी ज्यादा जरूरत होती है।

मेनोपॉज में क्यों जरूरी है कैल्शियम

एक्सपर्ट का कहना है कि मेनोपॉज के दौरान औरतों को ज्यादा कैल्शियम खाना चाहिए क्योंकि इस समय एस्ट्रोजेन नाम का हॉर्मोन शरीर में कम हो जाता है। इससे हड्डियां पतली होने लगती हैं, जिससे ऑस्टियोपोरोसिस का खतरा बढ़ जाता है।

कुछ और बातों का रखना चाहिए ध्यान

जिन औरतों की उम्र 40 से ऊपर होती है उन्हें या तो मेनोपॉज हो चुका होता है या होने वाला होता है। ऐसे में उनका शरीर कम कैल्शियम सोखता है इसलिए अपनी सेहत पर ज्यादा ध्यान दें।



30 साल के बाद उम्र की वजह से महिलाओं की हड्डियां कमजोर होने लगती हैं। ऐसे में डाइट पर ज्यादा ध्यान दें।
जो औरतें केवल शाकाहारी खाना खाती हैं उनके शरीर में कैल्शियम की कमी ज्यादा देखने को मिलती है।
16 से 30 साल की लड़कियां जो डाइटिंग करती हैं या ज्यादा वेट लूज करती हैं, उनमें कैल्शियम की कमी होने की संभावना अधिक रहती है।
अगर शरीर में विटामिन डी की कमी होती है तो शरीर में कैल्शियम कम होगा क्योंकि विटामिन डी ही शरीर में कैल्शियम सोखने में मदद करता है

 

कैल्शियम की कमी से रोग  

कैल्शियम की कमी से ना सिर्फ हड्डियां कमजोर होती है बल्कि इससे कई बीमारियों का खतरा भी बढ़ जाता है।

ऑस्टियोपोरोसिस

कैल्शियम की कमी से महिलाओं में इस बीमारी का खतरा भी बढ़ जाता है। यह ऐसी बीमारी है, जिसमें हड्डियों के अंदरूनी हिस्से में छोटे-छोटे छेद हो जाते हैं और इन छेदों का साइज़ बढ़ता रहता है। इसके कारण हड्डियां पतली और कमजोर होने लगती है।

हाईपोकैल्शिमिया

ये ज्यादातर उन औरतों में होता है, जिन्हें मेनोपॉज होने वाला होता है। उस उम्र में एस्ट्रोजेन नाम के हॉर्मोन में गिरावट आ जाती है, जिसकी वजह से हड्डियां और पतली होने लगती हैं।

 

कैल्शियम के मुख्य स्रोत

इसकी कमी को पूरा करने के लिए आप कैल्शियम सप्लीमेंट्स का सेवन कर सकती हैं। इसके अलावा कई ऐसे आहार भी हैं, जो शरीर में कैल्शियम की कमी को पूरा करते हैं।

रागी

100 ग्राम रागी में 370 ग्राम कैल्शियम होता है इसलिए इसे अपनी डाइट में जरूर शामिल करें।

सोया

कैल्शियम की कमी को पूरा करने के लिए आप डाइट में सोया भी शामिल कर सकती हैं। 100 ग्राम सोया बीन्स में 175 ग्राम कैल्शियम होता है।

पालक

पालक कैल्शियम का सबसे बेहतरीन स्त्रोत हैं। इसमें 90 मिलीग्राम कैल्शियम के साथ विटामिन्स, मिनरल्स और प्रोटीन होता है, जिससे आप कई बीमारियों से बचे रहते हैं।

नारियल तेल

आप अपना खाना नारियल के तेल में भी बना सकती हैं। यह शरीर को कैल्शियम और मैग्नीशियम रीटेन करने मदद करता है।

5-10 मिनट की धूप

विटामिन डी शरीर में कैल्शियम की मात्रा को सोखता है। ऐसे में सुबह की गुनगुनी धूप में 5-10 मिनट का समय बिताएं, खासकर कामकाजी महिलाएं। विटामिन डी अगर शरीर में होगा तो कैल्शियम आसानी से अब्जॉर्ब हो सकेगा।

बीज

चिया सीड्स, अलसी, कद्दू और तिल के बीज कैल्शियम के अच्छे स्रोत होते हैं। इनमें कैल्शियम के साथ-साथ प्रोटीन और ओमेगा-3 फैटी एसिड भी पर्याप्त मात्रा में होता है, जिसका सेवन आपको स्वस्थ रखने में मदद करेगा।

भिंडी 

एक कटोरी भिंडी में 40 ग्राम कैल्शियम होता है, जो हड्डियों को मजबूत बनाने के साथ दांतों को भी टूटने से बचाता है।

Content Writer

Anjali Rajput