मोटी औरतों के लिए आफत है यह बीमारी, कंसीव करना सबसे बड़ी परेशानी

punjabkesari.in Monday, Oct 12, 2020 - 05:28 PM (IST)

अक्सर मोटापे पर व्यंग सुनते ही लोग आगे जवाब देते हैं कि क्या हुआ खाते-पीते घर के हैं लेकिन यह कहावत मोटे लोगों के लिए खतरा बन सकती है भले ही यह खुद बीमारी ना हो लेकिन बीमारियों का कारण जरूर बन जाता है। महिलाओं के लिए तो यह बहुत सी मुसीबतें खड़ी कर सकता है।

शुगर, ब्लड प्रैशर और दिल की बीमारियां का तो खतरा रहता ही है, साथ ही में महिलाओं के प्रजनन स्वास्थय से भी इसका कनैक्शन जुड़ा हुआ है। जी हां, मोटापा और ओवरवेट औरतों को बांझपन की ओर ले जा सकता है। सिर्फ महिला ही नहीं बल्कि पुरुष की प्रजनन क्षमता भी इससे प्रभावित होने लगती हैं।

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1. मोटापा और प्रजनन स्‍वास्‍थ्‍य

आपके बॉडी मास इंडेक्‍स यानि बीएमआई से पता लगता है कि आप कितने स्‍वस्‍थ या अस्‍वस्‍थ हैं। जैसे जिन महिलाओं का बीएमआई  25 से 29.9 के बीच हो उन्हें ओवरवेट महिलाओं की केटेगरी में लिया जाता है वहीं जिनका 30 से अधिक हो वह मोटापे से ग्रस्त होती हैं। यह प्रजनन स्वास्थय और पूरी सेहत के लिए ही अच्छा नहीं है।

2. आपके पीरियड्स यानि मेंस्ट्रुअल हेल्थ

पीरियड्स प्रजनन स्वास्थ का एक अहम हिस्सा है जब इसमें कोई गड़बड़ी हो जाती है तो प्रजनन स्वास्थ को प्रभावित करती है, जिससे मां बनने या प्रेगनेंसी कंसीव करने में परेशानी हो सकती है और पीरियड्स अनियमित होने का कारण मोटापा भी बनता है। मोटापे के कारण हार्मोनल असंतुलन की समस्या होती है, एनीमिया, मूड डिसऑर्डर संबंधी परेशानियां पैदा हो सकती हैं।

3. फर्टिलिटी और प्रजनन क्षमता

हाई बीएमआई और मोटापे के चलते कुछ महिलाओं को कंसीव करने के लिए मेडिकल ट्रीटमेंट का सहारा लेना पड़ता है क्योंकि वह सबफर्टिलिटी की शिकार हो सकती हैं जिससे उन्हें कंसीव करने में समय लगता है। ऐसा, संक्रामक ओव्यूलेशन के कारण होता है। पॉलीसिस्टिक ओवेरियन सिंड्रोम एनोव्यूलेशन (नॉन प्रॉडक्‍शन एग) के साथ जुड़ा हुआ है।

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3. एक्‍लेम्‍पसिया

वजन अधिक होगा तो एक स्वस्थ महिला को डायबिटीज, हाई ब्‍लड प्रेशर या एक्‍लेम्‍पसिया होने का अधिक खतरा रहता है। यह प्रेगनेंसी के दौरान हाई ब्‍लड प्रेशर, दिल की बीमारियों के खतरे को भी बढ़ाता है। प्रेगनेंसी में हाई बीपी, यूरीन में प्रोटीन आना, पैरों, टांगों और बांह में सूजन आने की स्थिति को प्रीक्‍लैंप्‍सिया कहते हैं। जब य‍ह स्थिति गंभीर रूप लेती है, तो इसे एक्‍लेम्‍पसिया कहा जाता है।

बीएमआई यानि मोटापा बढ़ा होगा तो गर्भपात, समय से पहले लेबरपेन, बच्चे के विकास पर रोक, सिजेरियन का खतरा बना रहता है इसलिए हाई बीएमआई वाली महिलाओं को एक डॉक्‍टर की सलाह से गर्भधारण करना चाहिए।

वजन बढ़ रहा है तो इसे समय रहते कंट्रोल में कर लें।

-इसके लिए पौष्टिक व हैल्दी डाइट खाएं।
-ज्यादा भरपूर पानी पीएं।
-फाइबर युक्त चीजें, फल व हरी सब्जियां खाएं।
-एक्सरसाइज का सहारा लें और योग को अपनी लाइफस्टाइल का हिस्सा बनाएं।
-बैलेंस डाइट लेना ना भूलें।

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इससे वजन कंट्रोल में होगा तो कई बीमारियां दूर रहेंगी। सेहत से जुड़ी ऐसी ही जानकारी के लिए 'नारी केसरी' के साथ जुड़े रहें।
 


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Content Writer

Vandana

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