25 से 40 साल की महिलाएं हो रही ब्रेस्ट कैंसर का शिकार, जानिए क्या है लक्षण ?

punjabkesari.in Thursday, Oct 22, 2020 - 01:53 PM (IST)

हर साल अक्टूबर महीने में ब्रेस्ट कैंसर अवेयरनेस मंथ मनाया जाता है, जिसका मकसद महिलाओं को ज्यादा से ज्यादा इस बीमारी के बारे में जागरूक करना है।  इस समय ब्रेस्ट कैंसर एक चिंता का विषय है क्योंकि कुछ सालों में ही भारत में 25 से 40 साल की अधिकतर महिलाएं इस बीमारी का शिकार हो रही हैं। जागरुकता की कमी के चलते करीब 60% महिलाएं बीमारी के लक्षण पहचान ही नहीं पाती। उन्हें इस बीमारी के बारे में तब पता लगता है जब वह 3 या 4 स्टेज में पहुंच कर एक खतरनाक बीमारी का रुप ले चुका होता है। इसलिए कैंसर अेवयरनेस डे के दिन लोगों को कैंसर के बारे जागरुक किया जाता है।

शरीर में आने वाले बदलावों पर ध्यान दें लड़कियां 

स्तन कैंसर को रोका तो नहीं जा सकता लेकिन इसकी जागरुकता से असमय होने वाली मौतों को जरुर टाला जा सकता है। समय पर जब इस मौत के बारे में पता लगता है तो इस बीमारी का आसानी से इलाज किया जा सकता है। इसलिए लड़कियों को किसी भी प्रकार के संकोच को छोड़ कर कैंसर के लक्षणों पर ध्यान देना चाहिए। युवतियों को चाहिए कि सप्ताह में एक बार नहाते समय स्तन की अच्छी तरह से जांच करें। 

ब्रेस्ट् कैंसर के लक्ष्ण 

स्तन में गांठ

पीरियड्स के बाद ब्रेस्ट या अंडरआर्म में गांठ होना । 

स्तन में दर्द होना

स्तन में दर्द, खुजली, या उसका लाल होना भी इस बीमारी का कारण हो सकता है। ऐसे लक्षण दिखाई देने पर आपको तुंरत डॉक्टर से सलाह लेकर अल्ट्रासाउंड या एमआरआई करवानी चाहिए।

अंडरआर्म्स में दर्द

कैंसर की कोशिकाएं बढ़ने के कारण अंडरआर्म्स में दर्द, सूजन और गांठ पड़ने जैसी परेशानियां भी होती हैं।  

 

 

गर्दन के ऊपरी हिस्से में दर्द

कामकाज की वजह से महिलाओं की गर्दन में दर्द होना आम बात है। मगर कई बार ब्रेस्ट कैंसर के दौरान कैंसर की कोशिकाएं जब बढ़ने लगती हैं तो यह रीढ़ की हड्डी पर असर डालता है जिससे गर्दन में तेज दर्द और सूजन की समस्या होने लगती है।

निप्पल डिस्चार्ज

स्तन के निप्पल में से हल्का पानी जैसा डिस्चार्ज होना भी ब्रेस्ट कैंसर का संकेत होता है। इसके अलावा निप्पल का रंग और आकार बदलने पर तुरंत चेकअप करवाएं।

थकावट

ब्रेस्ट कैंसर होने पर महिलाओं को हमेशा थकान महसूस होती है। कैंसर के सैल्स रक्त की कोशिकाओं पर दबाव डालते हैं जिससे शरीर अत्यधिक थकान महसूस करता है।

ब्रेस्ट कैंसर होने के कारण 

12 साल की उम्र से पहले ही पीरियड्स आना से ब्रेस्ट कैंसर होने का खतरा बढ़ जाता है।

30 साल की उम्र के बाद प्रैग्नेंट होने पर भी कैंसर की संभावनाएं बढ़ जाती हैं। 

अधिक मात्रा में बर्थ कंट्रोल पिल्स का सेवन भी इस बीमारी के खतरे को बढ़ा देता है।

 

अगर आपको पीरियड्स 55 की उम्र के बाद ही बंद हो गए है तो आपको यह बीमारी हो सकती है।

शरीर में किसी तरह के जनेटिक बदलाव के कारण भी ब्रेस्ट कैंसर की समस्या बढ़ जाती है।

इलाज

मरीज को देसी दवाई और जंकफूड से दूर रहना चाहिए। इस बीमारी का पता चलने पर कीमोथैरेपी, रेडियो थैरेपी, सिंकाई करवा कर इसका उपचार करवाना चाहिए। 


Content Writer

khushboo aggarwal