हर बार एक बेटी या फिर बहू से ही उम्मीदें क्यों...?
punjabkesari.in Sunday, Mar 01, 2020 - 02:54 PM (IST)
क्या कभी आपने जीवन में अपने आस-पास महसूस किया कि सबसे ज्यादा उम्मीदें एक स्त्री से रखीं जाती हैं? वो स्त्री चाहे घर की बेटी हो या फिर बहू, सबसे ज्यादा अच्छी-अच्छी बातों और काम की उम्मीदें उसी से ज्यादा रखी जाती हैं। इसमें कोई शक नहीं कि व्यक्ति को हर काम में निपुन्न होना चाहिए, मगर कई बार जरुरत से ज्यादा उम्मीदें, एक इंसान पर बोझ बन जाती हैं। बोझ के तल पर कभी कोई भी जीवन खुशी से नहीं व्यतीत कर सकता। ऐसे में किसी से उसके जीने का हक छीन लेना कितना सही है? क्या कभी आपने सोचा है...
लड़कियां ऐसा नहीं करती...
अक्सर घरों में सुनने को मिलता है, एक तुम एक लड़की हो, तुम्हें ऐसा नहीं करना चाहिए। एक लड़की अगर किसी दिन घर देरी से आए, या फिर वह घूमने-फिरने अपने दोस्तों के साथ कहीं बाहर चली जाए, तो उसे ऐसा अक्सर घरवालों से सुनने को मिल ही जाता है। न केवल लड़की को बल्कि घर की बहू को भी ऐसा कुछ ही सुनना पड़ता है। हम यह नहीं कह रहे कि ऐसा हर घर में होता हैं, मगर ज्यादातर आज भी लड़कियों को लेकर कुछ घरों में पाबंदियां जरुर लगाई गई हैं। कई बार तो उनका नौकरी करना भी छुड़वा लिया जाता है।
जरुरी भी हैं पाबंदियां
आजकल जहां आप सभी लोग लड़कियों के साथ हो रहे दुर्व्यवहार के बारे में सुनते हैं, ऐसे में लड़कियों को उनकी सेफ्टी के बारे में बताना जरुरी है। मगर दूसरे लोगों की गलती की सजा आपकी बेटी या फिर बहू को क्यों मिले? आप उन्हें समय पर घर आने के लिए कहें, मगर यदि कभी काम के चलते देरी हो भी जाए, तो उनसे संपर्क बनाकर रखें, न कि उनपर पाबंदियां या फिर गुस्सा करें।
बहू संभाले घर...
आजकल 100 में से 70 लड़कियां वर्किंग हैं। जॉब के साथ-साथ घर संभालना काफी मुश्किल काम है। ऐसे में हो सके तो बहुओं की मदद करनी चाहिए। अगर मदद न कर पाएं तो कम से कम उनके काम में गलतियां कम और उनका साहस बढ़ाना चाहिए। एक लड़की अगर घर और जॉब दोनों संभाल सकती हैं तो एक लड़के को भी चाहिए कि वह घर के काम में कुछ हाथ जरुर बंटाए।
1 दिन की छुट्टी
वर्किंग वुमेन का छुट्टी वाला दिन घर के कामों में व्यतीत हो जाता है। अगर तो आपको काम करने का शौंक है तो उसमें कोई समस्या नहीं। मगर सारा दिन ऑफिस और घर संभालते-संभालते हर औरत का दिल करता है कि बस एक दिन कोई काम न हो। ऐसे में हो सके तो खुद के लिए महीने में 1-2 बार खुद के लिए जरुर निकालें। जिसमें आराम करें, दोस्तों के साथ घूमने जाएं या फिर पार्लर जाकर रिलैक्स करें या फिर आपको जो भी अच्छा लगता है, उस दिन वो काम करें।