Sawan : जब व्रत रखने की आजादी......तो आखिरकार क्यों महिलाओं को शिवलिंग छूने की है मनाही?

punjabkesari.in Friday, Jul 21, 2023 - 04:52 PM (IST)

सावन का महीना शुरू हो गया है। इस महीना में शिव जी की पूजा की आराधना कर उन्हें प्रसन्न किया जाता है। मान्यता है कि इस महीने में भोलेनाथ की पूजा करने और उनके लिए व्रत रखने वाले सभी भक्तों की मनोकामनाएं पूरी होती हैं। विशेष रूप से अविवाहित कन्याएं तो सोमवार को व्रत रखकर और शिवलिंग की पूजा करके मनचाहा वर पा सकती हैं। वहीं ज्योतिष एक्सपर्ट्स की मानें तो शिवलिंग की पूजा से जुड़ी एक मान्यता यह है कि महिलाओं को खासतौर से कुंवारी कन्याओं को शिवलिंग को हाथ नहीं लगाना चाहिए। 

महिलाओं की शिवलिंग की पूजा कर सकती हैं शिवजी की तंद्रा भंग


यहां तक कि शिवलिंग की पूजा का ख्याल करना भी उनके लिए निषेध है। ऐसी मान्यता है कि लिंगम एक साथ योनि (जो देवी शक्ति का प्रतीक है एवं महिला की रचनात्मक ऊर्जा है) का प्रतिनिधित्व करता है। इसलिए स्त्री को शिवलिंग के करीब जाने की आज्ञा नहीं होती है। ऐसा माना जाता है कि भगवान शिव बेहद गंभीर तपस्या में लीन रहते हैं।  महादेव की तंद्रा भंग न हो जाए इसलिए महिलाओं को शिवलिंग की पूजा करने से मना किया गया है। अगर शिव की तंद्रा भंग होती है तो वे क्रोधित हो जाते हैं। वहीं रामायण में भी मां सीता माता पार्वती की पूजा करती हैं। 

मां पार्वती को नहीं है महिलाओं का शिवलिंग को छूना

केवल भोलेनाथ ही नहीं, महिलाओं का श‍िवलिंग को छूकर पूजा करना मां पार्वती को भी पसंद नहीं है। मां पार्वती इससे नाराज हो सकती हैं और पूजा करने वाली महिलाओं पर इस तरह की गई पूजा का विपरीत असर हो सकता है। 

इसलिए महिलाओं को श‍िव जी की शिवलिंग के रूप में नहीं बल्कि मूर्ति रूप में पूजा करनी चाहिए।  खासताैर से पूरे श‍िव परिवार की पूजा करने से उनको विशेष लाभ मिलता है।

(नोट- ये स्टोरी आम धारणाओं और इंटरनेट पर मौजूद सामग्री के आधार पर लिखी गई है। नारी पंजाब केसरी इसकी पुष्टि नहीं करती है।) 

Content Editor

Charanjeet Kaur