Arthritis Day: हाऊसवुमन के घुटने क्यों हो रहे उम्र से पहले खराब? जानिए 5 बड़े कारण

punjabkesari.in Tuesday, Oct 12, 2021 - 12:48 PM (IST)

आजकल हर 10 में से 9वां व्यक्ति जोड़ों के दर्द से परेशान है जो धीरे-धीरे गठिया और अर्थराइटिस जैसी बीमारियों का रूप ले लेता है। शोध की मानें तो 60% महिलाएं अर्थराइटिस की चपेट में ह, जिनमें ज्यादातर संख्या हाउसवाइफ की है। इसका कारण कहीं ना कहीं खराब लाइफस्टाइल और सेहत के प्रति बरती जाने वाली लापरवाही भी है। महिलाओं में घुटने की समस्याओं के जल्द शुरू होने का कारण मोटापा, व्यायाम ना करना, धूप में कम रहना, हाई हील्स पहनना और खराब पोषण भी है। हालांकि वर्ल्ड अर्थराइटिस डे जरिए लोगों में इस बीमारी को लेकर जागरूकता फैलाई जाती है लेकिन फिर महिलाओं को इसकी कम जानकारी ही होती है।

महिलाओं में अधिक देखने को मिलती है यह समस्या

शोध कहता है कि भारत में करीब 15 करोड़ आबादी घुटने की समस्याओं से परेशान हैं, जिनमें से 4 करोड़ आबादी को टोटल नी रिप्लेसमेंट की जरूरत है। हैरानी की बात तो यह है कि अर्थराइटिस से पीड़ित लगभग 30% रोगी 45-50 साल जबकि 18-20% रोगी 35-45 उम्र के है। ऐसे में यह सोचना गलत होगा कि केवल बुढ़ापे में आपको यह समस्या घेरेगी।

चलिए जानते हैं आखिर क्यों महिलाओं में इसका खतरा बढ़ता जा रहा है...

पोषक तत्वों की कमी

बढ़ती उम्र के साथ-साथ अर्थराइटिस की संभावना 50% बढ़ जाती है, जिसका कारण कैल्शियम, ओमेगा-3 एसिड और प्रोटीन की कमी हो सकती है। वहीं, विटामिन-D की कमी के चलते 90% भारतीय महिलाओं में अर्थराइटिस की समस्या देखने को मिलती है।

शराब और धूम्रपान

जो महिलाएं शराब व धूम्रपान का अधिक सेवन करती हैं, उन्हें भी समय से पहले अर्थराइटिस या घुटने खराब होने की समस्या हो सकती है।

मोटापा

मोटापा भी अर्थराइटिस का सबसे बड़ा कारण है। रजोनिवृत्ति से गुजरने वाली महिलाओं का वजन अक्सर बढ़ जाता है और जोड़ों पर बढ़ा हुआ तनाव ऑस्टियोआर्थराइटिस का कारण बन सकता है। जब तक महिला 65 तक पहुंचती है, उनमें ऑस्टियोआर्थराइटिस की संभावना दोगुनी हो जाती है।

हाई हील्स पहनना

महिलाओं में पेटेलोफेमोरल सिंड्रोम नामक एक स्थिति विकसित होने की अधिक संभावना होती है, जिसमें घुटना (पेटेला) जोड़ पर आसानी से नहीं चढ़ता है और जांघ की हड्डी (फीमर) के निचले हिस्से में रगड़ता रहता है। हाई हील्स पहनने वाली महिलाओं को इसकी संभावना अधिक होती है, जो गठिया में बदल सकती है।

हार्मोन्स का बढ़ना

आर्थराइटिस का एक कारण रिलैक्सिन नामक हार्मोन भी है, जो गर्भावस्था के दौरान बढ़ जाता है और जोड़ों को अधिक ढीला बनाता है। इससे जोड़ों में अस्थिरता पैदा होती है, जो आर्थराइटिस का कारण बन सकती है।

Content Writer

Anjali Rajput