Jaw Sculpting का सोच रही हैं तो पहले जान लें इसके फायदे-नुकसान

punjabkesari.in Monday, Feb 15, 2021 - 11:33 AM (IST)

लड़कियों में आजकल जॉ स्कल्प्टिंग यानि जबड़े की सर्जरी का चलन खूब देखने को मिल रहा है। महिलाएं अपने चौड़े जबड़े को सही शेप में लाने के लिए इस सर्जरी का सहारा लेती हैं। मडोना, हाइडी मॉन्टैंग, आर्नोल्ड श्वेजनेगर, माइकल जैक्सन जैसे कई हॉलिवुड सेलेब्स भी जबड़े की सर्जरी करवा चुके हैं।  बेशक इससे जबड़े को सही शेप मिलती है लेकिन क्या आप जानती हैं कि क्या यह तरीका सुरक्षित है? क्या इससे कॉम्प्लिकेशन्स नहीं होंगे? अगर आप भी जबड़े की सर्जरी करवाने का प्लान बना रही हैं तो पहले इससे जुड़ी कुछ जरूरी बातें जान लें।

जबड़ा चौड़ा होने की क्या है वजहें?

जहां पुरुषों के चौड़े जबड़े अच्छा माना जाता है वहीं ऐसा जबड़ा महिलाओं की सुंदरता घटाता है। हालांकि यह जन्मजात होती है लेकिन इसके कई और कारण भी हो सकते हैं।

. यह जेनिटिक फैक्टर्स पर निर्भर करता है यानि पेरेंट्स, दादा-दादी या नाना-नानी में से कोई चौड़े जबड़ों वाला होगा.
. सामान्यतौर पर चौड़ा जबड़ा जन्मजात होता है लेकिन कई बार अन्य मांसपेशियों की तरह कसरत करने से भी जबड़े बड़ा हो जाता है।
. एक्रोमेगाली (ग्रोथ हार्मोन की मात्रा बढ़ने की स्थिति) जैसे दुलर्भ विकार के कारण भी ऐसा हो सकता है।
. बार-बार मसूड़ा चबाने, दांत भींचने व रात में सोते वक्त दांत किटकिटाने से भी यह समस्या हो सकती है।

जॉ स्कल्प्टिंग के तरीके

जॉ स्कल्प्टिंग 3 तरीकों से की जाती है।

1. पहले तरीके में जबड़े को सही करने के लिए कान के सबसे पासवाली हड्डी को निकाल दिया जाता है।
2. दूसरे तरीके में आगे निकली हुए हड्डी को काटकर पतला करके और आगे का उभार कम किया जाता है।
3. चौड़े जबड़े को कम करने के लिए नॉनसर्जिकल ट्रीटमेंट भी मौजूद है। इसमें बॉटलिनम टॉक्सिन टाइट ए इंजेक्ट को जबड़े की मांसपेशियों में इंजेक्ट किया जाता है, जिसमें कम से कम 10 मिनट का समय लगता है। इस बोटॉक्स का नतीजा 2-3 हफ्तों में दिखने लगता है, जो 6 से 12 महीनों तक रहता है।

अब जानिए इसके फायदे

दुर्घटना में बिगड़े हुए चेहरे को जबड़े की सर्जरी से नया रूप दिया जा सकता है। साथ ही इससे चोट के निशान को भी साफ करने में मदद मिलती है।

क्या होते हैं इसके साइड इफेक्ट्स?

-कॉस्मेटिक सर्जरी से नौशिया, ब्लीडिंग, सूजन और इंफेक्शन का खतरा रहता है।
-जॉलाइन घटाने वाली सर्जरी से एल्विओलर के निचले हिस्से के अल्पकालिक या स्थायी रूप से क्षतिग्रस्त होने का खतरा रहता है।
-निचले होंठ, मसूड़ों और दांतों में सेंसटिविटी आ सकती है, जिसे खाने-पिने में दिक्कत होती है। लेकिन ऐसा तब तब तक होता है जब तक घाव ना भल जाए। उसके बाद आप समान्य तौर पर खा सकते हैं।
-इसके अलावा सर्जरी के बाद कान के पास जबड़े में दर्द, दांतों का सही तरह से ना मिलना, मुंह खोलने या बंद करने में दिक्कत हो सकती है।

Content Writer

Anjali Rajput