मिर्गी के कारण महिलाएं  नहीं हो पा रही हैं प्रेग्नेंट, पांच करोड़ लोग इसकी चपेट में

punjabkesari.in Friday, Feb 16, 2024 - 03:03 PM (IST)

मिर्गी विशेषज्ञों का कहना है कि दुनिया भर में करीब पांच करोड़ मिर्गी से पीड़ित लोगों में से देश में ज्यादातर महिलाएं बांझपन की समस्या से ग्रस्त हैं। कोच्चि के अमृता अस्पताल के न्यूरोलॉजिस्ट ने बताया कि मिर्गी से पीड़ित व्यक्तियों के लिये बाजार में दवाएं उपलब्ध होने के बावजूद भी इस बीमारी से निजात पाने में असफल हैं। जनसांख्यिकीय को महत्वपूर्ण चुनौतियों का सामना करना पड़ता है। 


करोड़ों लोग हैं इनसे प्रभावित

कोच्चि के अमृता अस्पताल में मिर्गी रोग विशेषज्ञ और न्यूरोलॉजी के प्रोफेसर डॉ. सिबी गोपीनाथ ने कहा-‘‘मिर्गी, एक तंत्रिका संबंधी विकार है जिसमें बार-बार दौरे पड़ते हैं, जो दुनिया भर में लगभग पांच करोड़ लोगों को प्रभावित करता है, जिनमें से एक महत्वपूर्ण हिस्सा भारत में रहता है, जहां इस बीमारी से करीब एक-दो करोड़ लोग प्रभावित हैं।'' देश में मिर्गी से पीड़ित करीब 15 लाख महिलाओं की प्रजनन क्षमता क्षीण होती जा रही है। एंटीपीलेप्टिक जैसी तमाम दवाएं खाने की वजह से वे बच्चा पैदा करने में असमर्थ हैं और समस्याग्रस्त महिलाओं की संख्या दिन-ब-दिन बढ़ती जा रही है।

 

समय से पहले बढ़ जाता है मौत का खतरा  

 मिर्गी से पीड़ित बच्चों को प्रशिक्षित बाल चिकित्सा न्यूरोलॉजिस्ट द्वारा मूल्यांकन की आवश्यकता होती है। इससे सटीक निदान पाने के लिये व्यापक न्यूरोलॉजिकल और इलेक्ट्रोएन्सेफलोग्राम (ईईजी) तथा मस्तिष्क स्कैन जैसे उन्नत न्यूरोइमेजिंग अध्ययनों पर निर्भर करता है। मिर्गी से पीड़ित व्यक्तियों को समय से पहले मौत का खतरा बढ़ जाता है, क्योंकि संक्रमण, गिरने व मस्तिष्क पर जरूरत से ज्यादा जोर देना या आत्महत्या मौत के प्रमुख कारण हैं। विशेषज्ञों ने कहा- ‘‘महिलाओं में मिर्गी का जल्द पता लगाकर समय पर उचित इलाज करवाना महत्वपूर्ण है।

लोगों को जागरुक करने की जरुरत

इसके अलावा, स्वास्थ्य देखभाल प्रथाओं को लागू करना, सावधानीपूर्वक प्रसव के लिये प्रबंधन और आवश्यक टीकाकरण प्रोटोकॉल मिर्गी से निजात पाने में कारगर हैं। ये उपाय मिर्गी से प्रभावित महिलाओं और बच्चों के समग्र कल्याण में वृद्धि करने में सहायक हैं।'' उन्होंने बताया कि शहरी इलाकों के मुकाबले ग्रामीण क्षेत्रों में मिर्गी से पीड़ित व्यक्तियों के उपचार में काफी अंतर मौजूद है, जिससे वहां के औसतन लोगों की अपनी उम्र से करीब 10-12 साल पहले ही मृत्यु हो जाती है। इसीलिये, विशेषज्ञ मिर्गी के उपचार के साथ-साथ जागरुकता बढ़ाने की आवश्यकता पर जोर देते हैं। उन्होंने सांस्कृतिक मान्यताओं, सामाजिक कलंक और अपर्याप्त स्वास्थ्य देखभाल बुनियादी ढांचे से प्रभावित होकर मिर्गी से पीड़ित महिलाओं पर अपर्याप्त ध्यान दिए जाने पर गहरी चिंता व्यक्त की। 


मिर्गी के लक्षण

पूरे शरीर में अकड़न आ जाना।
बात करते दौरान बेहोश हो जाना।
पूरे शरीर में झुनझुनाहट सा महसूस होना।
मांसपेशियों में तेजी से खिचाव होना।
कमजोरी व थकान से चक्कर आना।
हाथों-पैरों में तिरछापन आना।
धुंधला दिखाई देना।
मुंह से झाग की समस्या।

मिर्गी के कारण

गिरने के कारण सिर पर गहरी चोट आना।
किसी बात का गहरा सदमा लगना ।
दिमागी बुखार होना ।
ब्रेन ट्यूमर की बीमारी होना ।
स्ट्रोक आना ।


मिर्गी का दौरा पड़ने पर करें ये काम

. अगर किसी को मिर्गी का दौरा पड़ जाए तो सबसे पहले उसके टाइट कपड़े को ढीला करें।

. मिर्गी का दौरा पड़ने पर उस व्यक्ति को जोर से पकड़ने की गलती न करें।

. दौरा पड़ने दौरान व्यक्ति के मुंह में कुछ न डालें।

. मरीज के पास शांति भरा माहौल बनाएं रखें।

.  मरीज के शरीर के किसी भी हिस्से में मालिश ना करें।
 

Content Writer

vasudha