प्रेग्नेंसी में Diabetes का शिकार रही महिलाएं सावधान, बीमारी फिर से कर सकती है अटैक

punjabkesari.in Wednesday, Nov 15, 2023 - 11:45 AM (IST)

प्रेग्नेंसी किसी भी महिला के लिए एक नाजुक स्थिति होती है। इस दौरान महिलाओं के hormones में भी काफी फेर- बदल होता है। महिलाएं इस दौरान टाइप-1, टाइप- 2 डायबिटीज के अलावा जेस्टेशनल डायबिटीज का भी शिकार हो सकती हैं। प्रेग्नेंसी के दौरान ब्लड में शुगल लेवल का असन्तुलन जेस्टेशनल डायबिटीज का रूप ले सकता है। ऐसे में प्रेग्नेंसी के दौरान तो महिलाओं को अपने डाइट का खूब ख्याल रखना पड़ता है ताकि शुगर लेवल कंट्रोल में रहे, लेकिन अकसर डिलीवरी के बाद महिलाओं का शुगर लेवल वापस से नॉर्मल हो जाता है। 

स्टडी में हुआ चौंकाने वाला खुलासा

लेकिन अब हाल ही एम्स के डॉक्टर्स  की स्टडी में एक चौंकाने वाला खुलासा हुआ है। इस स्टडी के मुताबिक एक साल के अंदर 30 प्रतिशत महिलाएं को वापस से डायबिटीज अटैक करती है और वो फुल टाइम डायबिटीज का शिकार हो जाती हैं। डॉक्टरों का कहना है कि महिलाओं को प्रेग्नेंसी प्लान करने से पहले अपना डायबिटीज टेस्ट जरूर कराना चाहिए और जिन्हें  प्रेग्नेंसी के दौरान डायबिटीज हुई हैं, उन्हें अलर्ट रहना चाहिए और ऐसी महिलाओं को रेगुलर बेसिस पर फिजिकल एक्टिविटी करनी चाहिए। 

4 में से 1 महिला को हो जाता है फुल टाइम डायबिटीज

एम्स के डायबिटीज एक्सपर्ट्स का कहना है कि प्रेग्नेंसी के दौरान जेस्टेशनल डायबिटीज और बाद में एक साल के अंदर औसतन हर 4 महिलाओं में से किसी एक को फुल टाइम डायबिटीज होती है और ये चिंता की बात है। हालांकि थोड़ी सावधानी बरत कर इसे रोका जा सकता है। फिजिकल एक्टिविटी रोजाना करें। अपने बिजी शेड्यूल में से समय निकालें और एक्सरसाइज के साथ थोड़ा डाइट पर भी ध्यान दें। साथ में प्रेग्नेंसी प्लान करने से पहले अपनी डायबिटीज की जांच करवा लें। ऐसा हो सकता है कि आप डायबिटीज के मरीज हो और आपको पता भी ना हो। ऐसा में आप पहले इसे कंट्रोल करें और फिर बच्चा प्लान करें। एक्सरपर्ट्स का भी ये कहना है कि तनाव के वजह से शुगर लेवल बढ़ जाता है और इसे रोकने के लिए फिजिकल एक्टिविटी कारगर है, इसलिए खुद को हेल्दी रखन के लिए ज्यादा से ज्यादा एक्टिविटी करें। 


 

Content Editor

Charanjeet Kaur