गोरेपन के लालच ने दिला दिया 500 मिलियन डॉलर का बिजनेस !

punjabkesari.in Thursday, Jan 23, 2020 - 07:39 PM (IST)

भारत में गोरे रंग का क्रेज बहुत ज्यादा देखने को मिलता है, खासकर महिलाओं में। अगर हम यह कह दें कि भारत में गोरेपन को लेकर जबरदस्त दीवानगी है तो गलत नहीं होगा बस इसी चक्कर में यहां फेयरनेस प्रॉडक्ट्स का बिजनेस धड़ल्ले से चल रहा है...भारत में फेयरनेस क्रीम के बिजनेस ने करीब $500 मिलियन डॉलर का बढ़ावा दिया है आखिर गोरे रंग का क्रेज भारतीयों में इतना ज्यादा क्यों है?

 

इस बारे में क्या आपने कभी सोचा कि आखिर ऐसी कौनसी सोच हैं कि लड़कियां फेयर स्किन टोन पाने के लिए मंहगे ब्यूटी ट्रीटमेंट्स लेने से भी कुरेज नहीं करती तो बता दें कि इसके लिए जिम्मेदार कोई और नहीं हैं ब्ल्कि भारतीयों की सोच है... 

आज भी क्वालिफिकेशन नहीं, देखा जाता है रंग!

भारतीय समाज में आज भी गोरा रंग लड़कियों के लिए एक पूंजी है, जिसकी मदद से अच्छी नौकरी से लेकर अमीर दूल्हा तक मिल जाता है। हालांकि ऐसा लड़कों के साथ भी होता है।


बॉलीवुड में भी गोरे रंग का क्रेज

वहीं अगर बॉलीवुड की बात करें जो कि एक दुनियाभर की नामी फिल्म इंडस्ट्री है, वहां लोग स्टारडम का सपना देखने हैं लेकिन इस इडस्ट्री में आज भी कही ना कही हीरोइन्स की एक्टिंग से ज्यादा रंग को अहमियत दी जाती हैं हालांकि इस सोच में कुछ प्रतिशत सुधार हुआ है।


भारत में फेयरनेस ब्यूटी प्रॉडक्ट्स का सबसे बड़ा बाजार

गोरा करने वाला साबुन हो या क्रीम, यहां फेयरनेस प्रॉडक्ट्स गांव से लेकर शहरों तक खूब तेजी से बिकते हैं। वहीं सर्वे रिपोर्ट की माने तो देश में गोरेपन की क्रीम के बाजार का 50-70 फीसदी हिस्सा "फेयर एंड लवली" के पास ही है।

गोरापन है क्या?

त्वचा के सबसे ऊपरी हिस्से में मेलानोसोम्स कितने बड़े, और किस तरह बंटे हैं, यह सब जेनेटकली ही तय होता है। मेलानोसोम्स असल में एक किस्म की बारीक थैली होती है जिसमें मेलानिन या पिगमेंट भरे होते हैं, यही त्वचा के रंग पर असर डालते हैं.- जितना कम मेलानिन त्वचा उतनी गोरी होगी और यह सब पेरेंट्स के जींस पर निर्भर करता है।


क्या वाकई गोरा करती हैं क्रीम?

विशेषज्ञों के मुताबिक, फेयरनेस क्रीम महज 20% ही बदलाव करती हैं। गोरा करने वाली क्रीमों में मौजूद केमिकल त्वचा की ऊपरी परत में मौजूद मेलानिन या पिगमेंट कम कर सकता है लेकिन उनका बेस नहीं बदल सकता।
.यह क्रीम्स सूरज की पराबैंगनी किरण को रोक सकती है। ऐसा होने से मेलानिन कम बनता है जिससे स्किन कम काली होती है।

फेयरनेस क्रीम के साइड इफेक्ट्स 

फेयरनेस क्रीम्स के लोग इस कद्र आदी हो जाते हैं कि इसे लगाना नहीं छोड़ते 
.नतीजा चेहरे पर ड्राइनेस आ जाती है
.त्वचा खिंची-खिंची सी नजर आने लगती है
.स्किन इतनी पतली हो जाती है कि खून की नलियां साफ दिखने लगती है।
.इससे हमेशा के लिए स्किन डेेमेज हो सकती हैं।
.चेहरे पर अनचाहे बाल आ सकते हैं
.इम्यून सिस्टम कमजोर हो सकता है।
.चेहरे पर लाल रेशेज और झाइयां पड़ सकती हैं। 

क्या करें?

.धूप से बचने के लिए सनस्क्रीन लोशन का लगाएं।
.नारियल तेल एलोवेरा जेल व मास्चराइजिंग क्रीम लगाएं।
.कोई भी क्रीम इस्तेमाल करने से पहले डॉक्टरी सलाह लें।

Content Writer

Anjali Rajput