Falgun Amavasya 2021: सालभर में होती हैं 12 अमावस्या, जानिए शुभ मुहूर्त और महत्व

punjabkesari.in Friday, Mar 12, 2021 - 09:24 AM (IST)

फाल्गुन माह के कृष्ण पक्ष में पड़ने वाली अमावस्या को 'फाल्गुन अमावस्या' कहा जाता है जो हिंदू धर्म में काफी महत्वपूर्ण रखती है। सयह देसी या हिंदू वर्ष की आखिरी अमावस्या भी होती है, जो महाशिवरात्रि पर्व के बाद आती है। इस दौरान लोग पितरों की आत्मा शांति के लिए दान, तर्पण और श्राद्ध आदि करते हैं। इसके अलावा इस दिन लोग तीर्थ स्थानों पर स्नान और व्रत आदि भी करते हैं। चलिए आपको बताते हैं फाल्गुन अमावस्या की शुभ तिथि और व्रत रखने का महत्व...

सबसे पहले जानिए फाल्गुन अमावस्या शुभ मुहूर्त

इस बार फाल्गुन अमावस्या मार्च 12, 2021 ( शनिवार) को 15:04:32 से आरंभ होकर मार्च 13, 2021 को 15:52:49 पर समाप्त होगी।

सालभर में होती हैं 12 अमावस्या

हिंदू कैलेंडर के अनुसार, हर महीने में एक दिन अमावस्या होती है, जिसे 'नो-मून डे' (No Moon Day) भी कहा जाता है। सालभर में 12 अमावस्याएं आती हैं, जिसमे से फाल्गुण अमावस्या सबसे महत्वपूर्ण मानी जाती है। कई धार्मिक तीर्थ स्थलों पर इस दिन मेलों का आयोजन भी किया जाता है। हालांकि अमावस्या के दिनों को अशुभ माना जाता है क्योंकि इस समय बुरी और नकारात्मक शक्तियां भी पृथ्वी पर सबसे मजबूत होती हैं।

व्रत रखने का महत्व

मान्यता है कि फाल्गुन अमावस्या का व्रत रखने से  सुख, संपत्ति और सौभाग्य की प्राप्ति होती है। साथ ही इससे जीवन में सुख और शांति भी आती है। हालांकि कुछ लोग पितरों की शांति के लिए भी व्रत और अपवास करते हैं।

फाल्गुन अमावस्या का महत्व

धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, देवी-देवता फाल्गुन अमावस्या के दिन नदियों में वास करते हैं इसलिए इस दिन गंगा, यमुना जैसी पावन नदियों में स्नान करने से मोक्ष मिलता है। अगर अमावस्या तिथि सोमवार के दिन हो तो महाकुंभ स्नान का योग भी बनता है, जिसे शास्त्रों में बहुत फलदायी माना जाता है। वहीं, अगर अमावस्या सोमवार के दिन पड़ जाए तो इसे सोमवती अमावस्या कहा जाता है।

 

Content Writer

Anjali Rajput